FIR On Data Leak: डेटा लीक की खबरें आमतौर पर सोशल मीडिया या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से जुड़ी होती हैं।
लेकिन, इंदौर पुलिस ने एक अनोखा मामला दर्ज किया है।
जिसमें कंपनी के कर्मचारी ने ही डेटा बेचकर अपनी ही कंपनी को बड़ा नुकसान पहुंचाया।
इसे देश का पहला ऐसा मामला माना जा सकता है, जिसमें डेटा लीक को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है।
कर्मचारी ने बेचा कंपनी का डेटा, FIR दर्ज
डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा के अनुसार इंदौर के विजय नगर थाने में राहुल कोठारी नामक फरियादी ने शिकायत दर्ज कराई।
उनकी “केपिटल/फिनटेक प्राइवेट लिमिटेड” नामक कंपनी ऑनलाइन ट्रेडिंग के लिए डिमेट अकाउंट खोलने का काम करती है।
उन्होंने पाया कि कंपनी के रिलेशनशिप मैनेजर हिमांशु मावलिय ने कंपनी का डेटा लीक कर दूसरी कंपनियों को बेचा।
फरियादी राहुल ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में कंपनी के ग्राहकों की संख्या अचानक घटने लगी।
जब इसकी जांच की गई, तो पता चला कि आरोपी ने ग्राहकों के नाम, मोबाइल नंबर और अन्य जानकारी एकत्र कर दूसरी कंपनियों को बेच दी।
इसके बदले वह प्रति डिमेट खाता 10% कमीशन ले रहा था।
पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसके मोबाइल और मेल से कई अन्य साक्ष्य जुटाए हैं।
डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने बताया कि डेटा लीक के मामलों में कार्रवाई करना चुनौतीपूर्ण होता है।
इस तरह के मामलों में सबसे बड़ी दिक्कत होती है डेटा को जब्त करना।
लेकिन, आरोपी द्वारा जुर्म स्वीकार करना सबसे बड़ा सबूत है।
पुलिस ने आरोपी के मेल और अन्य उपकरणों से जो जानकारी जुटाई है, वह कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी।
भारत में सबसे बड़ा डेटा लीक
इंदौर का यह मामला बताता है कि डेटा लीक अब केवल हैकर्स तक सीमित नहीं रहा, बल्कि कंपनी के अंदर से ही इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।
पहले भी कंपनियों के सेल्समेन और टेली कॉलर्स डेटा खरीदने और बेचने में शामिल रहे हैं।
इस घटना ने भारत में डेटा सुरक्षा की गंभीरता को उजागर किया है।
इससे पहले 81.5 करोड़ भारतीयों का डेटा डार्क वेब पर बिक्री के लिए उपलब्ध होने की खबरें आई थीं।
इन डेटा में नाम, फोन नंबर, पासपोर्ट और आधार नंबर जैसी निजी जानकारी शामिल थीं।