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सरकारी नौकरी में महिलाओं को मिलेगा 35% आरक्षण, ये हैं मोहन कैबिनेट के अहम निर्णय

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MP Government Cabinet Decision: मध्यप्रदेश में महिलाओं को सरकारी नौकरी में अब 35 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक आयोजित हुई।

इस बैठक में महिलाओं के हित में बड़ा फैसला लेने के साथ कई अहम निर्णय लिए गए हैं।

जिनका सीधा प्रभाव राज्य की शिक्षा, ऊर्जा और कृषि क्षेत्रों पर पड़ने की संभावना है।

इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज में सहायक प्राध्यापक की भर्ती के लिए आयु सीमा को 10 साल बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।

कैबिनेट बैठक के फैसलों की जानकारी डिप्टी सीएम और लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने दी है ।

शिवराज सरकार के फैसले पर मोहन कैबिनेट की मुहर

मध्यप्रदेश में अब महिलाओं को सरकारी नौकरी में 35 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।

यह आरक्षण एमपी में होने वाली सभी नियुक्तियों में दिया जाएगा।

बता दें महिला आरक्षण 33% से बढ़ाकर 35% करने का निर्णय 3 अक्टूबर 2023 को तत्कालीन शिवराज सरकार ने लिया था।

इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था, ये आदेश तभी से लागू है।

बताया जा रहा है कि शिवराज सरकार के इस फैसले का कैबिनेट से अनुमोदन नहीं हुआ था।

साल भर बाद जब मंत्रालय के अफसरों को इसकी याद आई तो अब जाकर कैबिनेट में प्रस्ताव लाया गया, जिस पर मोहन कैबिनेट ने मुहर लगाई है।

अब मध्यप्रदेश सिविल सेवा आयोग (PSC) और राज्य शिक्षा बोर्ड (ESB) की परीक्षाओं में महिलाओं को आरक्षण दिया जाएगा।

इस वृद्धि का उद्देश्य महिलाओं को रोजगार के क्षेत्र में और अधिक अवसर प्रदान करना और उनके सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।

यह निर्णय राज्य में महिलाओं की भागीदारी को मजबूत करेगा और उन्हें समान अवसर देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर आवेदन के लिए आयु सीमा बढ़ी

मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर आवेदन के लिए आयु सीमा 40 से बढ़ाकर 50 साल की गई है।

कैबिनेट ने तय किया है कि केंद्र सरकार द्वारा गठित पैरा मेडिकल काउंसिल के नियम अब तक जारी नहीं किए गए हैं।

इसलिए एमपी पैरामेडिकल काउंसिल के नियमों को रीएस्टेट किया जाएगा, ताकि एडमिशन और परीक्षाएं हो सकें।

जब भारत सरकार के रूल्स आ जाएंगे तो उसके आधार पर दोबारा फैसला लिया जाएगा।

यह बदलाव राज्य में नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना और उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर लिया गया है।

जिससे अधिक अनुभवी और योग्य उम्मीदवारों को उच्च शिक्षा में योगदान देने का अवसर मिलेगा।

इस निर्णय के तहत राज्य में स्वास्थ्य शिक्षा का स्तर बढ़ाने का प्रयास किया गया है ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मेडिकल क्षेत्र को मिल सके।

सहकारिता विभाग के सभी दफ्तर कम्प्यूटराइज्ड होंगे

कैबिनेट के फैसले के मुताबिक, पैक्स सहकारी समितियां कम्प्यूटराइज्ड हो चुकी हैं।

अब सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार और जॉइंट रजिस्ट्रार के ऑफिस भी कम्प्यूटराइज्ड किए जाने हैं।

इन्हें पैक्स समितियों के साथ इंटीग्रेट करने की तैयारी है।

इस पर स्ट्रेंथनिंग ऑफ को-ऑपरेटिव थ्रू आईटी इंटरवेंशन के माध्यम से 3.68 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

