Milk Tea Disadvantages: चाय के बिना कई लोगों की सुबह ही नहीं होती है।
दुनिया भर में प्रचलित दूध वाली चाय भारत में भी बहुत लोकप्रिय है।
लेकिन, क्या आप जानते हैं कि स्वाद में बेहतरीन दूध वाली चाय का नियमित सेवन आपके हेल्थ को कितना नुकसान पहुंचा रहा है?
तो अगर आप भी चाय के शौकीन हैं, तो इससे होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जरूर जान लें।
क्या रोज दूध वाली चाय पीना सही है ?
दूध में मौजूद कैल्शियम हड्डियों को मजबूत तो करता है, लेकिन कुछ लोगों में यह आयरन के अवशोषण को प्रभावित कर सकता है।
वहीं, दूध वाली चाय के अधिक सेवन से कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, दूध और चाय का मिश्रण हर किसी के पेट में अच्छे से नहीं घुलता है, जिसके कारण गैस, सूजन और अपच की समस्या हो सकती है।
ऐसे में यदि किसी को पाचन संबंधी समस्याएं हैं, तो उसे दूध वाली चाय का कम सेवन करने की सलाह दी जाती है।
इसके अलावा यदि चाय में ज्यादा चीनी और कैलोरी होती है, तो इससे वजन बढ़ने और टाइप 2 डायबीटिज का खतरा भी बढ़ सकता है।
इसी तरह चाय में पाया जाने वाला कैफीन का अत्यधिक सेवन चिंता और अनिद्रा की समस्याएं पैदा कर सकता है।
इसलिए चाय को कम मीठा या बिना मीठा पीना बेहतर है।
इसके साथ पर्याप्त पानी पीना भी जरूरी है, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।
हालांकि, दूध वाली चाय के कुछ फायदे भी होते हैं।
जैसे चाय में मौजूज एंटीऑक्सीडेंट्स कोशिकाओं को क्षति से बचाते हैं।
सुबह खाली पेट चाय पीना है खतरनाक
बहुत से लोगों की आदत में होता है, सुबह उठकर चाय पीना जो हेल्दी नहीं है।
चाय जैसे कैफीन वाली ड्रिंक्स को खाली पेट पीने से कई तरह की असुविधाएं हो सकती हैं।
कैफीन पेट के एसिड को बढ़ा सकता है, जिससे जलन और ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है।
वहीं, सुबह चाय पीने से बॉडी में कोर्टिसोल का प्रोडक्शन होने लगता है।
बता दें कोर्टिसोल एक हार्मोन है, जो सोने-जागने के चक्र को कंट्रोल करने में मदद करता है और पूरे दिन एनर्जी प्रदान करता है।
जब आप सुबह कैफीन का सेवन करते हैं, तो यह शरीर की कोर्टिसोल लेवल को बिगाड़ सकता है।
वहीं चाय में टैनिन होता है, जो आयरन और कैल्शियम जैसे खनिजों के एब्जॉर्ब्शन में बाधा पैदा कर सकता है।
इसलिए भी सुबह सबसे पहले चाय का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
इसके अलावा चाय में नेचुरल एसिड होते हैं, जो दांतों के इनेमल को नष्ट कर सकते हैं।
खासकर जब बड़ी मात्रा में या लंबे समय तक इसका सेवन किया जाता है।
NOTE: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध सोर्सेज से ली गई है। ये केवल एक सामान्य जानकारी है। ‘चौथा खम्भा’ इसकी पुष्टि नहीं करता है। कोई भी सलाह अपनाने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट से सही जानकारी जरूर लें।