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Diwali Safety Tips: पटाखे जलाते वक्त इन बातों का रखें ध्यान, नहीं होगा कोई नुकसान

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Diwali 2024 Safety Tips: दिवाली का त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन पटाखे और दिए जलाने का विशेष महत्व है।

खासकर बच्चें तो पटाखे जलाने के लिए काफी एक्साइटेड रहते हैं। लेकिन इस दौरान कई बार कुछ ऐसा हो जाता है कि हंसते-खेलते माहौल में परेशानी आ जाती है।

ऐसे में कुछ खास सावधानियां बरतकर आप अपनी और परिवार की सुरक्षा कर सकते हैं।

आइए जानते है उन टिप्स के बारे में जिन्हें अपनाकर आप सुरक्षित दिवाली मना सकते हैं…

1. बड़ों की निगरानी में चलाएं पटाखा

बच्चों को हमेशा बड़ों की निगरानी में ही पटाखे जलाना चाहिए। ताकि किसी भी तरह की अनहोनी होने पर तुरंत अस्पताल ले जाया जा सके।

बच्‍चों से रॉकेट या बम वगैरह न चलवाएं बल्कि फुलझड़ी और अनारदाना वगैरह चलवाएं।

2. सड़कों पर न जलाएं पटाखे

कई बार लोग सड़कों पर या छोटी जगह पर ही पटाखे जलाना शुरू कर देते हैं। जिससे दूसरों को भी चोट लग सकती है।

ऐसे में पटाखे हमेशा खुले मैदान या पार्क में ही जलाएं।

3. पटाखों की क्वॉलिटी पर भी दें ध्यान

पैसे बचाने के लिए कभी भी सस्ते पटाखे नहीं खरीदें। हमेशा अच्छी दुकान से पटाखे खरीदें।

पटाखों को जलाने से पहले उसके पैकेट पर लिखे सारे निर्देशों को अच्छे से पढ़ ले और उनका पालन करें।

अगर पटाखा एक बार में न चलें, तो उसे दोबारा न जलाएं। वरना हादसा हो सकता है।

4. हाथ में रखकर न जलाएं पटाखे

कई बार बच्चे अपने हाथ पर रखकर पटाखे जलाने लगते हैं और पटाखे जलाते ही उसे दूर फेंक देते हैं. इससे दूसरों लोगों को चोट लग सकती है और अगर पटाखा हाथ में ही फट जाता है तो बच्चे घायल हो सकते हैं।

पटाखा न चले तो उसे पास न जाकर छुएं। अचानक पटाखे के फट जाने से पास खड़े शख्स को चोट लग सकती हैै।

मटके में रखकर पटाखे न चलाएं और न ही कांच की बोतलों में पटाखे चलाएं. इससे मटके या कांच के कण आंख या शरीर के किसी हिस्‍से में लगने का रिस्‍क रहता है.

5. सूती कपड़े पहनें

दिवाली के दिन पटाखे या दिया जलाते समय कॉटन के ढीले-ढाले कपड़े पहनें। बच्चों को भी कॉटन के कपड़े ही पहनाए।

कभी भी सिंथटिक कपड़े पहनकर पटाखे न जलाएं, इस तरह के कपड़ों में आग लगने की आशंका ज्यादा होती है।

लटकते हुए स्कार्फ, दुपट्टे और घेरदार लहंगा पहनने से भी बचे।

6. पटाखे जलाने के बाद साबुन से हाथ धोएं

पटाखे जलाने के बाद हाथों को हैंडवॉश से अच्छी तरह से धोएं क्योंकि पटाखों में बारुद होता हैं।

जो खाने के साथ हमारे पेट के अंदर जा सकता है इससे पेट संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं।

7. मास्क पहने

पटाखे जलाने से पहले बच्चों को मास्क जरूर पहनाएं, इससे धुंए से राहत मिलेगी।

8. कान में रुई डालकर पटाखे जलाएं

कई बार दिवाली पर पटाखों की तेज आवाज से कान में दर्द, कान सुन्न होना औऱ अस्थायी बहरापन जैसी समस्याएं हो सकती है।

100 डेसिबल या उससे अधिक आवाज वाले पटाखों से कान के परदों को नुकसान पहुंच सकता है।

ऐसे में जरूरी है कि बच्चों के कान में रुई लगाकर पटाखे चलवाएं।

अगर कान में सन्न की आवाज होने लगे तो डॉक्टर से संपर्क करें।

9. पटाखे जलाने से पहले पहने चश्मा

हो सके तो पटाखे जलाने से पहले जीरो पावर का चश्मा लगाए, इससे आंखें सुरक्षित रहेगी।

अगर पटाखों से आंख को किसी तरह का नुकसान पहुंचे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।

10. पानी की बाल्टी पास रखें

जब भी पटाखे चलाएं, पानी की 2-3 बाल्टी भरकर जरूर रख लें। ये पानी जलने की स्थिति में भी काम आएगा और बुझे हुई कारतूस और फुलझड़ी भी इसी पानी में डाल सकते हैं।

11. ग्रीन पटाखों का यूज

ग्रीन पटाखों का इस्‍तेमाल करें। इनकी आवाज और चमक आम पटाखों की तुलना में कम होती है। जिससे आंखों और कानों को कम नुकसान पहुंचता है।

दिवाली पर फर्स्‍ट एड तैयार रखें

दिवाली पर पटाखे जलाने से पहले घर पर एक फर्स्‍ट एड बॉक्‍स तैयार करें।

इस बॉक्स में एंटी सेप्टिक क्रीम, पेन किलर, घाव साफ करने का लोशन, पेनकिलर टैबलेट्स, साफ पट्टी, रूई, एंटी सेप्टिक ऑइंन्टमेंट, पेपर टेप, सैवलॉन, छोटी कैंची और ग्‍लव्‍ज जरूर रखें।

हल्‍की-फुल्‍की चोट या जलने की स्थिति में ये चीजें प्राथमिक उपचार के तौर पर काम आ सकती हैं।

ज्‍यादा समस्‍या होने पर पीड़ित को बिना देर किए फौरन नजदीकी अस्‍पताल ले जाएं।

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