FIR on Damoh Fake Doctor: दमोह में 7 हार्ट पेशेंट के मौत के आरोपी डॉक्टर डॉ. नरेंद्र यादव उर्फ डॉ. एन जॉन केम के खिलाफ रविवार देर रात FIR दर्ज की गई है।
एफआईआर में दो अन्य लोगों को भी सह-आरोपी बनाया गया है।
इस फर्जी डॉक्टर ने खुद को लंदन का बताकर दमोह में ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित मिशन अस्पताल में करीब 15 मरीजों के ऑपरेशन किए थे।
इनमें से 7 की मौत हो गई थी। जिसके बाद हड़कंप मच गया।
इस घटना के बाद जहां कांग्रेस ने BJP पर निशाना साधा है।
वहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव ने फर्जी डॉक्टर को ढूंढकर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
लंदन का कार्डियोलॉजिस्ट असोसिएशन भी इस मुद्दे में कूद पड़ा है और उन्होंने डॉक्टर केम को फर्जी बताया है।

ऐसे सामने आया केस
यह मामला 4 अप्रैल को तब सामने आया, जब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अस्पताल में 7 हार्ट पेशेंट्स की मौत और फर्जी डॉक्टर की जानकारी साझा की।
दरअसल डॉक्टर के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच दमोह सीएमएचओ कर रहे थे।
जांच में सामने आया कि डॉ. एनजोन केम के नाम पर अब तक 15 हार्ट ऑपरेशन किए। जिनमें से 7 मरीजों की मौत हो गई।
जैसे ही जांच शुरू हुई, खुद को कार्डियोलॉजिस्ट बताने वाला आरोपी डॉक्टर फरार हो गया।
#WATCH | Damoh, Madhya Pradesh | CSP Damoh, Abhishek Tiwari says, “An FIR has been registered in Kotwali Police Station against Dr N John Kem of Mission Hospital…We got a report from the CMHO, Health Department, in this case. Dr N John Kem has performed allegedly fake surgeries… pic.twitter.com/y9VLAWwqie
— ANI (@ANI) April 7, 2025
जांच रिपोर्ट दबाए बैठे थे सीएमएचओ
खबरों के मुताबिक इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) मुकेश जैन एक माह से जांच दबाए बैठे थे।
मगर सोमवार को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम आने की सूचना मिलने पर वो आनन-फानन में कोतवाली पहुंच गए।
उन्होंने पांचों मरीजों के परिजन को पत्र लिखकर बयान देने के लिए बुलाया है।
अपने प्रतिवेदन में उन्होंने बताया कि डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम की एमबीबीएस की डिग्री फर्जी है। यह किसी महिला के नाम है।

दमोह पहुंची राष्ट्रीय मानव अधिकार की आयोग टीम
मामले की जांच करने के लिए राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम दमोह पहुंची है।
इसमें रिंकल कुमार, ब्रजवीर कुमार, राजेंद्र सिंह शामिल हैं।
टीम मृतकों के परिजन के बयान दर्ज दमोह सर्किट हाउस में दर्ज करेगी।
इससे पहले मामले की जांच टीम में सीएमएचओ अशोक जैन के अलावा जिला अस्पताल के डॉ. विशाल शुक्ला और डॉ. विक्रांत चौहान शामिल थे।
जांच में मरीजों की मृत्यु एन्जियोग्राफी और एन्जियोप्लास्टी की वजह से होना पाया गया है।
#WATCH | Damoh | Member of the National Human Rights Commission, Priyank Kanoongo says, “A complain was received that a fake doctor performed cardiac surgeries and caused the deaths of several people. It was also reported that the missionary hospital used to receive money from… https://t.co/HP8UngmkEL pic.twitter.com/OTSzizuLYn
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 6, 2025
इन पेशेंट की हुई मौत
जिन 7 पेशेंट की मौत की बात कही जा रही है। उनमें से अभी तक 5 लोगों की पहचान हुई है।
- सत्येंद्र सिंह राठौर निवासी लाडनबाग, हथना (दमोह)
- रहीसा बेग निवासी पुराना बाजार नंबर 2, (दमोह)
- इजरायल खान, निवासी डॉ. पसारी के पास, (दमोह)
- बुधा अहिरवाल निवासी बरतलाई, पटेरा, (दमोह)
- मंगल सिंह राजपूत निवासी बरतलाई, पटेरा, (दमोह)
2 महीने पहले CMHO से की थी शिकायत
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दीपक तिवारी ने बताया, ‘डॉक्टर ने जनवरी-फरवरी 2025 में 15 हार्ट पेशेंट्स की सर्जरी (एंजियोप्लास्टी) की।
इनमें से 7 मरीजों की मौत हो गई। कुछ परिजन मेरे संपर्क में आए थे, जिसके बाद मैंने फरवरी में सीएमएचओ मुकेश जैन से शिकायत की।
उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया तो मार्च में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से शिकायत कर दी।’

कांग्रेस का बीजेपी पर हमला, हत्यारे को प्रमोट किया
इस मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भी वीडियो शेयर करके BJP पर निशाना साधा है और फर्जी डॉक्टर पर बीजेपी से संरक्षण प्राप्त होने के भी आरोप लगाए हैं।
सुप्रिया श्रीनेत ने वीडियो शेयर कहा- एनजोन केम ने डॉक्टर बनकर 7 लोगों की जान ली है। इस हत्यारे को भाजपा ने प्रमोट किया।
एक भूरे भूरे बालों वाला शख्स था ट्विटर पर, नाम था प्रोफेसर N John Camm
भूरे बाल, कैमरे के एंगल और थोड़े गोरे से दिखने पर आपको भी यही लगता था ना कि वो कोई अंग्रेज़ हैं?
नहीं, वह नरेंद्र विक्रमादित्य यादव है, यह ख़ुद को ब्रिटेन का फेसम डॉक्टर बताता था
सोशल मीडिया पर ज़हर उगलना,… pic.twitter.com/3lqbWBgprN
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) April 6, 2025
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इसके सोशल मीडिया पर री-ट्वीट करते हैं।
इसके बाद श्रीनेत ने X पर लिखा- मोहन यादव जी, इस आदमी को डॉक्टर बनकर इलाज करने की इजाजत किसने दी?
क्या इस अपराध में आप भी शामिल हैं? बेकसूरों की मौतों की सरकार भी जिम्मेदार है?
लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट एसोसिएशन का पोस्ट
सात ह्दय रोगियों की मौत का मामला विश्व पटल पर भी चर्चा में आ गया है।
इसकी जानकारी लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट एसोसिएशन को भी लगी है, जिसके चलते उनकी ओर से भी डॉक्टर एन. जॉन केम को फर्जी बताया है।
एसोसिएशन की ओर से किए गए ट्वीट के अनुसार, एन. जॉन केम उनके यहां से है ही नहीं।

पहले भी विवादों में रहा अस्पताल
इस सारे मामले में सबसे दिलचस्प बात ये है कि जिस मिशन अस्पताल में ये घटना हुई है। उस पर पहले भी मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण जैसे गंभीर आरोप लग चुके हैं।
मिशन अस्पताल पर इससे पहले ह्यूमन ट्रैफिकिंग और धर्मांतरण का आरोप भी लग चुका है।