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वायनाड: इस जगह को कहा जाता है केरल का ‘ऊटी’, खूबसूरती देख हो जाएंगे दंग

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Wayanad Tourism: राजनीति के गलियारों में इन दिनों वायनाड जिला खूब सुर्खियों में हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि केरल राज्य का ये छोटा सा कस्बा एक टूरिस्ट प्लेस भी है और अपनी खूबसूरती के लिए भी काफी मशहूर है।

राहुल गांधी ने कहा था धरती की सबसे सुंदर जगह

वायनाड के पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी चुनावी रैली के दौरान वायनाड को धरती की सबसे सुंदर जगह कहा था और अपनी मां सोनिया गांधी को ये जगह घुमाने की इच्छा भी जाहिर की थी। तभी से लोग इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहते हैं।

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प्राकृतिक सुंदरता से भरा वायनाड

वायनाड की खूबसूरती उसके हरे-भरे जंगल, वॉटरफॉल और नदियों से है। यहां बड़ी संख्या में लोग कैंपिंग और ट्रैकिंग के लिए आते हैं।

वायनाड मतलब खेतों का गांव

वायनाड में दो मलयालम शब्द शामिल हैं, ‘वायल’ और ‘नाडु’, जिसका अर्थ है ‘खेतों का गांव’।

वायनाड में भारत का एकमात्र मिट्टी का बांध, बाणासुरा सागर बांध है, जो एशिया में दूसरा सबसे बड़ा बांध है।
अपने शानदार मौसम के कारण वायनाड को “केरल का ऊटी” भी कहा जाता है।

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आइए जानते हैं वायनाड की कुछ खूबसूरत जगहों के बारे में जहां आप घूमने जा सकते हैं…

1. चेम्ब्रा पीक

2100 मीटर की ऊंचाई पर चेम्ब्रा पीक वायनाड के दक्षिणी हिस्से में मेप्पाडी के समीप स्थित है। यह इस क्षेत्र की चोटियों में सबसे ऊंची चोटी है और इसकी चढ़ाई काफी मुश्किलों भरी है।

इस चोटी तक पहुंचकर वापस लौटने में एक दिन का समय लगता है। जो इसके शीर्ष पर कैंप करना चाहते हैं, बेशक उनके लिए तो यह एक यादगार अनुभव होगा।

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2. नीलिमला व्यू पाइंट

वायनाड के दक्षिणपूर्वी हिस्से में नीलिमला ट्रेकिंग के लिए एक उपयुक्त स्थान है, यहां ट्रेकिंग के लिए कई मार्ग उपलब्ध हैं।

नीलिमला के शिखर से मीनमुट्टी वाटरफॉल का बेहद सुंदर नजारा दिखता है।

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3. मीनमुट्टी वाटरफॉल

ऊटी और वायनाड को जोड़ने वाली मुख्य सड़क से 2 किमी की ट्रैकिंग करते हुए नीलिमला के पास स्थित इस खूबसूरत वाटरफॉल तक पहुंचा जा सकता है।

यह वायनाड जिले का सबसे बड़ा वाटरफॉल है जहां तीन धाराएं लगभग 300 मीटर से नीचे गिरती हैं।

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4. चेतालयम वाटरफॉल

एक और वाटरफॉल जो टूरिस्ट को वायनाड की ओर आकर्षित करता है, वो है चेतालयम वाटरफॉल। ये वायनाड के उत्तरी इलाके के सुल्तान बतेरी के पास है।

मीनमुट्टी जलप्रपात की तुलना में यह आकार में थोड़ा छोटा है। यह वाटरफॉल और आसपास के इलाके ट्रैकिंग और बर्ड लवर्स के लिए बेहतरीन जगह है।

5. पक्षीपातालम बर्ड सेंचुरी

ब्रह्मगिरी की पहाड़ियों पर 1700 मीटर की ऊंचाई पर घने वन में पक्षीपातालम बर्ड सेंचुरी है। यहां मौजूद गुफाएं विभिन्न प्रकार के पक्षियों, जंतुओं और वनस्पतियों का घरथान हैं।

पक्षीपातालम मानंतवाडी के पास स्थित है और यहां जाने के लिए आपको तिरुनेल्ली से शुरू करते हुए, जंगल में लगभग 7 किमी की ट्रैकिंग करते हुए जाना होगा। पक्षीपातालम जाने वालों को डीएफओ उत्तरी वायनाड से अनुमति लेनी होती है।

6. बाणासुरा सागर बांध

बाणासुरा सागर पर बना बांध भारत के सबसे बड़े बांध के रूप में जाना जाता है। यह बांध वायनाड जिले के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में स्थित है और यह करलाड झील के समीप है।

