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700 साल पुराने इस मंदिर में होते हैं तलाक, जानें डिवोर्स टेंपल का इतिहास और रहस्य

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Divorce Temple: दुनिया में ऐसी तमाम जगहें हैं, जो अपने अजीबो-गरीब इतिहास के लिए जानी जाती हैं।

ऐसे ही एक अनोखी जगह के बारे में आज हम आपको बताएंगे।

दुनिया भर में हजारों मंदिर हैं, हर एक अपनी अनूठी कहानी और महत्व लिए हुए है।

वहीं एक एक ऐसा मंदिर भी है, जो अपनी अनोखी परंपरा के लिए जाना जाता है।

आमतौर पर मंदिरों में लोग अपनी मनोकामनाएं पूरी करने और आशीर्वाद लेने के लिए जाते हैं।

लेकिन, इस मंदिर में तलाक के फ़ैसलें होते हैं, इसलिए इसे डिवोर्स टेंपल (Divorce Temple) कहा जाता है।

एक ऐसा मंदिर, जहां होता है तलाक का फैसला!

आमतौर पर जब शादी के रिश्ते में विवाद बढ़ जाते हैं, तो दंपति अलग हो जाते हैं।

लेकिन, किसी महिला का  पति से तलाक लेना जीवन भर के लिए दर्द बन जाता है।

तलाक से सिर्फ पति-पत्नी अलग नहीं होते हैं, बल्कि दो परिवार भी अलग हो जाते हैं।

इसके अलावा तलाक का सबसे बुरा प्रभाव संतानों पर पड़ता है।

समाज में तलाक को अच्छा नहीं कहा जाता है, लेकिन जब पति-पत्नी के बीच रिश्ते बेहद खराब हो जाते हैं, तो सिर्फ एक मात्र यही रास्ता बचता है।

आज भी दुनिया में कई ऐसे समुदाय हैं, जिनमें तलाक को बुरा माना जाता है।

तलाक के बाद महिलाओं का जीवन मुश्किल भरा हो जाता है, उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

वहीं दुनिया में एक ऐसा भी मंदिर है, जहां शादी से परेशान महिलाओं को शरण मिलती है।

सैकड़ों साल पुराना यह डिवॉर्स टेम्पल (Divorce Temple) जापान में स्थित है।

Divorce Temple
Divorce Temple

यहां आकर महिलाएं न सिर्फ आध्यात्मिक शांति पाती हैं, बल्कि अपने भविष्य के लिए नए लक्ष्य भी निर्धारित करती हैं।

यहां परंपरागत तरीके से पति-पत्नी के बीच के झगड़ों को सुलझाने के लिए पंचायत आयोजित की जाती है।

अगर विवाद सुलझ नहीं पाता, तो यहां तलाक को भी मान्यता दी जाती है।

डिवोर्स टेंपल की खासियत और 700 साल पुराना इतिहास

डिवोर्स टेंपल सुनने में बेशक थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन इसके पीछे भी कहानी है।

डिवोर्स टेंपल में रिश्तों की डोर सुलझाई जाती है।

यह मंदिर खासतौर पर महिलाओं के अधिकारों को महत्व देता है और उन्हें न्याय दिलाने के लिए प्रसिद्ध है।

इस मंदिर में ग्रामीण लोग अपने पारिवारिक विवादों को लेकर आते हैं।

यहां दोनों पक्षों की बात सुनती है और सुलह का प्रयास पहले किया जाता है।

लेकिन, यदि बात नहीं बनती तो तलाक की प्रक्रिया भी पारंपरिक तरीके से पूरी की जाती है।

Divorce Temple
Divorce Temple

जापान के कामाकुरा शहर में स्थित इस अनोखे मंदिर का इतिहास लगभग 700 साल पुराना है।

इस मंदिर का निर्माण बौद्ध नन काकुसन ने अपने पति होजो टोकीमून के साथ मिलकर करवाया था।

उस समय महिलाओं के पास बहुत कम अधिकार थे और वे अपने पतियों से तलाक लेने के लिए स्वतंत्र नहीं थीं।

काकुसन खुद भी एक ऐसे ही दुखद विवाह में फंसी हुई थीं।

इसलिए उन्होंने एक ऐसा स्थान बनाने का फैसला किया जहां महिलाएं अपने पतियों से अलग होकर शांति से रह सकें।

साल 1902 तक मंदिर में पुरुषों का सख्त मना था।

लेकिन, इसके बाद 1902 में एंगाकु-जी ने जब इस मंदिर की देखरेख संभाली तो एक पुरुष मठाधीश को नियुक्त किया।

शादी से नाखुश महिलाओं के लिए है ‘डाइवोर्स टेंपल’

दरअसल 12वीं और 13वीं शताब्दी के दौरान जापानी समाज में तलाक के प्रावधान सिर्फ पुरुषों के लिए ही बनाए थे।

उस दौर में पुरुष अपनी पत्नी को बड़ी आसानी से तलाक दे सकते थे।

कामकुरा युग में महिलाओं के पति बिना कोई कारण बताए अपनी शादी तोड़ देते थे।

इसके लिए उन्हें साढ़े तीन लाइन का एक नोटिस लिखना पड़ता था।

लोगों के मुताबिक जापान के इस मंदिर में करीब 3 साल तक रहने के बाद महिलाएं अपने पति से संबंध तोड़ सकती थीं, बाद में इसे कम करके 2 साल कर दिया गया।

Divorce Temple
Divorce Temple

जापान के ‘डाइवोर्स टेंपल’ दरवाजे उन महिलाओं के लिए खुले, जो घरेलू हिंसा या दुर्व्यवहार का शिकार थीं।

कहा जाता है कि सदियों पहले महिलाएं अपने अत्याचारी पतियों से छुटकारा पाने के लिए इस मंदिर में पनाह लेती थीं।

यह जगह अपनी शादी से नाखुश महिलाओं के लिए बेहद खास है।

शादीशुदा जिंदगी से परेशान कई महिलाएं यहां नया जीवन शुरू करने के लिए आती हैं।

यहां रहकर महिलाएं न केवल शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होती थीं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मौका भी मिलता था।

Divorce Temple
Divorce Temple

आज भी यह मंदिर महिला सशक्तिकरण (Women’s Empowerment) का प्रतीक है।

डिवोर्स टेंपल दुनिया भर में एक उदाहरण प्रस्तुत करता है।

यह दर्शाता है कि समाज के जटिल मुद्दों को पारंपरिक और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सकता है।

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