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अब जाति आधारित जनगणना कराएगी सरकार, मोदी कैबिनेट का ऐतिहासिक फैसला

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Caste Based Census: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया, जिसमें देश भर में जाति आधारित जनगणना (Caste-Based Census) कराने की मंजूरी दी गई।

यह जनगणना आगामी राष्ट्रीय जनसंख्या गणना के साथ समन्वित रूप से आयोजित की जाएगी।

जाति जनगणना: एक दशकों पुरानी मांग की पूर्ति

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 1947 के बाद से देश में व्यापक स्तर पर जाति जनगणना नहीं हुई है।

उन्होंने कहा, “यह मुद्दा पहले मनमोहन सिंह सरकार द्वारा उठाया गया था, लेकिन इसे राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया गया।

अब केंद्र सरकार इसे पारदर्शी तरीके से लागू करेगी, ताकि सामाजिक न्याय सुनिश्चित हो सके।”

जाति जनगणना का उद्देश्य विभिन्न समुदायों की आबादी और सामाजिक-आर्थिक स्थिति का सटीक आकलन करना है, जिससे कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सही लाभार्थियों तक पहुँच सके।

जाति जनगणना क्यों आवश्यक है?

इससे सरकार को विभिन्न समुदायों की शैक्षिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति का सही आकलन करने में मदद मिलेगी, जिससे योजनाओं का लक्षित क्रियान्वयन हो सकेगा।

जाति जनगणना कैसे आयोजित की जाएगी?

इसे राष्ट्रीय जनगणना प्रक्रिया के साथ एकीकृत किया जाएगा, जिसमें डिजिटल तकनीक का उपयोग कर डेटा एकत्र किया जाएगा।

उत्तर-पूर्व में हाईस्पीड कॉरिडोर को मंजूरी

कैबिनेट ने एक अन्य प्रमुख निर्णय में मेघालय के शिलॉन्ग और असम के सिलचर के बीच 166 किलोमीटर लंबे 6-लेन वाले हाईस्पीड कॉरिडोर के निर्माण को हरी झंडी दी।

इस परियोजना पर 22,864 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जो उत्तर-पूर्वी राज्यों के बीच कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को गति देगी।

दक्षिण भारत में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार

इसके अलावा, कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में तिरुपति-कटपडी रेलवे लाइन के उन्नयन को मंजूरी दी।

104 किलोमीटर लंबी इस सिंगल लाइन को डबल लाइन में बदला जाएगा, जिस पर 1,332 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

इससे तिरुमला मंदिर, श्रीकालहस्ती और अन्य धार्मिक स्थलों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

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