इसमें से 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राज्य सरकार देगी।

ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव और नई परियोजनाएं

ऊर्जा क्षेत्र में भी कैबिनेट ने महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है।

राज्य के सतपुरा ताप विद्युत संयंत्र की पुरानी इकाइयों को हटाने का निर्णय लिया गया है।

इसके तहत 410 मेगावाट की दो इकाइयों को डी-कमीशन कर एक नया 660 मेगावाट का पावर प्लांट स्थापित किया जाएगा।

यह नया संयंत्र न केवल राज्य में ऊर्जा आपूर्ति को सुनिश्चित करेगा बल्कि इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा।

सरकार का मानना है कि ऊर्जा क्षेत्र में इन सुधारों से उत्पादन क्षमता में इजाफा होगा, जिससे प्रदेश के नागरिकों को निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल सकेगी।

कृषि क्षेत्र में सुधार, नए उर्वरक केंद्रों की स्वीकृति

कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के उद्देश्य से कैबिनेट ने 286 नगद उर्वरक केंद्रों को मंजूरी दी है।

जिनमें से 141 केंद्र विपणन समितियों के अंतर्गत स्थापित किए जाएंगे।

इस फैसले से किसानों को खाद की उपलब्धता में आ रही समस्याओं का समाधान होगा।

इससे पहले किसानों को खाद प्राप्त करने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता था और उन्हें कई दिनों तक लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ता था।

राज्य सरकार ने सभी सहकारी समितियों को डिजिटल माध्यम से जोड़ने का भी निर्णय लिया है।

जिससे किसानों को सहूलियत के साथ खाद प्राप्त हो सकेगा और आईटी इंटिग्रेशन से सहकारी समितियों को कंप्यूटराइज्ड किया जाएगा।

इसके लिए सरकार ने 368 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की है।

नर्मदापुरम में निवेशक सम्मेलन की तैयारी

राज्य सरकार ने 7 दिसंबर को नर्मदापुरम में एक विशाल निवेशक सम्मेलन के आयोजन का निर्णय लिया है।

इसके अंतर्गत नर्मदापुरम संभाग के सभी जिलों के अधिकारियों को आवश्यक तैयारी के निर्देश दिए गए हैं।

इस आयोजन से निवेशकों को राज्य में आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है।

जिससे क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

इस सम्मेलन के दौरान राज्य में निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई परियोजनाओं को प्रस्तुत किया जाएगा।

जिससे प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक प्रगति संभव हो सकेगी।

इन महत्वपूर्ण फैसलों से यह स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश सरकार राज्य में शिक्षा, ऊर्जा और कृषि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में व्यापक बदलाव लाने के लिए कटिबद्ध है।

इन सुधारों के माध्यम से सरकार का उद्देश्य न केवल राज्य की जनता के जीवन स्तर को सुधारना है, बल्कि प्रदेश को एक प्रगतिशील और आत्मनिर्भर राज्य के रूप में स्थापित करना है।

कैबिनेट बैठक में इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर

सरकार ने जंगली जानवरों के हमले में जनहानि होने पर दी जाने वाली सहायता राशि को 8 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए किया है।

हाथियों को लेकर सावधानियां बरतने के संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार से बातचीत की गई है, हाथी मित्र योजना लागू की जाएगी और टास्क फोर्स भी बनेगी।

वहीं सिंहस्थ वर्ष-2028 की तैयारियों के लिए मप्र शासन द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पर्यवेक्षण समिति गठित कर दी गई है।

पर्यवेक्षण समिति सिंहस्थ के अंतर्गत मंत्रि-परिषद समिति के निर्देशों का पालन, मंत्रि-परिषद समिति के समक्ष रखे जाने समस्त नीतिगत प्रकरणों का परीक्षण कार्य और विभिन्न विभागों की सिंहस्थ मद कार्य योजना की समीक्षा करेगी।

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