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स्कूल में बिरसा मुंडा जयंती मनाने का आदेश, छुट्टी वाले दिन बुलाने से शिक्षक नाराज

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School Will Be Held On Holidays: 15 नवंबर को शहीद बिरसा मुंडा जयंती के साथ ही गुरु नानक जयंती और कार्तिक पूर्णिमा भी है।

शासन ने छुट्टी के दिन स्कूल में कार्यक्रम आयोजित करने का आदेश दिया है।

इस फैसले पर शिक्षकों ने गहरी नाराजगी जताई है।

छुट्टी वाले दिन स्कूल में कार्यक्रम का आयोजन

अशासकीय प्राध्यापक संघ ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर नदी स्नान और दीपदान का बड़ा महत्व है।

इसके साथ ही शहीद बिरसा मुंडा की जयंती और गुरु नानक जयंती होने के चलते अवकाश रहेगा।

लेकिन, शासन ने आदेश जारी कर कहा है कि छुट्टी के दिन स्कूल आएं और कार्यक्रम में शामिल हों।

इस पर शिक्षकों का कहना है कि ये आदेश अनुचित है, क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है।

अवकाश के दिन स्कूल बुलाने का कोई औचित्य नहीं है। शासन ने इसी तरह जन्माष्टमी पर्व पर भी स्कूल में बुला लिया था।

शिक्षकों का कहना है कि ये आदेश जनजातीय वर्ग के छात्रों पर लागू नहीं किया गया है।

जो सरकार से न केवल 3 हजार रुपए स्कॉलरशिप ले रहे हैं, बल्कि मुंडा उनके आराध्य भी हैं।

शिक्षकों को भाजपा सरकार से ऐसी अपेक्षा नहीं

उच्च शिक्षा विभाग के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. धीरेंद्र शुक्ल ने पत्र जारी किया है और खास बात ये है कि इस पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं।

जबकि उनकी ओर से जिलों के शिक्षाधिकारियों को फोन कर दिए गए हैं और प्राचार्य भी शिक्षकों के लिए नोटिस निकाल रहे हैं।

इन सब पर शिक्षकों का कहना है कि उन्हें प्रदेश की भाजपा सरकार से त्यौहारों पर मिल रही छुट्टियों के दिन कार्यक्रम करने का आदेश देने की अपेक्षा नहीं थी।

ईद पर हिंदू कर्मचारियों-शिक्षकों को बुला लिया जाता है, तो दीपावली पर मुस्लिम कर्मचारी आ जाते हैं।

लेकिन जो बड़े त्यौहार हैं उन पर शिक्षकों को बुलाना कतई उचित नहीं है।

हिंदू समाज के लोग साल में 2 पूर्णिमा माघ और कार्तिक पर पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।

ऐसे में बिरसा मुंडा जयंती मनाने के लिए बुलाने से शिक्षकों में नाराजगी है।

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