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सुकन्या समृद्धि योजना में बदलाव, 1 अक्टूबर से नए नियम लागू, बंद हुए ये खाते

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Ishwar Khatri
Ishwar Khatri
ईश्वर एक वैश्विक अर्थशास्त्री, इंटरनल ऑडिटर तथा अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग. बीमा, वित्तीय विश्लेषक हैं, वे भारत तथा मध्य-पूर्व (खाड़ी) देशो, यूरोप, एशिया-प्रशांत (APAC), अमेरिका स्थित बिजनेस कॉर्पोरेट हाउस और कंपनियों मे फायनेंस कन्ट्रोल, फायनेंस एनालिस्ट, इन्वेस्टमेंट प्लानिंग, आतंरिक अंकेक्षण, डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन, एकाउंटिंग एंड फायनेंस के लिये इंटरप्राएसेस रिसौर्स प्लानिंग, EPM and SaaS कन्सल्टिंग जैसी सेवाओं को देने के लिये कुल 24 वर्षो का अनुभव रखते हैं |

Rule Change In SSY Scheme: भारत सरकार ने साल 2015 में बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की थी।

सुकन्या समृद्धि योजना के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है।

सुकन्या समृद्धि योजना से जुड़े नए नियम 1 अक्टूबर 2024 से लागू होंगे।

इन नए नियमों के चलते योजना से जुड़े कई खाते बंद कर दिए गए हैं।

सुकन्या समृद्धि योजना का ये खाता हुआ बंद

केंद्र सरकार द्वारा खासतौर पर बेटियों के लिए संचालित सुकन्या समृद्धि योजना से जुड़ा एक बड़ा बदलाव किया गया है।

इसके तहत अब से बेटियों के सिर्फ कानूनी अभिभावक ही उनके नाम पर ये अकाउंट खोल सकेंगे और चला सकेंगे।

अगर किसी लड़की का सुकन्या अकाउंट ऐसे व्यक्ति के द्वारा खोला गया है, जो उसके लीगल पेरेंट्स (कानूनी अभिभावक) नहीं है तो उसे ये खाता लीगल पेरेंट्स को ट्रांसफर करना होगा।

Sukanya Samriddhi Yojna
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ऐसा नहीं करने की स्थिति में उस अकाउंट को बंद किया जा सकता है।

बता दें यह अद्भुत योजना बेटियों की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई थी।

अब वित्त मंत्रालय ने इस योजना से जुड़े कई नियमों में बदलाव किया है।

साथ ही आर्थिक मामलों के विभाग ने नई गाइडलाइंस जारी कर सभी डाकघरों से नए निर्देशों के मुताबिक काम करने की अपील की है।

माता-पिता या अभिभावक का पैन-आधार लिंक होना जरूरी

नई गाइडलाइंस के मुताबिक दादा-दादी या नाना-नानी द्वारा खोले गए सुकन्या खाते को अब माता-पिता या कानूनी अभिभावक के नाम ट्रांसफर करना होगा।

अगर एक ही बिटिया के दो सुकन्या खाते खोले गए हैं तो उन्हें बंद कर दिया जाएगा, ऐसे खाते नियमों के विरुद्ध माने जाएंगे।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक सभी सुकन्या समृद्धि खातों में माता-पिता या अभिभावक का पैन और आधार कार्ड जरुर जुड़ा होना चाहिए।

Sukanya Samriddhi Yojna
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अगर ऐसा नहीं है तो तुरंत उनका पैन और आधार नंबर मांग लें।

सभी डाकघरों को नए नियमों के बारे में सभी खाताधारकों को तुरंत सूचित करने के लिए भी कहा गया है।

सर्कुलर के मुताबिक अनियमित खातों को नियमित करने का अधिकार सिर्फ वित्त मंत्रालय के पास है।

ऐसे में सभी अनियमित खातों की जानकारी उन्हें दी जाए।

वर्तमान प्रभावी ब्याज दर 8.2 प्रतिशत से निवेश प्लानिंग

सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत माता-पिता के द्वारा अपनी बिटिया के 10 वर्ष की आयु पूरी होने से पहले बचत खाता खुलवाया जाता है।

सुकन्या समृद्धि योजना में आप प्रति माह 250 रुपये से लेकर सालाना 1.5 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं।

इस तिमाही में सुकन्या खाते पर वर्तमान में प्रभावी 8.2 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है।

प्रभावी बयाज़ दर को वित्त मंत्रालय द्वारा प्रति त्रिमाही में अधिसूचित किया जाता हैं।

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यह खाता बेटी के 21 साल की होने पर परिपक्व होता है।

इसके अलावा बेटी के 18 साल के होने पर इस खाते से 50% रकम निकाली जा सकती है।

इस खाते को खोलने के लिए आपको बेटी का जन्म प्रमाण पत्र देना होगा।

साथ ही आपको माता-पिता या अभिभावक का पैन और आधार कार्ड भी देना होगा।

सुकन्या समृद्धि योजना का गणित

अगर आप 5 साल की उम्र में अपनी बेटी के नाम से सुकन्या समृद्धि योजना खुलवाते हैं और इसमें सालाना 1.5 लाख रुपये का इन्वेस्टमेंट करते हैं।

फिर जब आपकी बेटी की उम्र 21 साल होगी तो उसके अकाउंट में 69 लाख रुपये से अधिक की रकम इकठ्ठा हो चुकी होगी।

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सुकन्या समृद्धि योजना के तहत वर्तमान मे मिल रहे प्रभावी ब्याज दर के हिसाब से इस स्कीम में बेटी के लिए सालाना 1.5 लाख रुपये 15 साल तक जमा कराने पर आपके द्वारा निवेश की गई कुल रकम 22 लाख 50 हजार रुपये होगी।

वहीं इस पर 8.2 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर के हिसाब से ब्याज 46 लाख 77 हजार 578 रुपये होगा।

यानी 21 साल की होने पर बेटी को कुल 69 लाख 27 हजार 578 रुपये मिल सकेंगे।

बिटिया की उम्र 18 वर्ष होने पर निकासी के नियम

सुकन्या समृद्धि योजना में किये गये निवेश के लिये आयकर (Income Tax) की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक प्रतिवर्ष टैक्‍स छूट का लाभ मिलता है, जो कि आयकर के पुराने टैक्स प्रणाली में लिया जा सकता हैं।

जब आपकी बेटी की उम्र 18 साल हो जाएगी तो उसके बाद पढ़ाई के लिए इस खाते से पहले निकासी की जा सकती है।

शिक्षा के लिए भी अकाउंट में जमा बैलेंस का 50 फीसदी ही निकाल सकते हैं।

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इसके लिए आपको बेटी की शिक्षा से जुड़े दस्तावेज प्रूफ के तौर पर देने होंगे। जमा रकम का पैसा किश्त या एकमुश्त भी ले सकता हैं।

लेकिन, किश्त के रूप में साल में एक बार ही मिलेगा और पांच साल तक आप किश्तों में पैसा निकाल सकते हैं।

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