भोपाल। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मामा, महाराज और राजा की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है। मंगलवार को मध्यप्रदेश की 9 सीटें पर 67.93 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव आयोग के अनुसार ये आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है।
इन सीटों पर 2019 में 66.63 प्रतिशत मतदान हुआ था जिसका मतलब है कि 1.30 फीसदी अधिक मतदान हुआ है। इस चरण में सबसे ज्यादा मतदान राजगढ़ सीट पर 75.39 प्रतिशत हुआ है।
हालांकि ये 2019 के 79.46 के मुकाबले 4.07 कम है जबकि सबसे कम भिंड सीट पर 54.87 प्रतिशत मतदान हुआ है। उधर विदिशा में 74.05 फीसदी जो 2019 के 65.70 फीसदी मतदान से +8.35 फीसदी ज्यादा है।
बैतूल सीट पर 72.65 फीसदी, जो पिछले चुनाव के 78.15 फीसदी से -5.5 कम है। गुना लोकसभा सीट पर 71.95 मतदान हुआ जो 2019 के 70.32 फीसदी से +1.63 अधिक है।
बुंदेलखंड की सागर सीट पर 65.19% वोटिंग हुई जो 2019 के 65.51% के मुकाबले -0.32 फीसदी कम है। भोपाल सीट पर 62.29 फीसदी मतदान हुआ जो 2019 के 74.39 फीसदी के मुकाबले -12.1 फीसदी कम है।
ग्वालियर सीट पर 61.68 फीसदी मतदान हुआ है जो 2019 के 59.78 फीसदी के मुकाबले +1.9 अधिक है। मुरैना लोकसभा सीट पर 58.22 फीसदी वोटिंग हुई जो 2019 के 61.89 फीसदी मतदान से -3.67 कम है।
सीट – 2024 – 2019 – अंतर
तीसरा चरण 67.93 66.63 +1.30
राजगढ़- 75.39 79.46 -4.07
भिंड- 54.87 54.42 +0.45
विदिशा- 74.05 65.70 +8.35
बैतूल- 72.65 78.15 -5.5
गुना- 71.95 70.32 +1.63
सागर- 65.19 65.51 -0.32
भोपाल- 62.29 74.39 -12.1
ग्वालियर- 61.68 59.78 +1.9
मुरैना- 58.22 61.89 -3.67
तीसरे चरण में क्यों बढ़ा मतदान ?
प्रदेश में पहले दो चरणों के मुकाबले तीसरे चरण में मतदान प्रतिशत बढ़ने का कारण कैंडिडेंट, कार्यकर्ता और कार्यक्रम यानि तीन K फैक्टर बताए जा रहे हैं।
पहला K फैक्टर – ‘कैंडिडेंट’
तीसरे चरण में तीन दिग्गज चुनाव मैदान में थे। राजगढ़ से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह करीब तीस साल बाद चुनाव में उतरे। उनकी वजह से यहां अधिक मतदान हुआ जो उनके पक्ष में जाता दिखाई दे रहा है।
विदिशा में मतदान बढ़ने का कारण पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का चुनाव लड़ना है। गुना में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी पिछली हार से सबक लेकर अपनी प्रतिष्ठा वापस पाने पूरा जोर लगाया है।
दूसरा K फैक्टर – ‘विवाह कार्यक्रम’
पहले और दूसरे चरण में शादी विवाह के कार्यक्रम भी कम मतदान का कारण रहे। 26 अप्रैल को शादी अंतिम शुभ मुहूर्त था। उसके बाद सवालों में घिरे चुनाव आयोग ने तीसरे चरण में मतदाताओं के लिए जागरुकता अभियान चलाए। लोगों को प्रेरित करने लकी ड्रॉ जैसे प्रयास किए गए।
तीसरा K फैक्टर – ‘कार्यकर्ता’
पहले और दूसरे चरण में कम मतदान से राजनीतिक दल भी चिंतित थे। तीसरे चरण में प्रदेश के दोनों प्रमुख दलों ने अपने कार्यकर्ताओं को मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए सक्रिय किया।
बीजेपी ने बूथ लेवल से ऊपर तक के पदाधिकारियों को चुनाव में झोंक दिया। तीसरे चरण में राजगढ़, भिंड, विदिशा, गुना और ग्वालियर में औसत से अधिक मतदान हुआ है।
राजनीतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि गुना और विदिशा समेत 6 सीटों पर बीजेपी को बढ़त का अनुमान है जबकि राजगढ़ भिंड और ग्वालियर में कांग्रेस आगे दिखाई दे रही है, लेकिन अंतिम फैसला तो 4 जून को ही होगा, जब रिजल्ट घोषित होंगे।