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BJP सांसद बोले- अवैध रेत खनन से खतरे में नर्मदा, नेता प्रतिपक्ष ने पूछा- अपने नेताओं से इस्तीफा मांगेंगे?

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Narmada River Issue In Lok Sabha: मध्यप्रदेश की जीवनरेखा कही जाने वाली नर्मदा नदी में बढ़ते अवैध रेत खनन और औद्योगिक कचरे से जल प्रदूषण का मुद्दा लोकसभा में गूंजा।

नर्मदापुरम के भाजपा सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने संसद के शून्यकाल में इस गंभीर विषय को उठाते हुए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की।

नर्मदा पर मंडरा रहा गंभीर खतरा: सांसद चौधरी

नर्मदापुरम सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने लोकसभा में नर्मदा संरक्षण का मुद्दा उठाया।

उन्होंने रेत खनन से बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई और नर्मदा बचाने की मांग की।

बीजेपी सांसद ने संसद में कहा कि नर्मदा नदी केवल मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि गुजरात की भी जीवनरेखा है।

इसका धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व अत्यधिक है, लेकिन अवैध रेत खनन और औद्योगिक प्रदूषण के कारण इसका अस्तित्व खतरे में पड़ता जा रहा है।

उन्होंने कहा कि यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो इसके गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं।

उन्होंने सरकार से नर्मदा संरक्षण के लिए एक व्यापक योजना बनाने की मांग की।

नर्मदापुरम सांसद दर्शन सिंह चौधरी
नर्मदापुरम सांसद दर्शन सिंह चौधरी

 

जिसमें नदी की जल गुणवत्ता का मूल्यांकन, औद्योगिक कचरे की मात्रा का विश्लेषण, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थिति और अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया जाए।

नर्मदा संरक्षण के लिए उठाए जाने चाहिए ठोस कदम

भाजपा सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने तुलसीदास जी के दोहे का जिक्र करते हुए कहा कि मां नर्मदा विश्व की एकमात्र ऐसी नदी है, जिसकी परिक्रमा की जाती है, जो नर के मद को हरती है।

इसलिए, इसके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाना आवश्यक है।

उन्होंने संसद में सुझाव दिया कि सेंट्रल वाटर कमीशन की सहायता से नर्मदा के संरक्षण के लिए एक फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जाए।

उन्होंने कहा कि निजी उद्योगों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए ताकि वे अपना कचरा बिना ट्रीटमेंट के नदी में न छोड़ें।

भाजपा सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने संसद में सुझाव दिए
भाजपा सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने संसद में सुझाव दिए

इसके साथ ही, उन्होंने गुजरात के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर नर्मदापुरम में भी एक विश्व स्तरीय “नर्मदा रिवर फ्रंट” विकसित करने की बात कही।

इससे नदी का संरक्षण होगा और पर्यटन एवं स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने नर्मदा लोक निर्माण और नर्मदा पथ विकसित करने का भी सुझाव दिया ताकि नदी का धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व सुरक्षित रह सके।

20 साल से BJP की सरकार, तो फिर दोषी कौन?

नर्मदापुरम सांसद दर्शन सिंह चौधरी द्वारा संसद में यह मुद्दा उठाए जाने के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा सरकार पर हमला बोला।

उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में लिखा- किसी बीजेपी नेता ने नर्मदा की सुध ली और ये अच्छी बात है।

लेकिन, वे भी जानते हैं कि नर्मदा संरक्षण न होने का आखिर दोषी कौन?

मप्र में 20 साल से BJP की सरकार है पर किसी ने नर्मदा संरक्षण को गंभीरता से नही लिया।

एमपी में जो रेत माफिया पनप रहा है, उसे भी बीजेपी के नेताओं और अफसरों का प्रश्रय है।

यही नर्मदा के प्रदूषण और रेत उत्खनन का कारण हैं।

दर्शन सिंह चौधरी जी यदि आपकी मांग पर कार्रवाई हो, तो नर्मदा की बर्बादी के दोषी आपकी पार्टी के नेता और सरकार ही निकलेगी।

क्या आप अपनी ही पार्टी के नेताओं से इस्तीफा मांगेंगे?

या फिर हमेशा की तरह लीपापोती करके खुद को पाक-साफ बताने का खेल खेलेंगे।

लेकिन, आपकी हिम्मत की दाद दी जाना चाहिए कि आपने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन तो किया।

अब ये CM का काम है कि वे अपनी ही पार्टी के सांसद के उठाए मुद्दे पर कार्रवाई करें।

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