Mahakal Mandir Dhanteras Puja: बाबा महाकाल के आंगन से 5 दिवसीय त्यौहार दीपोत्सव की शुरुआत हो चुकी है।
धनतेरस के पावन पर्व पर 22 पुजारियों ने महाकालेश्वर मंदिर में विशेष पूजन करवाया।
इस मौके पर कलेक्टर और एसपी ने भी विशेष पूजन-अर्चन किया।
बाबा महाकाल को अर्पित किया चांदी का सिक्का
उज्जैन में हर साल की तरह इस साल भी महाकालेश्वर मंदिर में परंपरानुसार धन तेरस की पूजा की गई।
इस विशेष पूजन-अर्चन में मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा, मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़, मंदिर के पुरोहित समिति के अध्यक्ष लोकेन्द्र व्यास सहित और भी कई लोग शामिल हुए।
22 पुजारी-पुरोहितों ने बाबा महाकाल के साथ कुबेर और चांदी के सिक्कों का पूजन-अभिषेक कराया।
इसके बाद बाबा महाकाल को चांदी का सिक्का अर्पित किया गया।
पूजा में मौजूद सभी लोगों ने दीपावली के पावन पर्व की शुभकामनाएं दी।
साथ ही देश-प्रदेश के मंगलमय एवं सुखमय जीवन की भगवान महाकाल और भगवान धन्वंतरी से कामना की।
बता दें कि कार्तिक मास में धनतेरस पर्व पर भगवान श्री धन्वंतरी के जन्म दिवस के अवसर पर पूजन किया जाता है।
इसे धनवंतरी जयंती या धन त्रयोदशी भी कहा जाता है।
महाकाल मंदिर में दीवाली के पहले धनतेरस के दिन भगवान महाकाल का विधिवत पूजन सुख समृद्धि और आरोग्य के लिए कई वर्षों से किया जा रहा है।
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पुजारियों ने किया महाकाल का पंचामृत और रुद्र अभिषेक
मंदिर के नंदी हॉल में पुरोहित समिति के पुजारियों ने सुबह करीब 9 बजे वैभव, आरोग्य और सुख-समृद्धि की कामना कर महाकाल की महा पूजा शुरू कराई।
पुरोहित समिति के सदस्य लोकेश व्यास ने बताया कि यह पूजा करीब एक घंटे चली।
जन कल्याण, विश्व कल्याण के लिए गणपति पूजन, महालक्ष्मी पूजन के बाद भगवान महाकाल का पंचामृत और रुद्र अभिषेक पूजन किया जाता है।
बता दें देशभर में त्योहार-पर्व को सबसे पहले महाकाल मंदिर में मनाने की परंपरा है।
महाकालेश्वर मंदिर में ग्वालियर पचांग के अनुसार पर्व मनाए जाते हैं।
देश में सबसे पहले 31 अक्टूबर को महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में दिवाली मनाई जाएगी।
इस दिन पुजारी परिवार की महिलाएं बाबा को उबटन लगाएंगी।
महाकाल का अद्भुत श्रृंगार होगा, गर्भगृह में अन्न कूट का भोग लगाया जाएगा।
शाम को कोटि तीर्थ कुंड में दीप मालाएं सजाई जाएंगी।
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