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करवा चौथ से दीवाली तक, कार्तिक मास में पड़ेंगे ये व्रत-त्यौहार; जानें इस महीने का महत्व

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Kartik Maah: हिंदू धर्म में हर महीने का खास महत्व है। लेकिन कार्तिक महीने को दान-पुण्य की दृष्टि से विशेष माना जाता है।

कहते हैं भगवान श्रीकृष्ण को कार्तिक का महीना सभी महीनों में अति प्रिय होता है। इस साल कार्तिक माह 18 अक्टूबर से शुरू हो चुका है।

आइए जानते है इस महीने के प्रमुख व्रत-त्यौहारों के बारे में, साथ ही जानेंगे इस महीने का महत्व और नियमों के बारे में…

योगनिद्गा से जागेंगे विष्णु जी

कार्तिक का महीना चातुर्मास का आखिरी महीना होता है। इस महीने में भगवान विष्णु 4 महीने की योगनिद्रा से जागते हैं। जिसके बाद शादी जैसे मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है।

भगवान हरि जिस दिन योगनिद्रा से जागते हैं उस दिन को देवोत्थान एकादशी या देवउठनी एकादशी के नाम जाना जाता है।

दान-पुण्य का है विशेष महत्व

कार्तिक का महीना दान-पुण्य, पूजा-पाठ, धर्म-कर्म और गंगा स्नान के लिए विशेष माना जाता है।

इस माह में स्नान और दान करने से कई गुना शुभ फल मिलते हैं।

कार्तिक स्नान

पुराणों के अनुसार इस माह में भगवान विष्णु नारायण रूप में जल में निवास करते हैं। इसलिए कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक नियमित सूर्योदय से पहले नदी या तालाब में स्नान से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

करें दीपदान

इस महीने में सूर्यदेव अपनी नीच राशि तुला में रहते हैं जिसके कारण वातावरण में प्रकाश का क्षय होता है और नकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है, जिस कारण से इस माह में दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा में कमी आती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

इसलिए इस महीने में दीपदान करने का विशेष महत्व है।

करें तुलसी की पूजा

कार्तिक माह में रोजाना तुलसी की पूजा करनी चाहिए और जल भी देना चाहिए। शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक भी जरूर जलाएं।

इस बात का ध्यान रखें कि रविवार और एकादशी के दिन तुलसी में जल न दें और न ही तुलसी के पत्ते तोड़े। ऐसी मान्यता है कि इन दिनों पर मां तुलसी, विष्णु जी के लिए निर्जल व्रत करती हैं, तो इन कार्यों को करने से उनके व्रत में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है।

कार्तिक माह में क्या करें

  • कार्तिक महीने में रोजाना गंगा स्नान, दान और दीपदान करना चाहिए।
  • कार्तिक महीने में सुबह-शाम तुलसी जी की पूजा करें और घी का दीपक जलाएं।
  • कार्तिक माह में पवित्र नदियों के तट पर या तालाब आदि में दीपदान करना चाहिए।
  • कार्तिक मास में रोजाना गीता का पाठ करने से पुण्य मिलता है।
  • जो भी व्यक्ति इस माह में अन्नदान और दीपदान करता है उस पर धन के देवता कुबेर की कृपा होती है।

कार्तिक माह में क्या न करें

  • कार्तिक के महीने दिन के समय नहीं सोना चाहिए।
  • कार्तिक का महीना बेहद पवित्र होता है इसलिए इस महीने में मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • कार्तिक महीने में उड़द, मूंग की दाल, मसूर की दाल, चना दाल, मटर, आदि भी नहीं खाना चाहिए।
  • इसके अलावा कार्तिक माह में बैंगन और करेला खाना भी वर्जित माना गया है।
  • कार्तिक मास में शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए। इस महीने में सिर्फ नरक चतुर्दशी और कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी पर ही शरीर पर तेल लगा सकते हैं। बाकी दिन भूलकर भी शरीर पर तेल न लगाएं।

जानिए इस माह के प्रमुख व्रत-त्यौहार…

इस महीने में हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार दीवाली मनाया जाता है। इसके अलावा भी कई अहम व्रत और त्यौहार इस महीने पड़ते हैं

  • 20 अक्टूबर, रविवार: करवा चौथ
  • 21 अक्टूबर, सोमवार: रोहिणी व्रत
  • 24 अक्टूबर, गुरुवार: अहोई अष्टमी
  • 28 अक्टूबर, सोमवार: रमा एकादशी
  • 29 अक्टूबर, मंगलवार: धनतेरस, भौम प्रदोष व्रत, धन्वंतरि जयंती
  • 31 अक्टूबर, गुरुवार: दिवाली, लक्ष्मी पूजा
  • 1 नवंबर, शुक्रवार: कार्तिक अमावस्या
  • 2 नवंबर, शनिवार: गोवर्धन पूजा, अन्नकूट
  • 3 नवंबर, रविवार: भाई दूज
  • 7 नवंबर, गुरुवार: छठ पूजा
  • 12 नवंबर, मंगलवार: देवउठनी एकादशी
  • 13 नवंबर, बुधवार: तुलसी विवाह
  • 14 नवंबर, गुरुवार: वैकुंठ चतुर्दशी
  • 15 नवंबर, शुक्रवार: कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली, गुरु नानक जयंती
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