Russia Behind Trump Victory: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी जीत के पीछे एक एक्सटर्नल इन्फ्लुएंस ने काम किया, जिसमें मुख्य रूप से रूस और इसके साथ ही मध्य पूर्व में चल रही अशांति मुख्या कारण रहे हैं।
आइये जानते कैसे रूस ने फिर एक बार अमेरिकी चुनाव को प्रभवित करने की रणनीति पर काम किया और रूस इसे कैसे अपने पक्ष में भुनायेगा।
अमेरिकी खुफिया विभाग ने जुलाई 2024 में कहा था कि रूस 2024 की चुनावी दौड़ में ट्रंप की जीत का पक्षधर है।
अमेरिकी खुफिया एनालिसिस में यह पाया गया कि रूस ने 2016 में ट्रंप को जीतने में मदद करने के लिए चुनाव अभियानों को प्रभावित करने की कोशिश की।
साथ ही एक बार फिर 2020 में जो बिडेन के खिलाफ भी एक असफल कोशिश की थी।
जुलाई 2024 में मध्य पूर्व के एक प्रतिश्ठित समाचार पत्र नेटवर्क को दिए एक इंटरव्यू में एक अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने कहा था कि रूस इस साल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए अपने पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप (नाम लिए बगैर) का फिर से समर्थन करता है।
अमेरिकी चुनाव सुरक्षा पर पत्रकारों को जानकारी दे रहे अधिकारी ने यह पूछे जाने पर कहा कि मॉस्को अगले अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में किसे देखना चाहता है, इस पर उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति और संभावित रिपब्लिकन उम्मीदवार का नाम न लेने में सावधानी बरती थी।
लेकिन, उन्होंने पूर्व में ही संकेत दे दिया था कि रूस ने ट्रंप का समर्थन किया और कहा कि अमेरिकी खुफिया समुदाय ने पिछले चुनावों से मॉस्को की प्राथमिकता के अपने आकलन को नहीं बदला है।
राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (ओडीएनआई) के कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि यूक्रेन के संबंध में अमेरिका की भूमिका और रूस के प्रति व्यापक नीति को देखते हुए हमने पिछले चुनावों के मुकाबले राष्ट्रपति पद की दौड़ के लिए रूस की प्राथमिकताओं में कोई बदलाव नहीं देखा है।
पिछले आकलन में पाया गया कि मॉस्को ने सोशल मीडिया में विशिष्ट प्रभाव अभियानों के माध्यम से ट्रंप को 2016 में हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ जीतने में मदद करने की कोशिश की थी और 2020 के अभियान में वह वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन से हार गए थे।
Russia Behind Trump Victory: रूस की अमेरिका की भीतरी राजनीति में पकड़ और कूटनीति –
अमेरिकी सरकार और निजी उद्योग के लिए साइबर-रक्षा का संचालन करने वाली एजेंसी के अधिकारी ने ओडीएनआई, एफबीआई और क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एंड रेजिलिएंस के राष्ट्रीय समन्वयक की ब्रीफिंग में अधिकारियों से कहा था कि अब तक अमेरिका ने नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव कराने की देश की क्षमता को “कम करने या बाधित” करने की किसी भी देश की योजना का पता नहीं लगाया है।
लेकिन ओडीएनआई अधिकारी ने कहा कि रूस सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से युद्ध के मैदानों में अमेरिकी मतदाताओं के विशिष्ट समूहों को “विभाजनकारी आख्यानों और विशिष्ट राजनेताओं को बदनाम करने” को बढ़ावा देकर प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है जिसमें डीप फेक वीडियो और एआई का भी उपयोग शामिल हैं, जिनका उन्होंने नाम नहीं लिया।
उन्होंने कहा कि रूस चुनाव को प्रभावित करने के लिए राष्ट्रपति, कांग्रेस और जनता की राय सहित संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण अपना रहा है।
अधिकारी ने कहा कि मॉस्को यह निर्धारित करता है कि वे किन उम्मीदवारों का समर्थन या विरोध करना चाहते हैं।
यह मुख्य रूप से यूक्रेन को अमेरिकी सहायता और संबंधित मुद्दों के प्रति उनके रुख के आधार पर होता है।
अधिकारी ने कहा कि यह सभी रणनीतियां हैं जो हमने पहले देखी हैं।
Russia Behind Trump Victory: डीप फेक और एआई का हुआ इस्तेमाल –
मुख्य रूप से सोशल मीडिया प्रयासों के माध्यम से और अपनी बातों को प्रभावपूर्ण तरीके से रखने के लिए अमेरिकी आवाज़ों का उपयोग करना, जिसमें डीप फेक वीडियो और एआई का भी उपयोग हुआ है।
ट्रंप चुनाव अभियान ने रूसी समर्थन के आकलन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जो बिडेन रूस पर कमजोर थे, जैसा कि मॉस्को के यूक्रेन पर आक्रमण से पता चलता है।
ट्रंप अभियान के प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक बयान में कहा कि जब राष्ट्रपति ट्रंप ओवल कार्यालय में थे।
रूस और अमेरिका के सभी विरोधी भयभीत थे क्योंकि उन्हें डर था कि संयुक्त राज्य अमेरिका कैसे प्रतिक्रिया देगा।
इस पर रूसी दूतावास ने टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया था जो कि इस तरह से अपने देश का समर्थन प्रस्तुत करता है।
ट्रंप ने यूक्रेन के लिए अमेरिकी सैन्य समर्थन के पैमाने की अकसर आलोचना की है जो 2022 में रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के बाद से लगभग 60 बिलियन डॉलर है।
उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की को अब तक का सबसे महान विक्रेता भी कहा है।
ट्रंप के दो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने यूक्रेन को अमेरिकी सैन्य समर्थन समाप्त करने की योजना प्रस्तुत की है, जब तक कि कीव युद्ध समाप्त करने के लिए रूस के साथ बातचीत नहीं शुरू करता।
अब ट्रंप की चुनावी जीत के बाद रूस अपनी कूटनीतिक प्रयासों से यूक्रेन पर अमेरिकी हथियारों की सहायता को रुकवाने का पूरा प्रयास करेगा।
साथ ही ईरान पर तेल की बिक्री के लिए भी कुछ आवश्यक प्रतिबंध लगवाने का प्रयास करेगा।
यह दोनों ही प्रयास रूस की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए ट्रंप प्रशासन के द्वारा करवाने के लिए रूस अपनी एड़ी-चोटी का जोर लगाएगा।
इस प्रकार रूस ने अपनी कूटनीति से अपने आर्थिक एवं कूटनीतिक पक्ष के लिए अमेरिकी राजनीति की जमीन का प्रभावपूर्ण उपयोग करने की तैयारी कर रखी है।
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