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Hanuman Janmotsav: हनुमान जयंती पर पर 57 साल बाद बना पंचग्रही योग, हर इच्छा होगी पूरी

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Hanuman Janmotsav 2025: इस साल हनुमान जयंती का पर्व 12 अप्रैल शनिवार को मनाया जा रहा है।

इस दिन व्रत रखकर हनुमान जी का पूजन करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

मगर इस बार पर्व पर भद्रा का साया रहेगा, जिससे शुभ मुहूर्त में ही पूजा करना आवश्यक होगा।

हनुमान जयंती पर भद्रा का प्रभाव

हनुमान जयंती पर भद्रा का समय सुबह 5:59 से शाम 5:35 तक रहेगा।

इस दौरान भद्रा का वास पाताल लोक में होता है, इसलिए हनुमान जी की पूजा-अर्चना शुभ मानी जाती है।

भद्रा के पाताल लोक में रहने के दौरान, धरती पर सभी तरह के धार्मिक और मांगलिक कार्य शुभ फल देते हैं।

भद्रा क्या है?

भद्रा, हिंदू धर्म में एक नकारात्मक शक्ति के रूप में मानी जाती है, जो शुभ कार्यों में बाधा डालती है।

पूजा का शुभ मुहूर्त:

हनुमान जी की पूजा का शुभ मुहूर्त 12 अप्रैल को सुबह 7:35 से 9:11 तक रहेगा।

हनुमान जयंती पर 57 साल बाद पंचग्रही युति योग

इस साल पांच ग्रहों की साक्षी में संकट मोचन हनुमानजी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

मीन राशि में सूर्य, बुध, शुक्र, शनि व राहु की युति बन रही है।

पंचग्रही युति में किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए हनुमानजी की पूजा अर्चना करना शुभ रहेगा।

पिछली बार 1968 में बना था ऐसा योग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचग्रही युति (Panchagrahi Yuti Yoga) का ऐसा ही योग वर्ष 2025 से पहले 1968 में बना था।

इनकी साक्षी में संबंधित देवी, देवता की आराधना करने से विशिष्ट फल की प्राप्ति होती है।

इस योग में हनुमान जी की आराधना सुख, समृद्धि व ग्रहों की अनुकूलता के लिए विशेष मानी गई है।

इस दिन विशेष रूप से शनि, मंगल व राहु की शांति के लिए केसरी नंदन का वंदन शुभफलदायी है।

ऐसे करें पूजन (Hanuman Janmotsav 2025)

हनुमान जी की मूर्ति या चित्र को गंगाजल से शुद्ध कर, सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।

लाल फूल चढ़ाएं और लड्डू का भोग लगाएं।

दीप प्रज्वलित कर हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करें।

ये मंत्र देंगे विशेष फल: “ॐ हं हनुमते नमः” , “ॐ रामदूताय नमः”

शनि की साडेसाती से ग्रसित लोग करें ये उपाय

हनुमान जन्मोत्सव पर पूजा से शनि राहु दोष से मिलेगी मुक्ति मिलती है।

हनुमान जन्मोत्सव पर शनि दोष या शनि की साढ़ेसाती से ग्रसित लोग हनुमान जी को चना और गुड़ अर्पित करें।

हनुमान जयंती पर चढ़ाए चोला

इस दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाने की परंपरा भी है।

चमेली के तेल और पीले सिंदूर से चोला चढ़ाना शुभ माना जाता है।

यह ध्यान रखना चाहिए कि सिंदूर केवल चरणों में अर्पित करें, मस्तक पर नहीं लगाएं।

पीला सिंदूर ही शास्त्र सम्मत होता है।

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