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भारत के विरोध के बावजूद IMF ने पाकिस्तान को दिया ₹20 हजार करोड़ का लोन

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

IMF Pakistan Loan: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 9 मई, 2025 को पाकिस्तान को लगभग ₹20,000 करोड़ का लोन देना मंजूर किया है।

जिसमे से पहले पाकिस्तान को 11 हजार करोड़ मिलेंगे। इसके बाद 9 हजार करोड़ रूपये और मिलेंगे।

यह फैसला भारत के जोरदार विरोध के बावजूद लिया गया, जिसने चेतावनी दी थी कि यह फंड आतंकवाद को बढ़ावा देने में इस्तेमाल हो सकता है।

भारत ने क्यों किया विरोध?

भारत ने IMF की बैठक में स्पष्ट किया कि पाकिस्तान का आतंकवाद को प्रायोजित करने का इतिहास है और IMF से मिलने वाला पैसा सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा दे सकता है।

भारत ने कहा:

“सीमा पार आतंकवाद को लगातार समर्थन देना वैश्विक समुदाय के लिए खतरनाक संदेश भेजता है। यह फंडिंग एजेंसियों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है।”

हालांकि, IMF ने भारत की चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया और पाकिस्तान को लोन देने का फैसला किया।

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IMF का तर्क: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बचाना

IMF ने कहा कि यह लोन “क्लाइमेट रेजिलिएंस प्रोग्राम” के तहत दिया गया है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान को प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में मदद करना है।

इसके अलावा, 7 बिलियन डॉलर के एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) कार्यक्रम की पहली समीक्षा भी पास की गई,

जिससे पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर (लगभग ₹8,542 करोड़) और मिलेंगे।

भारत ने वोटिंग में भाग क्यों नहीं लिया?

  • IMF की वोटिंग प्रक्रिया में “नहीं” (No) का विकल्प नहीं होता, इसलिए भारत ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
  • भारत ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि: पाकिस्तान पिछले 35 साल में 28 बार IMF से कर्ज ले चुका है।
  • पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड खराब है – वह पहले के कर्जों का सही इस्तेमाल नहीं कर पाया।
  • पाकिस्तानी सेना का अर्थव्यवस्था पर कंट्रोल है, जो सुधारों में बाधा डालता है।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा:

“भारत के प्रयास विफल हो गए हैं। IMF ने हमारी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद की है।”

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सोशल मीडिया पर तूफान

International Monetary Fund के इस फैसले के बाद भारत के लोगों में बेहद गु्स्सा है।

  • सोशल मीडिया पर #IMFSupportsTerrorism, #IMFfundsTerrorism और #ShameOnIMF ट्रेंड कर रहे हैं।
  • कई यूजर्स ने IMF को “इंटरनेशनल मुजाहिदीन फंड” तक कह दिया।

 

क्या पाकिस्तान को वास्तव में फायदा होगा?

हालांकि पाकिस्तान को तत्काल राहत मिली है, लेकिन लंबे समय में यह लोन उसकी अर्थव्यवस्था को नहीं बचा पाएगा।

पाकिस्तान पहले से ही भारी कर्ज, महंगाई और आंतरिक आतंकवाद से जूझ रहा है।

अगर यह पैसा सैन्य खर्च और आतंकवाद में चला गया, तो देश की जनता को कोई लाभ नहीं मिलेगा।

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IMF का यह फैसला भारत के लिए निराशाजनक है, लेकिन भारत ने अपनी चिंताएं वैश्विक मंचों पर उठाकर स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला देश है।

अब देखना होगा कि क्या IMF भविष्य में ऐसे फैसलों पर पुनर्विचार करेगा।

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