Penalty on Emami: फेयरनेस क्रीम बनाने वाली कंपनी Emami पर उपभोक्ता फोरम ने 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
अदालत ने यह फैसला एक उपभोक्ता की शिकायत पर सुनाया।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि कंपनी के विज्ञापन में किए गए दावों ने उन्हें गुमराह किया है।
फेयरनेस क्रीम खरीदी के इस्तेमाल के बाद भी उनकी त्वचा पर कोई असर नहीं पड़ा।
12 साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मिली जीत
शिकायतकर्ता का नाम निखिल जैन है, जो 35 साल के हैं और पेशे से एक बैंकर हैं।
साल 2013 में निखिल ने कन्ज्यूमर कोर्ट में Emami के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और 12 साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उन्हें ये जीत मिली है।
निखिल का आरोप है कि Emami कंपनी का बनाया गया प्रोडक्ट ‘फेयर एंड हैंडसम’ के दावे भ्रामक हैं।
79 रुपये में निखिल ने ये फेयरनेस क्रीम खरीदी थी, लेकिन उनकी त्वचा के रंग में कोई बदलाव नहीं आया।
जिसके बाद निखिल ने कंपनी को कटघरे में लाने के बारे में सोचा।
कन्ज्यूमर कोर्ट में दोनों पक्षों की तरफ से दलीलें पेश की गईं और आखिरकार फैसला निखिल के हक में आया।
मामले की सुनवाई के दौरान कंज्यूमर फोरम ने पाया कि कंपनी ने अपने विज्ञापन में झूठे और भ्रामक दावे किए थे।
अदालत ने इसे उपभोक्ता के अधिकारों का उल्लंघन मानते हुए Emami कंपनी पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
कंपनी को दिल्ली राज्य उपभोक्ता के कल्याण कोष में 14 लाख 50 हजार रुपये, निखिल जैन को हर्जाने के रूप में 50 हजार रुपये और मुकदमे में हुए खर्चे की भरपाई के रूप में 10 हजार रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया है।
फोरम के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह और सदस्य रश्मि बंसल ने यह आदेश पारित किया है।
तीन हफ्ते में चेहरा गोरा होने का दावा झूठा
दिल्ली के उपभोक्ता अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि Emami की बनाई गई क्रीम ‘फेयर एंड हैंडसम’ की पैकेजिंग पर दिए गए निर्देश अस्पष्ट हैं।
कंपनी का दावा था कि महज तीन हफ्ते तक रोजाना इस क्रीम के इस्तेमाल से पुरुषों का चेहरा गोरा हो जाएगा।
जबकि कंपनी को पता है कि पैकेजिंग पर दिया गया निर्देश आधा-अधूरा होने की वजह से यह अपने किए गए दावों पर खरा नहीं उतरेगा।
बता दें ये दूसरी बार है जब Emami कंपनी पर इसी मामले को लेकर जुर्माना लगाया गया है।
2015 में भी उपभोक्ता आयोग ने शिकायतकर्ता के हक में फैसला सुनाते हुए कंपनी को 15 लाख रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया था।
हालांकि, कंपनी की अपील के बाद उस आदेश को खारिज कर दिया गया था।
कंपनी ने कहा कि शिकायतकर्ता यह साबित करने में असमर्थ था कि उसने निर्देशों के अनुसार क्रीम का उपयोग किया था।
इस पर फोरम ने कहा इमामी लिमिटेड यह आरोप लगाकर शिकायतकर्ता को दोषी नहीं ठहरा सकता है।