भोपाल। कभी चंबल का बीहड़ बागियों के लिए जाना जाता था। जैसा कहा भी जाता है कि चंबल के पानी की तासीर में ही बगावत है। चंबल में अब दस्यु तो रहे नहीं, लेकिन बागी किसी ना किसी रूप में मौजूद हैं। हम बात कर रहे हैं राजनीतिक बागियों की। लोकसभा चुनाव में टिकट कटने पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के लिए चंबल की तीन सीटों पर बागी चुनौती खड़ी कर रहे हैं। पहले बात कांग्रेस के बागियों की।
कांग्रेस के बागी – कल्याण सिंह गुर्जर
ग्वालियर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने पूर्व विधायक भारत सिंह कुशवाह को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने भी पूर्व विधायक प्रवीण पाठक को टिकट दिया है। इस सीट पर कांग्रेस से दावेदारी में आगे रहे पूर्व सांसद रामसेवक गुर्जर टिकट कटने से खफा चल रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस से जुड़े एक प्रॉपर्टी कारोबारी कल्याण सिंह गुर्जर अचानक बसपा के टिकट पर मैदान में कूद गए हैं जो कांग्रेस के गुर्जर वोट में सेंध लगाएंगे।
ग्वालियर में त्रिकोणीय मुकाबला –
भारत सिंह कुशवाहा, बीजेपी प्रत्याशी
प्रवीण पाठक, कांग्रेस प्रत्याशी
कल्याण सिंह गुर्जर, बीएसपी प्रत्याशी
कांग्रेस के बागी – रमेश गर्ग
मुरैना लोकसभा सीट पर बीजेपी ने पूर्व विधायक शिवमंगल सिंह तोमर को उतारा है तो कांग्रेस ने सुमावली से बीजेपी के पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार को टिकट दिया है। दोनों प्रत्याशी क्षत्रिय समाज से आते हैं, लेकिन इस सीट से कांग्रेस के बागी रमेश गर्ग के बीएसपी की तरफ से चुनाव मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। वे कांग्रेस के शहरी वोटर के साथ ही बीजेपी के परंपरागत वैश्य वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं।
मुरैना में त्रिकोणीय मुकाबला –
शिवमंगल सिंह तोमर, बीजेपी प्रत्याशी
सत्यपाल सिंह सिकरवार, कांग्रेस प्रत्याशी
रमेश गर्ग, बीएसपी प्रत्याशी
कांग्रेस के बागी – देवाशीष जरारिया
चंबल की भिंड लोकसभा सीट पर बीजेपी ने मौजूदा सांसद संध्या राय और कांग्रेस ने फूलसिंह बरैया को टिकट दिया है। टिकट कटने से खफा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता देवाशीष जरारिया बीएसपी के टिकट पर चुनाव में कूद गए हैं। इस सीट पर एससी वोटर तीन भागों में बंट जाएगा।
भिंड में त्रिकोणीय मुकाबला –
संध्या राय, बीजेपी प्रत्याशी
फूलसिंह बरैया, कांग्रेस प्रत्याशी
देवाशीष जरारिया, बीएसपी प्रत्याशी
बीजेपी के बागी – नारायण त्रिपाठी
विंध्य की सतना सीट पर बीजेपी ने गणेश सिंह पर फिर दांव खेला है। कांग्रेस ने अपने विधायक सिद्धार्थ कुशवाह को टिकट दिया है जो गणेश सिंह को विधानसभा चुनाव में हरा चुके हैं। ब्राह्मण बहुल सीट पर दोनों पार्टियों ने ओबीसी उतारे हैं। वहीं मैहर से बीजेपी के पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी बसपा के टिकट पर मैदान में कूद गए हैं।
सतना में त्रिकोणीय मुकाबला –
गणेश सिंह, बीजेपी प्रत्याशी
सिद्धार्थ कुशवाहा, कांग्रेस प्रत्याशी
नारायण त्रिपाठी, बीएसपी प्रत्याशी
बीजेपी के बागी – अजय प्रताप सिंह
विंध्य में शराब कांड के कारण चर्चित रहे सीधी में बीजेपी को बगावत का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी ने यहां डॉ. राजेश मिश्रा को टिकट दिया है तो कांग्रेस ने पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल पर दांव खेला है। लेकिन, यहां गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से बीजेपी के पूर्व सांसद अजय प्रताप सिंह भी मैदान में हैं जो बीजेपी के क्षत्रिय और आदिवासी वोट में सेंध लगा सकते हैं।
सीधी में त्रिकोणीय मुकाबला –
डॉ. राजेश मिश्रा, बीजेपी प्रत्याशी
कमलेश्वर पटेल, कांग्रेस प्रत्याशी
अजय प्रताप सिंह, गोंगपा प्रत्याशी
ये वो बागी हैं जो खुलकर बीजेपी और कांग्रेस को चुनौती दे रहे हैं। इसके अलावा भी दोनों दलों में ऐसे छुपे रुस्तम मौजूद हैं जो टिकट ना मिलने से असंतुष्ट हैं। चुनाव में ये भी भितरघाती का किरदार निभा रहे हैं, लेकिन कोई कितना ही दम लगा ले। जनता-जनार्दन जिस प्रत्याशी पर भरोसा जताएगी विजय उसकी होगी।