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1 लीटर केमिकल से 2 मिनट में 500 लीटर दूध तैयार, फॉर्मूला ऐसा मशीन भी पकड़ ना पाए

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Bulandshahr Fake Milk: लोग अपनी सेहत अच्छी रखने के लिए दूध पीते हैं, लेकिन जिसे दूध समझकर हम-आप पी रहें है वो असल में जहर भी हो सकता है।

एक लीटर केमिकल से सिर्फ 2 मिनट में 500 लीटर दूध तैयार किया जा रहा है।

फॉर्मूला भी ऐसा कि नकली दूध का फैट कंट्रोल हो जाए और मशीन की पकड़ में भी न आए।

उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में नकली दूध-पनीर बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ फूड सेफ्टी टीम ने किया है।

बुलंदशहर में फैक्ट्री, नोएडा-दिल्ली तक सप्लाई

देश में खाने-पीने के सामान में मिलावट का खेल इतना फैला हुआ है कि सेहत खराब होने का खतरा बना रहता है।

फिलहाल शादी का सीजन चल रहा है, ऐसे में बाजारों में नकली पनीर धड़ल्ले से बेची जा रही है।

वहीं घरों में जिस दूध का इस्तेमाल का आप कर रहे हैं, वो भी नकली हो सकता है।

हाल ही में बुलंदशहर में पकड़ी गई नकली दूध-पनीर बनाने की फैक्ट्री इस बात का सबूत है।

फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने बड़ी कार्रवाई कर जिले में सिंथेटिक दूध और पनीर बनाने वालों की जमकर धड़पकड़ की।

4-5 दिसंबर को खुफिया गोदामों पर छापामार कार्रवाई के दौरान 3 मिलावटखोर के आरोपी भी पकड़े गए हैं।

Bulandshahr Fake Milk
Bulandshahr Fake Milk

यह नकली दूध और पनीर पिछले कई सालों से दिल्ली-नोएडा में सप्लाई किया जा रहा था।

वहीं जानकारी में सामने आया कि करीब 10 सालों से यह अवैध फैक्ट्री बिना लाइसेंस के चल रही है।

1 लीटर केमिकल से बनता है 500 लीटर नकली दूध

केमिकल से नकली दूध और पनीर बनाने का खेल बेहद पुराना है।

लेकिन, बुलंदशहर से सामने आए एक नए मामले ने सभी को हैरान कर दिया है।

खाद्य सुरक्षा विभाग ने 4 दिसंबर को बुलंदशहर जिले के गांव अगोरा अमीरपुर में एक फैक्ट्री पर छापा मारा।

अधिकारियों ने विभागीय लैब में जहरीला फॉर्मूला तैयार करने का लाइव डेमो दिया।

एक घोल को पानी भरे बोतल में डालते ही वो दूध की तरह दिखने लगता है।

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

इस एक लीटर केमिकल से 2 मिनट में 500 लीटर दूध तैयार किया जा रहा है।

व्यापारी अजय अग्रवाल ने कई केमिकल मिलाकर नकली दूध और पनीर बनाने का फॉर्मूला ईजाद किया है।

Bulandshahr Fake Milk
Bulandshahr Fake Milk

इस फॉर्मूले से नकली दूध का फैट कंट्रोल हो जाता है और मशीन भी पकड़ नहीं पाती है।

गिरफ़्तार आरोपी अजय इस धंधे में करीब 20 साल से जुड़ा है और 10 साल पहले भी एक बार मिलावटखोरी के मामले में जेल जा चुका है।

7 तरह के केमिकल समेत 20 लाख का माल जब्त

स्किम्ड मिल्क पाउडर, कास्टिक पोटाश, व्हे पाउडर, सॉर्विटोल, सोया रिफाइंड और मिल्क परमिएट पाउडर, इन केमिकल को मिलाकर नकली दूध बनाया जा रहा था।

नकली दूध में नेचुरल मिठास बनाने के लिए 2 साल पहले एक्सपायर हो चुका सिंथेटिक सिरप यूज किया जा रहा था।

छापेमारी के दौरान चार गोदामों से 7 तरह के 21 हजार 700 किलो केमिकल बरामद हुए है।

जिसका इस्तेमाल करके तीन लाख लीटर सिंथेटिक दूध तैयार किया जा सकता था।

इन चारों गोदाम के ही अंदर नकली दूध बनाने का कच्चा माल रखा हुआ था।

Bulandshahr Fake Milk
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मामला सामने आने के बाद फिलहाल दुकान और चारों गोदाम सील कर दिए गए हैं।

