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ट्रेन में प्रसव, रेलवे स्टेशन पर नहीं मिली एंबुलेंस; बेटे का नाम रखा ‘विदिशा’

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Manish Kumar
Manish Kumarhttps://chauthakhambha.com/
मनीष आधुनिक पत्रकारिता के इस डिजिटल माध्यम को अच्छी तरह समझते हैं। इसके पीछे उनका करीब 16 वर्ष का अनुभव ही वजह है। वे दैनिक भास्कर, नईदुनिया जैसे संस्थानों की वेबसाइट में काफ़ी समय तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। देशगांव डॉट कॉम और न्यूज निब (शॉर्ट न्यूज ऐप) की मुख्य टीम का हिस्सा रहे। मनीष फैक्ट चैकिंग में निपुण हैं। वे गूगल न्यूज इनिशिएटिव व डाटालीड्स के संयुक्त कार्यक्रम फैक्टशाला के सर्टिफाइट फैक्ट चेकर व ट्रेनर हैं। भोपाल के माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर चुके मनीष मानते हैं कि गांव और शहर की खबरों को जोड़ने के लिए मीडिया में माध्यमों की लगातार ज़रूरत है।

Vidisha Born In Train: विदिशा। दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से अपने परिवार संग जांजगीर-चांपा (छत्तीसगढ़) जा रही एक गर्भवती महिला का चलती ट्रेन में प्रसव हो गया।

बीना स्टेशन से निकलने के बाद विदिशा रेलवे स्टेशन पर पहले से खबर कर दिए जाने के बावजूद उन्हें एंबुलेंस नहीं मिल सकी।

लगभग एक घंटे तक इंतजार करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई तो आरपीएफ की मदद से ऑटो के जरिये प्रसूता और उसके परिवार को विदिशा के जिला अस्पताल भेजा गया।

जानकारी के मुताबिक, फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

इसके साथ ही यह भी जानकारी मिली है कि ट्रेन में जन्म लेने वाले इस बच्चे का नाम परिवारवालों ने ‘विदिशा’ रखा है।

Vidisha Born In Train: यह है मामला –

हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से गोंडवाना एक्सप्रेस से राजकुमार चौहान अपनी प्रसूता पत्नी सुमन बाई और दो बेटियों के साथ छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा के लिए निकले थे।

बीना रेलवे स्टेशन निकलने के बाद अचान उनकी गर्भवती पत्नी सुमन को प्रसव पीड़ा होने लगी।

गंजबसौदा रेलवे स्टेशन आते-आते उन्होंने ट्रेन में मौजूद महिलाओं और रेलवे स्टाफ की मदद से बच्चे को जन्म दिया।

बच्चे के प्रसव होने के बाद विदिशा रेलवे स्टेशन पर इस बात की खबर देने के साथ ही एक एंबुलेंस की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था।

Vidisha Born In Train: खबर करने के बाद भी नहीं पहुची एंबुलेंस –

देर रात लगभग साढ़े 12 बजे गोंडवाना एक्सप्रेस विदिशा रेलवे स्टेशन पहुंची, लेकिन वहां एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई थी।

रेलवे सुरक्षा बल और अप-डाउनर एसोसिएशन के सदस्य और कांग्रेस के जिला प्रवक्ता अरुण अवस्थी और उनके साथियों ने प्रसूता और बच्चे को परिवार संग विदिशा रेलवे स्टेशन पर उतारा।

लगभग एक घंटे तक उन्होंने एंबुलेंस का इंतजार किया, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई।

इसके बाद ऑटो के जरिये उन्हें विदिशा जिला अस्पताल भेजा गया, जहां जच्चा-बच्चा पूरी तरह स्वस्थ बताए गए।

Vidisha Born In Train: बेटे का नाम इसलिए रखा ‘विदिशा’ –

ट्रेन में बच्चे को जन्म देने वाली महिला सुमन के पति राजकुमार चौहान ने बताया कि वे मूलतः जांजगीर चांपा के निवासी हैं।

वे दिल्ली में रहकर काम करते हैं और गुजर-बसर करते हैं।

उनकी पहले से दो बेटियां हैं, जिनमें से एक पांच साल की और दूसरी ढाई साल की है।

ट्रेन में अब जो तीसरी संतान हुई है, वह बेटा है।

उन्होंने कहा कि उनका बेटा विदिशा में हुआ है इसलिए उसका नाम वे विदिशा रखेंगे।

वहीं, कांग्रेस के जिला प्रवक्ता अरुण अवस्थी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था के कारण रेलवे स्टेशन पर एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो सकी।

इसके कारण प्रसूता और नवजात को परेशानी झेलनी पड़ी।

हालांकि, उन्होंने आरपीएफ स्टाफ और रेलवे कर्मचारियों द्वारा सहयोग करने के लिए सभी का धन्यवाद दिया।

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