Holi Celebration 2025: इंदौर शहर में होली का रंग जमने लगा है।
बाजारों में रौनक बढ़ गई है और हर तरफ रंगों की बहार नजर आ रही है।
बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर किसी के चेहरे पर होली के त्योहार का जोश देखने लायक है।
इस बार बाजार में “वोकल फॉर लोकल” अभियान के चलते एक से बढ़कर एक देसी पिचकारियों और हर्बल गुलाल की भरमार है।
कुल मिलाकर, इंदौर इस बार पूरे जोश और उत्साह के साथ होली मनाने को तैयार है।
बाजारों की रौनक, युवाओं का जोश और रंगों की बौछार इस त्योहार को और खास बना देगी।
वोकल फॉर लोकल, हर्बल गुलाल की मांग बढ़ी
राजनीति प्रेम के लिए मशहूर इंदौर में नेताओं की तस्वीरों वाली पिचकारियां खूब बिक रही हैं।
वहीं फिल्मी सितारों और कार्टून कैरेक्टर्स वाली पिचकारियां भी बच्चों के बीच हिट हैं।
गुलाल, रंग, मुखौटे, स्प्रे और गुब्बारों से बाजार पटे पड़े हैं।
हालांकि, बढ़ती मांग के चलते पिचकारियों की कीमतें 25 से 50 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं, जबकि पानी वाले रंगों के दाम स्थिर बने हुए हैं।
बाजारों में वोकल फॉर लोकल और मेड इन इंडिया का प्रभाव देखने को मिला और चीनी प्रोडक्ट गायब दिखें।
पिचकारी के थोक कारोबारियों का कहना है कि दिल्ली,मुंबई और गुजरात से अधिकांश माल आता हैं।
वहीं रंग बनाने के कारखाने स्थानीय हैं, लेकिन इस बार हर्बल गुलाल और खुशबूदार रंग हाथरस, दिल्ली और छत्तीसगढ़ से भी आया है।
रंग-गुलाल से सराबोर दिखें कॉलेज स्टूडेंट्स
इंदौर की होली रंग पंचमी के बिना अधूरी रहती है।
इस खास मौके पर शहर की गलियां रंगों से सराबोर हो जाती हैं।
गुलाल की बरसात और पानी की बौछार के बीच हजारों लोग एक साथ मस्ती में डूब जाते हैं। व
हीं इंदौर के कॉलेजों में भी होली की मस्ती शुरू हो चुकी है।
छात्र-छात्राएं एक-दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर जश्न मनाते देखे गए।
सभी ने एक-दूसरे को गले मिलकर होली की बधाई दी।
इस बार संभलकर जश्न मना रहें हैं छात्र
होली को लेकर इंदौर वासियों में जबरदस्त उत्साह और उमंग देखने को मिल रहा है।
शहर के अलग-अलग कॉलेजों में अभी से ही होली की धूम दिखना शुरू हो गई है।
कॉलेज के युवाओं की टोली रंगों से सराबोर दिखी, हर किसी के चेहरे पर रंग और गुलाल लगे दिखाई दिए।
हालांकि, इस साल होलकर साइंस कॉलेज में छात्रों द्वारा शिक्षकों को बंधक बनाने की घटना के बाद विश्वविद्यालयों में माहौल थोड़ा सतर्क है।
छात्र होली खेलने को लेकर उत्साहित तो हैं, लेकिन कुछ जगहों पर वे थोड़ा संभलकर जश्न मना रहे हैं।