खाद्य विभाग ने 100 क्विंटल सिंथेटिक दूध और 80 किलो नकली पनीर बरामद किया है।

पनीर बनाने के लिए 25-25 किलो के स्किम्ड मिल्क पाउडर के 10 बैग, रिफाइंड पामोलिन तेल के 15-15 लीटर के 20 टीन और 300 लीटर सिंथेटिक सिरप मिला है।

गोदामों से जब्त किए गए कुल समान की कीमत 20 लाख रुपये बताई जा रही है।

Bulandshahr Fake Milk
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छापेमारी में ये सामान भी मिले – 
  • 1,775 किलो स्किम्ड मिल्क पाउडर – कीमत 4,43,750 रुपये
  • 1,250 किलो कास्टिक पोटाश – कीमत 1,25,000 रुपये
  • 3,125 किलो वे पाउडर – कीमत 2,50,000 रुपये
  • 6,000 लीटर सॉर्बिटाल- कीमत 2,40,000 रुपये

जाने वो 7 केमिकल जिनसे बनता है फेक मिल्क

1 – स्किम्ड मिल्क पाउडर: ये सॉलिड पाउडर होता है, लिक्विड फोम में मिल्क न होने पर उसकी जगह गर्म पानी में इस पाउडर को डालकर चाय बनाई जा सकती है।
2 – कास्टिक पोटाश: ये ठोस रूप में छोटे-छोटे फ्लेक्स की तरह होता है, तैयार दूध को फटने से बचाने के लिए इसका इस्तेमाल होता है। ये आंतों के लिए ये खतरनाक होता है, अगर दो मिनट तक इसको मुट्ठी बंद करके रख जाए तो गलन शुरू हो जाती है।
3 – व्हे पाउडर: ये मिल्क पाउडर का सस्ता वर्जन होता है, इससे पेट दर्द, उल्टी, एलर्जी की समस्या होने का खतरा रहता है।
4 – सॉर्विटोल: इस लिक्विड का सामान्य तौर पर उपयोग कैंडी बनाने में होता है, लेकिन यहां पर इसे दूध की मिठास बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। एक तरह से ये आर्टिफिशियल स्वीट-नर है, यह भी सेहत के लिए हानिकारक होता है।
5 – सोया रिफाइंड: ये मोम जैसा पदार्थ है आर्टिफिशियल फैट है, जिसको तैयार दूध में डालकर उसकी फैट मात्रा कंट्रोल की जाती है ताकि जब मशीन पर दूध की जांच हो तो फैट का मानक स्टैंडर्ड बना रहे। इसका सेवन दिल की बीमारियों, मोटापे, डायबिटीज जैसी बीमारियों की वजह बनता है।
6 – सिंथेटिक सिरप: ये पीले रंग का शर्बत जैसा पदार्थ दूध को गाढ़ा बनाता है और उसमें नेचुरल मिठास पैदा करता है। इसका इस्तेमाल स्टारबग्स की कॉफी बनाने में होता है।
7 – मिल्क परमिएट पाउडर: ये भी मिल्क पाउडर है, जिसका यूज लिक्विड दूध न होने की दशा में किया जाता है। गर्म पानी में इस पाउडर को मिलाकर दूध बनाया जा सकता है।

नकली सिंथेटिक दूध पीने के नुकसान

नकली सिंथेटिक दूध सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह होते हैं, आम लोगों को इस बारे में अलर्ट रहने की बहुत जरूरत है।

इसमें न सिर्फ नेचुरल न्यूट्रिएंटस की कमी है, बल्कि इसमें मौजूद रसायन शरीर के लिए टॉक्सिक हो सकते हैं।

  • डाइजेशन पर असर – नकली दूध में डिटर्जेंट और दूसरे केमिकल पेट और आंतों में जलन पैदा कर सकते हैं, जिससे डायरिया, गैस और पेट दर्द की समस्या हो सकती है।
  • किडनी पर असर – नकली दूध में मौजूद यूरिया और अन्य जहरीले तत्व किडनी की प्रोडक्टिविटी को प्रभावित कर सकते हैं और लंबे समय तक इसका सेवन किडनी फेल का कारण बन सकता है।
  • हड्डियों और दांतों पर असर – सिंथेटिक दूध में कैल्शियम की कमी होती है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और बच्चों की ग्रोथ के लिए ये बेहद खतरनाक है।
  • कैंसर का खतरा – नकली दूध में इस्तेमाल खतरनाक कैमिकल्स कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों के रिस्क को भी बढ़ा देता है। इसलिए हमेशा असली दूध का ही सेवन करें और नकली दूध की पहचान के लिए सतर्क रहें।

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