Naxalite Sodhi Kanna killed: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 8 लाख रुपये का इनामी डिप्टी कमांडर सोढ़ी कन्ना मारा गया।
उसके पास से 303 राइफल और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद हुई है।
मुठभेड़ का विवरण
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के नेशनल पार्क क्षेत्र में 5 जुलाई को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई।
इस ऑपरेशन में PLGA बटालियन नंबर-01 के डिप्टी कमांडर और स्नाइपर सोढ़ी कन्ना मारा गया, जिस पर 8 लाख रुपये का इनाम था।
सुरक्षा बलों को पहले से ही इस इलाके में नक्सली गतिविधियों की जानकारी मिली थी, जिसके बाद DRG बीजापुर, DRG दंतेवाड़ा, STF, CoBRA 202, CoBRA 210 और CRPF की संयुक्त टीम ने 4 जुलाई से सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
ऑपरेशन के दौरान रुक-रुककर मुठभेड़ें हुईं, जिसमें अंततः सोढ़ी कन्ना ढेर हो गया।

सोढ़ी कन्ना कौन था?
सोढ़ी कन्ना PLGA बटालियन नंबर-01, कंपनी नंबर-02 का डिप्टी कमांडर था और नक्सलियों का एक प्रशिक्षित स्नाइपर था।
वह माओवादी नेता सीसीएम माड़वी हिडमा का करीबी सहयोगी था और कई बड़ी वारदातों में शामिल रहा था, जिनमें शामिल हैं:
- टेकलगुड़ियम क्षेत्र में नक्सली गतिविधियां
- धरमारम कैंप पर हमला
- कई हिंसक घटनाओं में प्रमुख भूमिका
उसके मारे जाने से नक्सलियों को स्नाइपर क्षमताओं के मामले में बड़ा झटका लगा है।
मुठभेड़ स्थल से बरामद सामग्री
सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन में निम्नलिखित सामग्री बरामद की:
- 303 राइफल और 5 जिंदा राउंड
- AK-47 मैगज़ीन और 59 जिंदा राउंड
- माओवादी वर्दी
- कोडेक्स वायर, डेटोनेटर, सेफ्टी फ्यूज
- नक्सली साहित्य, रेडियो और दैनिक उपयोग की सामग्री
इन सामग्रियों से स्पष्ट होता है कि नक्सली इस इलाके में बड़े पैमाने पर हिंसक गतिविधियां चला रहे थे।

18 महीने में 415 हार्डकोर नक्सली ढेर: आईजी
छत्तीसगढ़ पुलिस के IG सुंदरराज पी. ने बताया कि पिछले 18 महीनों में सुरक्षा बलों ने 415 हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया है।
यह सफलता DRG, STF, CoBRA और CRPF के समन्वित प्रयासों का नतीजा है।
उन्होंने कहा कि भारी बारिश और दुर्गम इलाकों के बावजूद सुरक्षा बल लगातार ऑपरेशन जारी रखे हुए हैं, जिससे नक्सलियों का नेटवर्क कमजोर हुआ है।

बीजापुर में हुई यह मुठभेड़ सुरक्षा बलों की रणनीतिक सफलता है।
सोढ़ी कन्ना जैसे खतरनाक नक्सली का ढेर होना नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान में एक बड़ा मोड़ है।
पिछले डेढ़ साल में 415 नक्सलियों का सफाया इस बात का सबूत है कि सुरक्षा बल नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।


