Attack On Indore Corporation: इंदौर में नगर निगम की कार्रवाई के दौरान बवाल मच गया।
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई का विरोध जताया।
इस दौरान निगम कर्मचारियों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के बीच विवाद हो गया।
मारपीट के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने निगम के वाहनों में जमकर तोड़फोड़ की।
गोशाला पर निगम की कार्रवाई का विरोध
इंदौर में बुधवार को नगर निगम की टीम को पीटने का मामला सामने आया।
निगम की टीम द्वारिकापुरी और राजेंद्र नगर इलाके में कार्रवाई के लिए गई थी।
नगर निगम के कर्मचारियों मवेशियों को वाहनों में ले जा रहे थे।
इसी दौरान बड़ी संख्या में पशुपालक हाथ में लाठी-डंडे लेकर वहां पहुंचे और वाहनों के कांच फोड़ने लगे।
नगर निगम के कर्मचारियों ने जब उन्हें ऐसा करने से रोका तो उनके साथ भी मारपीट की गई।
हमले के बाद कर्मचारी अपनी जान बचाकर वहां से भागे।
पशुपालकों ने मवेशियों को वाहनों से बाहर निकालने का प्रयास भी किया।
जानकारी के मुताबिक 20 से ज्यादा वाहनों के कांच फोड़ दिए गए।
हमलावरों में से कुछ खुद को बजरंग दल का सदस्य बता रहे थे।
ये लोग निगम द्वारा मवेशियों को वाहनों में ढूसकर ले जाने का विरोध कर रहे थे।
पशुधन क्रूरता के आरोप पर निगम का पक्ष
गोशाला से गायों और बैलों को चार वाहनों में भरकर रेशम केंद्र, हातोद-देपालपुर रोड स्थित गौशाला ले जाया जा रहा था।
इसी दौरान फूटी कोठी पुल के पास हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने वाहनों को रोक दिया और दोनों पक्षों में मारपीट हो गई।
इनमें बजरंग दल के जिला मंत्री पप्पू कोचले, विभाग मंत्री यश बचानी, विभाग सह-संयोजक अविनाश कौशल और इंदौर जिला सह-मंत्री विजय कालकोर सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।
बजरंग दल ने निगम पर आरोप लगाया कि पशुओं को क्रूरता पूर्वक ठूस-ठूस कर वाहनों में भरा गया था, जिससे कुछ गायों की मौत हो गई।
उन्होंने यह भी कहा कि निगमकर्मियों ने उनके कार्यकर्ता सुमित हाड़े से मारपीट की और खुद वाहनों को नुकसान पहुंचाया ताकि बजरंग दल पर झूठा केस दर्ज किया जा सके।
वहीं बजरंग दल के नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि रेशम केंद्र में पहले भेजे गए सैकड़ों पशुधन का कोई हिसाब नहीं है और उनकी हालत दयनीय है।
वहीं निगम का कहना है कि कार्रवाई से पहले संबंधित पशुपालकों को नोटिस दिया गया था।
जब टीम बाड़े तोड़कर पशुओं को गौशाला ले जा रही थी, तो विरोध के दौरान बजरंग दल और स्थानीय लोगों ने निगम की गाड़ियों को रोक लिया।
इस विवाद में निगम के रिमूवल प्रभारी बबलू कल्याणे और एक अन्य कर्मचारी घायल हो गए।
मारपीट और हंगामे के बाद पुलिस ने हस्तक्षेप किया।
दोनों पक्षों के बीच तनाव बना हुआ है।
निगम और बजरंग दल के आरोप-प्रत्यारोप के चलते मामले की जांच की मांग की जा रही है।