Gwalior Doctor Digital Arrest: मध्य प्रदेश के ग्वालियर से डिजिटल अरेस्ट का एक और मामला सामने आया है।
इस बार शातिर बदमाशों ने झूठी कहानी बनाकर आयुर्वेदिक डॉक्टर को फंसाया और करीब 29 घंटे तक उनको डिजिटल अरेस्ट रखा।
इतना ही नहीं साइबर ठगों ने डॉक्टर के डर का फायदा उठाकर 21 लाख रुपये भी ठग लिए।
ठग जाल बिछाते रहे और डॉक्टर फंसते रहे
ग्वालियर शहर के गोला का मंदिर स्थित हनुमान नगर निवासी मुकेश कुमार शुक्ला आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं और घर पर ही प्रैक्टिस करते हैं।
29 नवंबर की सुबह करीब 10 बजे 63 वर्षीय डॉक्टर के मोबाइल पर एक कॉल आता है।
ये कॉल शातिर साइबर ठगों का था, जिसके बिछाए जाल में डॉक्टर मुकेश शुक्ला आसानी से फंस जाते हैं।
कॉल करने वाले ने बताया कि वह इनकम टैक्स से बोल रहा है।
मुकेश शुक्ला के नाम पर चल रही महालक्ष्मी ट्रांसपोर्ट कंपनी पर 9 लाख 40 हजार 44 रुपए की रिकवरी निकली है।
जब डॉक्टर ने कहा कि ये कंपनी उनकी नहीं है, तो कॉल करने वाले शख्स ने बताया कि डॉक्टर के आधार कार्ड का गलत उपयोग किया गया है।
इसके बाद डॉक्टर को पुलिस मुख्यालय दिल्ली में दो घंटे में शिकायत करने के लिए कहा गया और ऐसा नहीं करने पर गिरफ्तारी की बात कही।
ये सुनकर बुजुर्ग डॉक्टर घबरा गया, उन्होंने कहा कि वह ग्वालियर में है और दो घंटे में दिल्ली नहीं पहुंच सकते हैं।
इस पर कॉल करने वाले ने दिल्ली पुलिस में ऑनलाइन एफआईआर में मदद करने का वादा किया।
मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर ठगे 21 लाख रुपये
डॉक्टर को कॉल करने वाले ठग ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय में पदस्थ सब इंस्पेक्टर अजय शर्मा का मोबाइल नंबर दिया और कहा कि आप इनको कॉल कीजिए।
जब डॉक्टर ने अजय शर्मा से बातचीत की तो पहले उन्होंने दस्तावेज मांगे और फिर बताया कि उनके आधार कार्ड पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है।
कुछ दिन पहले मनीष चौधरी के यहां पर CBI की रेड हुई थी, वहां आपका यह आधार कार्ड मिला था, जिस पर करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है।
इसके बाद अजय ने डॉक्टर का फोटो लगा गोल्डन कार्ड दिखाया, साथ ही गिरफ्तारी वारंट भी दिखाया।
इससे देखने के बाद मुकेश कुमार शुक्ला के पैरों तले जमीन खिसग गई, क्योंकि कार्ड पर उनका नाम और फोटो था।
डॉक्टर डर गए और इसी का फायदा उठाकर ठगों ने अगले दिन उनसे 21 लाख रुपए अकाउंट में आरटीजीएस करा लिए।
पत्नी-बेटे की मौत से बनाया इमोशनल प्रेशर
डॉक्टर से बातचीत के दौरान ठगों ने उनके परिवार की जानकारी निकाली और उनपर इमोशनल प्रेशर बनाया।
दरअसल कोविड काल में डॉक्टर मुकेश कुमार शुक्ला के पूरे परिवार को कोरोना हो गया था।
इसमें उन्होंने अपने जवान बेटे मितुल शुक्ला और पत्नी मीनू शुक्ला को खो दिया था।
यह बात पता चलने के बाद CBI ऑफिसर बनकर बात कर रहे ठग ने दुख जताया और फिर डॉक्टर पर दबाव बनाया।
ठग कहने लगा कि आप परेशान हैं, इसलिए हम आपको गिरफ्तार नहीं कर रहे हैं और आपकी पूरी मदद करेंगे।
इसी तरह अपने बातों के जाल में फंसाकर ठगों ने डॉक्टर को 29 नवंबर की सुबह 10 बजे से लेकर 30 नवंबर शाम 3.30 तक करीब 29 घंटे डिजिटल अरेस्ट रखा था।
इसके बाद उन्हें सीबीआई की एक टीम की निगरानी में होने की बात कही।
ठगों ने उनसे कहा कि इस मामले में किसी से कोई चर्चा नहीं करें, नहीं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की
ठगों ने डॉक्टर को इस कदर डराया कि उन्होंने 29 घंटों तक न तो किसी से बातचीत की और घर के बाकी सभी नंबरों को भी स्विच ऑफ कर दिया।
इस घटना का खुलासा तब हुआ, जब रकम ऐंठने के बाद भी ठग उन्हें मैसेज करते रहे।
परेशान होकर उन्होंने अपने परिचितों को इस बारे में बताया, तब लोगों ने उन्हें तत्काल पुलिस के पास जाने को कहा।
ठगी का शिकार हुए डॉक्टर मुकेश कुमार शुक्ला ने बताया कि ठगी करने वाले मेरे दिमाग से खेलते रहें।
मेरी पत्नी और बेटे की मौत कोरोना काल में हो गई थी।
मैंने दोबारा शादी की, जिससे एक तीन माह की बच्ची है।
बेटी को अनाथालय में भेजने और मुझे और मेरी पत्नी को केस में फंसा कर जेल में डालने की बात की।
मैं बहुत घबरा गया था, अरेस्ट और बदनामी के डर में मैंने अपने जीवन भर की जमा पूंजी ठगों को दे दी।
फिलहाल पुलिस पीड़ित की शिकायत पर इस मामले की जांच कर रही है।
पुलिस पता लगा रही है कि जिस अकाउंट में पैसे गए वो किसके नाम पर है और वहां से कैश कितने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया गया है।