Begging Banned In Indore: स्वच्छता के लिए देश भर में मशहूर मध्य प्रदेश का इंदौर शहर अब नए कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है।
दरअसल, नए साल से इंदौर में भिखारियों को भीख देने पर बैन लगाया जा रहा है और अगर किसी ने भी भीख देने की कोशिश की तो उसे कड़ी सजा भी मिलेगी।
ये कदम इसलिए उठाया गया है ताकि इंदौर को भिखारी मुक्त शहर (Beggar free city) बनाया जा सके।
बालिग भिखारियों पर लगेगी लगाम
1 जनवरी, 2025 से इंदौर के अधिकारी बालिग भिखारियों (Adult beggars) को भीख देते पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करेंगे।
इंदौर में बच्चों को भीख देना या उनसे सामान खरीदना पहले से ही प्रतिबंधित है।
10 शहरों में से एक इंदौर
इंदौर उन 10 शहरों में से एक है जिन्हें केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने भीख मांगने को खत्म करने के उद्देश्य से एक पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना है।
‘भीख देकर पाप में भागीदार न बनें’
जिलाधिकारी आशीष सिंह ने संवाददाताओं से कहा,‘‘शहर में इस महीने (दिसंबर) के अंत तक भिक्षावृत्ति के खिलाफ हमारा जागरूकता अभियान चलेगा।
आगामी एक जनवरी से अगर कोई व्यक्ति भिक्षा देते पाया गया, तो उसके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।”
उन्होंने बताया कि प्रशासन ने शहर में भिक्षावृत्ति को प्रतिबंधित करने वाला आदेश पहले से जारी कर रखा है।
सिंह ने कहा,‘‘मैं सभी इंदौरवासियों से अपील करता हूं कि वे लोगों को भीख देकर पाप में भागीदार न बनें।”
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने हाल के महीनों में लोगों को भीख मांगने के लिए मजबूर करने वाले तमाम गिरोहों का पर्दाफाश किया है और भीख मांगने में शामिल कई लोगों का पुनर्वास भी किया गया है।
बता दें कि इंदौर शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए पुलिस और प्रशासन की टीमों ने पिछले दिनों 14 भिक्षुओं को पकड़ा था।
इस कार्रवाई में भीख मांग रही एक महिला के पास से 75 हजार रुपये बरामद हुए थे, जो उसने महज 10-12 दिनों में इकट्ठे किए थे।
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