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Delhi Election 2025: AAP-BJP के बीच सीधी टक्कर, INDIA ब्लॉक में फूट से मुश्किल में कांग्रेस

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Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Election 2025) के लिए बुधवार 5 फरवरी को सभी 70 सीटों पर एक साथ मतदान हुआ, जिसके नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।

AAP की जीत स्विंग वोटर्स पर निर्भर होगी, जिनमें ऊंची जाति, OBC, दलित और मुस्लिम वोटर्स शामिल हैं।

पिछले चुनावों में AAP, कांग्रेस और BJP के बीच इन वोटर्स का समर्थन बदलता रहा है।

ऐसे में आइए जानते हैं कि यह स्विंग वोटर्स कौन है, जो दिल्ली के किंगमेकर बनेंगे

दिल्ली में 18% स्विंग वोटर्स होंगे किंगमेकर

दिल्ली में पिछले एक दशक से लोकसभा चुनावों में BJP और विधानसभा चुनावों में AAP को जीत मिलती रही है।

दिल्ली चुनाव लोकसभा (Delhi Election 2025) के करीब 9 महीने बाद होते हैं लेकिन इतने कम वक्त में ही वोटिंग ट्रेंड्स में बड़ा बदलाव दिखता है।

2025 में भी यही ट्रेंड जारी रहेगा या नहीं, ये जानने के लिए स्विंग वोटर्स की भूमिका समझना जरूरी है।

स्विंग वोटर या फ्लोटिंग वोटर वह मतदाता होता है, जो किसी पार्टी से जुड़ा नहीं होता।

यह वोटर्स हर चुनाव में अपने फायदे-नुकसान के आधार पर अलग-अलग पार्टी को वोट देते हैं।

पिछले दो लोकसभा और विधानसभा चुनावों के डेटा के मुताबिक स्विंग वोटर्स दिल्ली की सत्ता तय करते रहे हैं।

दिल्ली में फिलहाल 18% वोटर स्विंग वोटर्स की श्रेणी में आते हैं।

आम आदमी पार्टी के सामने इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती स्विंग वोटर्स को अपने पाले में लाने की है।

ये वोटर्स ही दिल्ली में AAP के भाग्य विधाता बन सकते हैं। बीजेपी और कांग्रेस को भी इन वोटर्स की काफी जरूरत है।

स्विंग वोटर्स सभी जातियों, समुदायों, धर्मों और वर्गों से आते हैं।

2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP की जीत इस बात पर निर्भर करेगी कि वो कांग्रेस और BJP से छिटके वोटर्स को वापस ला पाती है या नहीं।

यानी AAP को अपनी जीत के लिए इन वोटर्स को वापस अपने पाले में लाना होगा।

अगर BJP और कांग्रेस इनमें से कुछ वोटर्स को भी अपने साथ जोड़ लेते हैं, तो AAP के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।

कांग्रेस के लिए मुश्किल, AAP-भाजपा में सीधी टक्कर

इस बार दिल्ली में मुकाबला दिलचस्प है क्योंकि लोकसभा चुनाव में साथ रहे INDIA ब्लॉक की 5 पार्टियां आमने-सामने हैं।

आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस ने सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं, जबकि CPI ने 6, CPM और CPI-ML ने 2-2 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं।

बसपा सभी 70 सीटों पर और AIMIM 12 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

वहीं, भाजपा ने 68 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं और दो सीटें सहयोगी दलों को दी हैं।

इसमें जनता दल- यूनाइटेड (JDU) ने बुराड़ी और लोक जनशक्ति पार्टी- रामविलास (LJP-R) ने देवली सीट से प्रत्याशी उतारे हैं।

बता दें 2014 और 2019 में भाजपा ने लोकसभा की सभी 7 सीटें जीती थीं।

वहीं, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में AAP ने जबरदस्त जीत दर्ज की थी।

इधर 2013 तक दिल्ली पर राज करने वाली कांग्रेस की स्थिति लगातार बिगड़ती गई है।

2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी थी।

वहीं, AAP और भाजपा के बीच मुकाबला कड़ा होता जा रहा है।

इस चुनाव में भी AAP अपनी सत्ता बचाने की कोशिश करेगी, जबकि भाजपा सत्ता में वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही है।

19% प्रत्याशी दागी, 5 करोड़पति उम्मीदवार

चुनाव आयोग के मुताबिक निर्दलीय समेत विभिन्न पार्टियों के कुल 699 प्रत्याशी दिल्ली चुनाव के मैदान में उतरे हैं।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) ने इन सभी उम्मीदवारों के हलफनामों की जांच करके एक रिपोर्ट तैयार की है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक सभी 699 उम्मीदवारों में 96 महिलाएं हैं, जो करीब 14% होता है।

132 यानी 19% उम्मीदवार आपराधिक छवि वाले हैं।

इनमें से 81 प्रत्याशियों पर हत्या, किडनैपिंग और बलात्कार जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं।

वहीं 13 उम्मीदवार महिलाओं के खिलाफ अपराधों में आरोपी हैं।

ADR की रिपोर्ट बताती है कि 5 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 100 करोड़ रुपए से अधिक है।

इनमें 3 भाजपा के जबकि एक-एक कांग्रेस और AAP के प्रत्याशी शामिल हैं।

भाजपा उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 22.90 करोड़ रुपए आंकी गई है।

वहीं, तीन प्रत्याशियों ने अपनी संपत्ति शून्य घोषित की है।

प्रत्याशियों के एजुकेशन क्वालिफिकेशन की बात करें तो 46% ने अपने आपको 5वीं से 12वीं के बीच घोषित किया है।

18 उम्मीदवारों ने खुद को डिप्लोमा धारक, 6 ने साक्षर और 29 ने असाक्षर बताया है।

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