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Prayagraj Mahakumbh 2025: कैमिकल अटैक की आशंका, खतरे से निपटने के लिए गृह मंत्रालय तैयार

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Maha Kumbh Chemical Attack: प्रयागराज महाकुंभ 2025 को लेकर सरकार जोर-शोर से तैयारियां कर रही है।

इस बार करोड़ों की तादाद में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है।

इन सब के बीच महाकुंभ पर कैमिकल अटैक का खतरा मंडरा रहा है, जिसे लेकर गृह मंत्रालय अलर्ट मोड पर है।

किसी भी प्रकार की अनहोनी न हो इसके लिए पहले से तैयारी शुरू कर दी गई है।

कैमिकल अटैक की आशंका को देखते हुए CBRNE टीम बनाई गई है और विशेष वार्ड तैयार किए जा रहे है।

40 करोड़ श्रद्धालुओं की सुरक्षा गृह मंत्रालय के जिम्मे

उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है।

महाकुंभ को भव्य और ऐतिहासिक बनाने में योगी सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है।

इस बार महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया जा रहा है।

महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था गृह मंत्रालय संभाल रहा है और किसी भी प्रकार की अनहोनी न हो उसके लिए एक्टिव मोड पर है।

NIA के जरिए महाकुंभ क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों की रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

गृह मंत्रालय ने CBRNE (Chemical, Biological, Radiological, Nuclear and  Explosives ) टीम बनाई गई है।

घायलों के ट्रीटमेंट के लिए 25 विशेषज्ञों की टीम तैनात की जाएगी, जिन्हें नरोरा परमाणु केंद्र में ट्रेनिंग दी गई।

वहीं केमिकल अटैक जैसे आपात स्थिति से निपटने के लिए स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय में विशेष वार्ड तैयार किए जा रहे हैं।

तीन बड़े वार्ड को सभी जरूरी मेडिकल मशीनों और बेड आदि सुविधाओं से लैस करके रखा जाएगा।

महाकुंभ में संभावित कैमिकल हमले से निपटने की रणनीति

नरोरा परमाणु केंद्र से ट्रेनिंग ले कर आए डॉ. जीतेंद्र शुक्ला ने बताया कि गृह मंत्रालय ने एहतियाती तौर पर केमिकल अटैक हो जाने की स्थिति में घायलों का उपचार कैसे होगा इसके लिए भी एक विशेषज्ञ टीम का गठन किया है।

कैमिकल अटैक की स्थिति में घायल व्यक्ति रेडियो एक्टिव तत्वों से भी प्रभावित हो सकते हैं, ऐसे में सामान्य सेवाकर्मी घायल की सहायता नहीं कर पाएंगे।

इसीलिए गृह मंत्रालय के निर्देश पर अलग-अलग विभागों के कुल 25 सरकारी विशेषज्ञों को नरोरा एटॉमिक पॉवर स्टेशन में ऐसी आपात स्थितियों में घायलों का उपचार करने की ट्रेनिंग दी गई है।

ट्रेनिंग में रेडियो एक्टिविस्ट तत्वों से प्रभावित व्यक्ति के उपचार का तरीका सिखाया गया है ताकि उससे कोई तीसरा व्यक्ति प्रभावित न हो।

गृह मंत्रालय की इस केमिकल अटैक ट्रीटमेंट टीम की अध्यक्ष वत्सला मिश्रा ने बताया कि रेडियो एक्टिव पदार्थों से प्रभावित व्यक्ति को रेडियो एक्टिव मुक्त करने के लिए आवश्यक मशीनों और ट्रीटमेंट सेंटर को जल्द स्टैब्लिश करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

जानें क्या है CBRNE और कहां होता है इसका उपयोग?

CBRNE का मतलब है रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल, परमाणु और विस्फोटक।

यह एक संक्षेप है, जिसका उपयोग खतरनाक स्थितियों या खतरों को वर्गीकृत करने के लिए किया जाता है।

इसका उपयोग सुरक्षा और सैन्य रणनीतियों, आपातकालीन सेवाओं और आतंकवाद-विरोधी अभियानों में किया जाता है।

CBRNE घटनाओं के प्रबंधन, प्रतिक्रिया और रोकथाम के लिए सरकारों, संगठनों और विशेषज्ञों को तैयार रहने की आवश्यकता होती है।

इस क्षेत्र में विशेष उपकरण, प्रशिक्षण और प्रोटोकॉल विकसित किए जाते हैं, ताकि जनसंख्या और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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