“मेरा नाम अतुल सुभाष है. बेंगलुरु में रहता हूं और आज मैं सुसाइड कमिट करने जा रहा हूं”
“मेरे मरे हुए शरीर के आसपास मेरी पत्नी और उसके परिवार का कोई नहीं आना चाहिए..”
“मेरा अस्थि विसर्जन तब तक नहीं होना चाहिए जब तक मेरे हर आरोपी को सजा नहीं मिलती..”
“इतने सारे एविडेंस.. सब कुछ होने के बाद भी अगर कोर्ट जज और बाकी के आरोपियों को सजा नहीं देती है तो मेरी अस्थियां वहीं कोर्ट के बाहर किसी गटर में बहा देनी चाहिए.. ताकि मैं जान जाऊं कि इस देश में क्या वैल्यू है एक लाइफ की..”
ये आखिरी शब्द थे बेंगलुरु के AI इंजीनियर और बिहार निवासी अतुल सुभाष के जिन्होंने रविवार को अपनी बेवफा पत्नी निकिता सिंघानिया उसके परिवार ओर प्रिंसिपल फैमिली कोर्ट जौनपुर UP जज रीता कौशिक द्वारा लगातार प्रताड़ित होने के बाद आत्महत्या कर ली।
जब बेंगलुरु पुलिस अतुल के घर पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था।
दरवाजा तोड़कर जब पुलिस भीतर घुसी तो अतुल का शरीर फंदे से लटका मिला और कमरे की दीवारों पर लिखा था.. JUSTICE IS DUE.. यानि न्याय अभी बाकी है।
इस आत्महत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया और सिस्टम पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जिसका जवाब किसी के भी पास नहीं है।
आइए जानते हैं इस केस से जुड़ी सभी अहम बातें…
1 घंटे 21 मिनिट का एक वीडियो, 24 पेज का सुसाइड नोट
अतुल ने आत्महत्या करने से पहले करीब 1 घंटे 21 मिनिट का वीडियो बनाया था और सभी के साथ शेयर किया।
इसके साथ ही उन्होंने करीब 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा जिसमें उन्होंने अपनी सारी कहानी बताई थी।
जिसमें उन्होंने यहां तक कहा कि उस भ्रष्ट महिला जज ओर दोषी लोगो पर भारत की न्यायपालिका कार्यवाही करे।
2019 में हुई थी शादी
AI इंजीनियर अतुल सुभाष की शादी डॉट कॉम पर निकिता सिंघानिया नाम की लड़की से वर्ष 2019 में हुई थी, अतुल काफी सुलझे हुए बाते करने वाले इंसान थे,जबकि उसकी पत्नी बहुत कम बात करती थी।
अगले साल दोनों का एक बेटा हुआ। अतुल की पत्नी और उनका परिवार हमेशा अतुल से पैसों की डिमांड करता रहता था, जो वो पूरी भी करते थे।
लेकिन जब अतुल ने पैसे देना बंद कर दिया तो 2021 में पत्नी बेटे को लेकर बेंगलुरु छोड़कर चली गई।
तब तक अतुल ने अपने ससुरालवालों पर लाखों खर्च कर दिए थे।
पत्नी को हर महीने देते थे 40 हजार
अतुल के मुताबिक वो हर महीने पत्नी को 40 हजार रुपए मेंटेनेंस देते थे लेकिन वो बच्चे को पालने के लिए 2-4 लाख रुपए महीने की डिमांड कर रही थी।
खर्च पूरा करने के बावजूद वो उन्हें बेटे से न तो मिलने देती है, न कभी बात कराती थी’
पत्नी ने लगाया दहेज का आरोप
अतुल के मुताबिक उनकी पत्नी के पिता की मौत दोनों की शादी के तुरंत बाद हो गई थी, लेकिन पत्नी ने उसके परिवार पर हत्या की धाराओं के तहत FIR दर्ज करवा दी, जिसमें दावा किया गया कि “दहेज” की मांग के कारण उनके पिता की सदमे से मौत हो गई।
अतुल कौशिक और उसके परिवार पर उसकी पत्नी ने IPC की धारा 302 मर्डर,पति पर IPC 377 अप्राकृतिक Sex सहित कठोर धाराओं में 9 FIR दर्ज करवाई।
जज ने मांगी रिश्वत
