Jain Temple Thief: मध्य प्रदेश की विदिशा पुलिस ने एक ऐसे चोर को गिरफ्तार किया है, जिसने 101 जैन मंदिरों में चोरी करने का संकल्प लिया था।
आरोपी नीलेश राजपूत (40 वर्ष) ने अब तक 79 मंदिरों को निशाना बनाया था और उसका लक्ष्य 101 मंदिरों में चोरी करना था।
विदिशा पुलिस ने उसे सागर जिले के जैसीनगर से गिरफ्तार किया है।
क्या था पूरा मामला?
नीलेश राजपूत पर 39 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 38 चोरी से संबंधित हैं।
उसने सागर, भोपाल, विदिशा, दमोह, रायसेन और इटारसी के कई जैन मंदिरों में चोरी की।
पुलिस ने उससे 4 लाख रुपये मूल्य के चांदी और पीतल के छत्र बरामद किए हैं।
भाई की आत्महत्या ने बनाया चोर
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में नीलेश ने बताया कि उसका भाई रूप सिंह एक बार झूठे चोरी के आरोप में गिरफ्तार हुआ था।
सामाजिक अपमान से तंग आकर उसके भाई ने आत्महत्या कर ली।
इस घटना से आहत नीलेश ने बदले की भावना से 101 जैन मंदिरों में चोरी करने का संकल्प लिया।
चोरी करने का अनोखा तरीका
मंदिर में प्रवेश से पहले चप्पल उतारता और भगवान को प्रणाम करता।
दान पेटी में सिक्का डालकर उसमें रकम का अंदाजा लगाता।
नकदी तुरंत खर्च कर देता, जबकि चांदी-पीतल की वस्तुएं नदी या तालाब में फेंक देता।
चोरी के बाद ट्रेन से भाग जाता और अगले शहर में नया मंदिर चुनता।
पुलिस ने कैसे पकड़ा?
विदिशा के 500 साल पुराने श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर से चोरी की वारदात के 24 घंटे के अंदर ही पुलिस ने नीलेश को रेलवे स्टेशन से भागते वक्त गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी की पृष्ठभूमि
नीलेश सागर जिले के औरैया गांव का रहने वाला है।
उसके परिवार के पास 40 बीघा जमीन है और उसका एक भाई सरपंच भी रह चुका है।
वह पहले भी कई बार जेल जा चुका है और 20 दिन पहले ही रायसेन जेल से रिहा हुआ था।
पुलिस की कार्रवाई
विदिशा एसपी रोहित काशवानी ने बताया कि नीलेश पर कई जिलों में मामले दर्ज हैं।
पुलिस अब उन लोगों की तलाश कर रही है, जिन्होंने उससे चोरी का सामान खरीदा था।