6 Naxalites Surrender: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की बढ़ती कार्रवाई और नक्सलियों के खिलाफ चलाए अभियान को बड़ी सफलता मिली है।
सरकार की पुनर्वास और आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकरे माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं।
सुकमा जिले में 24 लाख रुपये के 6 इनामी नक्सलियों ने सरेंडर कर किया है, जिनमें एक दम्पति भी शामिल है।
दंपत्ति समेत 6 नक्सलियों ने किया सरेंडर
सुकमा जिले में 6 इनामी नक्सलियों ने सीआरपीएफ डीआईजी आनंद सिंह और सुकमा एसपी किरण चव्हाण के सामने आत्मसमर्पण किया।
इन नक्सलियों में एक दंपती भी शामिल है, जिन पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
1 महिला और 1 पुरूष नक्सली पर 05-05 लाख रुपये का इनाम था।
वहीं 2 पुरूष नक्सलियों पर 2-2 लाख रुपये का इनाम था।
कुल मिलाकर इन नक्सलियों पर 24 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी।
नक्सलियों को आत्मससमर्पण के लिए प्रोत्साहित कराने में जिला बल, डीआरजी, विशेष आसूचना शाखा सुकमा और रेंज फिल्ड टीम कोंटा और 02, 50 वाहिनी सीआरपीएफ को सफलता मिली है।
नक्सलियों को मिलेगा शासन की सुविधाओं का लाभ
आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत रोजगार और शिक्षा समेत शासन की सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
अधिकारियों ने इस मौके पर आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास योजनाओं की जानकारी दी और भविष्य में मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रोत्साहित किया।
आत्मसमर्पण के दौरान इन नक्सलियों ने स्वीकार किया कि वे लंबे समय से संगठन में सक्रिय थे।
लेकिन, नियद नेल्ला नार और सरकार की पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर उन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़ने का निर्णय लिया।
बता दें छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू की गई पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सहायता प्रदान की जा रही है।
नीति के अंतर्गत नक्सलियों को विभिन्न आर्थिक और सामाजिक योजनाओं का लाभ मिलता है।
आत्मसमर्पण से बढ़ी सुरक्षा बलों की हौसला अफजाई
6 इनामी नक्सलियों का यह आत्मसमर्पण सुरक्षा बलों के लिए बड़ी उपलब्धि है।
नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन और पुनर्वास नीति की वजह से नक्सली संगठनों में फूट पड़ रही है और कई नक्सली मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
सुकमा में नक्सलियों का बढ़ता आत्मसमर्पण इस बात का संकेत है कि सुरक्षा बलों के सामने नक्सली हिंसा का प्रभाव कम हो रहा है।
अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में और भी नक्सली संगठन छोड़कर मुख्यधारा में लौटेंगे।
इससे क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने में मदद मिलेगी।
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