साथ ही फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक ने उसने 5 लाख की रिश्वत मांगी,ओर तो ओर जज के नीचे काम करने वाले पेशकार ने भी उनसे 3 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। ताकि उसके मामले को सेटल करवाया जा सके।
पत्नी ने कहा- तुम आत्महत्या क्यों नहीं कर लेते
अतुल ने वीडियो में ये भी बताया है कि पत्नी ने केस सेटल करने के लिए पहले 1 करोड़ रुपए की डिमांड की थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए कर दिया।
उन्होंने कहा कि जब इस 3 करोड़ रुपए की डिमांड के बारे में उन्होंने जौनपुर की फैमिली कोर्ट की जज को बताया तो उन्होंने भी पत्नी का साथ दिया।
अतुल ने कहा कि मैंने जज को बताया कि NCRB की रिपोर्ट बताती है कि देश में बहुत सारे पुरुष झूठे केस की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं, तो पत्नी ने बीच में कहा कि तुम भी आत्महत्या क्यों नहीं कर लेते हो।
इस बात पर जज हंस पड़ी और कहा कि ये केस झूठे ही होते हैं, तुम परिवार के बारे में सोचो और केस को सेटल करो।
मैं केस सेटल करने के 5 लाख रुपए लूंगी।
मरने के बाद वायरल हई सुभाष की पोस्ट
जीते जी तो अतुल को न्याय नहीं मिला था लेकिन उनके सुसाइड के बाद इस घटना ने न्यायपालिका पर सवाल खड़े कर दिए।
अतुल सुभाष की मौत के बाद उनके सुसाइड वीडियो और सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे है और लोग उनके लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
पिता और भाई ने उठाए सवाल
पिता पवन कुमार ने न्याय व्यवस्था की विफलता पर सवाल खड़े किए हैं।
पवन कुमार- वो परेशान था, पर उसने हमें कुछ नहीं बताया अतुल के पिता पवन कुमार ने बताया कि अतुल कहता था कि सुलह कराने वाले कोर्ट में कानून के मुताबिक काम नहीं होता है, सुप्रीम कोर्ट के नियम भी यहां नहीं माने जाते हैं।
वह जरूर बहुत थक गया होगा, लेकिन उसने हमें कभी कुछ नहीं कहा। अचानक हमें उसके सुसाइड की खबर मिली।
मेरा बेटा 40 बार बेंगलुरु से जौनपुर गया…. एक धारा खत्म होती थी दूसरी धारा लगा देती थी….
अतुल सुभाष के पिता की बात सुनिए आंखों से आंसू गिरने लगेंगे… जवान बेटा खुदकुशी कर ले तो मां-बाप की जिंदगी वैसे ही कम हो जाती है… pic.twitter.com/hjL5D4rijL
— Kavish Aziz (@azizkavish) December 10, 2024
अतुल सुभाष के भाई विकास के अनुसार भारत में हर कानून महिलाओं के लिए है, पुरुषों के लिए नहीं। मेरे भाई ने इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी, लेकिन सिस्टम से बच नहीं पाए। न्याय की जीत होनी चाहिए, या उसे गलत साबित करने वाले सबूत पेश करने चाहिए।
पत्नी के खिलाफ दर्ज हुआ केस
इस मामले में चार लोगों पर FIR दर्ज हो गई है।
FIR में अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया का नाम है।
अतुल के भाई बिकास कुमार ने बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में शिकायत की थी।
इसी के आधार पर पुलिस ने पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना), धारा 3(5) (जब दो या ज्यादा लोग शामिल हों तो सामूहिक जिम्मेदारी बनती है) का केस दर्ज किया है।
हो सकता है कि चौतरफा दबाव के बाद अतुल को न्याय मिल भी जाए मगर सवाल ये है कि हमारे देश का सिस्टम इतना कमजोर क्यों है कि न्याय पाने की खातिर एक इंसान को अपनी जान लेनी पड़ी?