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इंसानियत सबसे बड़ा रिश्ता, मोहल्ले वासियों ने अकेले रह रहे बुजुर्ग का किया अंतिम संस्कार

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Funeral Of Old Man: कहते हैं जिसका कोई नहीं होता उसका ऊपर वाला होता है।

भगवान आपके लिए मदद के रुप में सहारा भेज देता है।

ऐसा ही कुछ हुआ छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में, जहां मोहल्ले वासियों ने इंसानियत का फर्ज निभाया।

सामूहिक रूप से लोगों ने मिलकर बुजुर्ग का अंतिम संस्कार किया।

पड़ोसियों ने उठाया अंतिम विदाई का जिम्मा

क्रांति नगर इलाके के पूजा अपार्टमेंट में 85 वर्षीय बुजुर्ग अकेले रहते थे।

23 अक्टूबर को दक्षिण भारतीय ब्राह्मण चलपती राव का निधन हो गया था।

बुजुर्ग की ना तो कोई संतान थी ना हो कोई परिवार था।

ऐसे में अपार्टमेंट के लोगों ने ही उनकी अंतिम विदाई का जिम्मा उठाया।

रहवासियों ने मिलकर चलपती राव का अंतिम संस्कार भारतीय नगर स्थित मुक्तिधाम में हिन्दू रीति-रिवाजों के अनुसार किया।

Funeral Of Old Man
Funeral Of Old Man

सभी ने मिलकर उनकी अस्थियों का विसर्जन भी शिवरीनारायण में महानदी के तट पर किया।

जिससे यह आयोजन मानवीयता और सामूहिक सहयोग का एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया।

मोहल्लेवासियों ने साबित किया इंसानियत सबसे बड़ा रिश्ता

इस घटना ने समाज में सहयोग और सद्भाव की भावना को फिर से उजागर किया है।

वहीं मोहल्लेवासियों ने साबित किया है कि इंसानियत के रिश्ते से बड़ा कोई और रिश्ता नहीं होता है।

चलपती राव की अंतिम यात्रा में सामूहिक सहयोग की भावना ने पूरे इलाके को प्रेरणा दी और एकजुटता की मिसाल पेश की।

प्रमुख योगदान देने वालों में अभिजीत मित्रा, शैलेश मिश्रा और मनीष गुप्ता का नाम शामिल है।

बता दें अभिजीत मित्रा को कोरोना महामारी के दौरान उनके साहसिक कार्यों के लिए जाना जाता है।

उन्होंने उस समय 1 हजार 373 लोगों का अंतिम संस्कार किया था।

परिजनों ने कोविड 19 के भय के कारण अपने मृतकों की अंत्येष्टि से किनारा कर लिया था।

इसके बाद अभिजीत ने इसे अपना धार्मिक और मानवीय कर्तव्य समझा और बिना किसी टीम या प्रचार के सभी का अंतिम संस्कार किया।

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