Pigeon Tournament: क्या आपने कभी कबूतरों का अनोखा टूर्नामेंट देखा है।
यह टूर्नामेंट वाकई एक दिलचस्प और अलग तरह का आयोजन होता है।
यह आयोजन खास तौर पर कबूतर पालने के शौकीनों के लिए होता है।
जहां कबूतरों की उड़ान की लंबाई और कौशल के आधार पर प्रतियोगिता होती है।
ये अनोखा आयोजन हर साल मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में होता है।
जिसमें जितने वाले को हजारों रुपये का इनाम मिलता है।
वार्षिक कबूतर टूर्नामेंट, इंदौर के शौकीनों की अनोखी परंपरा
इंदौर में कबूतर पालने के शौकीनों ने शहर के आसमान पर अद्भुत नज़ारा पेश किया।
हर साल की तरह इस साल भी कबूतरों का टूर्नामेंट बड़े उत्साह के साथ आयोजित किया गया।
स्थानीय लोग बड़ी संख्या में इस आयोजन का हिस्सा बने।
सुबह 7 बजे शहर के 11 विभिन्न स्थानों से कबूतर उड़ाए गए।
हर स्थान पर कबूतर पालक संगठन का एक-एक व्यक्ति तैनात रहा, जो कबूतरों की मॉनिटरिंग कर रहा था।
प्रतियोगिता से पहले कबूतरों को बादाम और खास खान-पान दिया गया ताकि उनकी उड़ान लंबी हो।
बताया जाता है कि इन कबूतरों की उड़ान इतनी मजबूत होती है कि कई कबूतर दोपहर 2 बजे तक आसमान में रहते हैं, जबकि कुछ 3 बजे के बाद नीचे आते हैं।
वहीं आयोजन में भाग लेने वाले कबूतरों के मालिक कबूतरों को विशेष देखभाल के साथ प्रशिक्षित करते हैं।
यह आयोजन एक तरह से कबूतरों की ताकत और धैर्य की परीक्षा होती है।
सबसे लंबी उड़ान के लिए दांव पर 21 हजार का इनाम
इस प्रतियोगिता में मुख्य नियम यह है कि जिसका कबूतर सबसे पहले नीचे बैठता है, वह हार जाता है।
वहीं, जो कबूतर सबसे अंत तक आसमान में रहता है, उसके मालिक को 21 हजार रुपये का प्रथम पुरस्कार दिया जाता है।
दूसरा इनाम 15 हजार रुपये, तीसरा 10 हजार रुपये और चौथा 7 हजार रुपये का होता है।
टूर्नामेंट के साथ ही शहर के कई स्थानों पर कबूतरों का हाट भी लगा, जहां कबूतरों की खरीद-फरोख्त हुई।
एक कबूतर की कीमत 200 से 500 तक रुपये रही।
इस आयोजन के दौरान कबूतर पालक संगठन के सदस्य अलग-अलग स्थानों पर तैनात रहे, जो कबूतरों की निगरानी और निर्णय प्रक्रिया में शामिल थे।
यह टूर्नामेंट न केवल कबूतर पालकों की प्रतिभा का प्रदर्शन है, बल्कि शहर के लोगों के लिए मनोरंजन और आपसी जुड़ाव का अवसर भी है।