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7. हैरिसन मलयालम टी एस्‍टेट म्यूजियम

वायनाड का हैरिसन मलयालम टी एस्‍टेट भारत के सबसे आकर्षक चाय म्यूजियम्स में से एक है।

हैरिसन मलयालम चाय फैक्ट्री 1911 में स्‍थापित की गई थी। वहीं, इनका म्यूजियम 3 मंजिला है। यह भारत और वायनाड में चाय उत्पादन के इतिहास के बारे में बताता है।

म्यूजियम में कार्यालय और चाय उत्पादन उपकरणों का दिलचस्प मिश्रण है। इसकी सबसे ऊपरी मंजिल पर मौजूद चाय कक्ष में आप एक कप के साथ अपनी यात्रा पूरी कर सकते हैं।

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8. EN OORU आदिवासी विरासत गांव

केरल के पर्यटन अधिकारियों ने वायनाड में एक आदिवासी विरासत गांव एन ऊरू स्‍थापित किया था। ये अनोखा गांव 25 एकड़ में फैला हुआ है। ये गांव क्षेत्र के आदिवासी समुदायों की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करता है।

वायनाड के जनजातीय समुदाय के पुनर्निर्मित घरों से लेकर स्थानीय हस्तशिल्प बेचने वाले स्टॉलों तक एन ऊरू गांव में आपको स्थानीय संस्कृति और परंपराओं की झलक मिलेगी। (Wayanad Tourism)

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9. मुथंगा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी

वायनाड वाइल्ड लाइफ सेंचुरी एक प्राकृतिक आवास है जो विभिन्न प्रकार के जीवों को घर प्रदान करता है।

इसमें बाघ, हाथी, लंगूर, भारतीय बाइसन, तेंदुए, जंगली बिल्लियां, जंगली कुत्ते, हिरण और कई अन्य शामिल हैं।

यहां आप पक्षियों, तितलियों और कीड़ों की लुप्तप्राय प्रजातियों के साथ-साथ वनस्पतियों को भी देख सकते हैं जिन्हें देखना किसी ट्रीट से कम नहीं है।

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मुथंगा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में आपको हाथियों के झुंड देखने को मिलेंगे। इसके अलावा यहां कई प्रजाति के विदेशी पक्षी भी दिख जाते हैं। वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में काफी बड़ी तादाद में हिरण भी रहते है।

आप अपनी पसंद के मुताबिक यहां हाथी की सवारी या जीप सफारी का भी लुत्फ उठा सकते हैं।

प्रवेश शुल्क – 

  • वयस्कों के लिए प्रति व्यक्ति 10 रुपये
  • 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए प्रति व्यक्ति 5 रुपये
  • विदेशियों के लिए प्रति व्यक्ति 100 रुपये

समय: सुबह 7:00 बजे से शाम 5:00 बजे के बीच

घूमने में लगने वाला समय: 2-3 घंटे

घूमने के लिए सही मौसम: अक्टूबर से फरवरी

10. वायनाड के मंदिर

वायनाड में कई ऐसे मंदिर हैं जो काफी सुंदर और प्राचीन हैं। यहां का प्रसिद्ध मंदिर सुल्‍तान बाथरी-मैसूर मार्ग पर स्थित सीता देवी मंदिर है।

इसी रास्ते पर हनुमान मंदिर रामायण काल का बताया जाता है। पोंकुझी नदी के तट के पास शांत वातावरण में मौजूद यह मंदिर मुथंगा वन्यजीव अभयारण्य से करीब 4 किमी दूर है।

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वायनाड के सबसे बड़े शहरों में एक सुल्तान बाथरी ऐतिहासिक स्थल है, यहां बाथरी जैन मंदिर 13वीं शताब्दी का है। टीपू सुल्तान ने 18वीं शताब्दी में इस क्षेत्र पर आक्रमण किया था।

कितने दिन में घूम सकते हैं

वायनाड घूमने के लिए 3 से 4 दिन पर्याप्त है। इतने समय में आप महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल देख सकते हैं और प्राकृतिक सुंदरता का भी आनंद ले सकते हैं।

किस मौसम में जाएं

वायनाड जाने के लिए नवंबर से फरवरी तक का मौसम बेस्ट रहता है क्योंकि बाकी समय यहां ह्यूमिडिटी रहती है। सर्दियों का मौसम वायनाड घूमने के लिए सबसे अच्छा है।

क्या खरीदें

वायनाड अपने शुद्ध शहद और मसालों के लिए जाना जाता है। यहां की काली मिर्च भी काफी लोकप्रिय है।

आप यहां जनजातियों या स्थानीय लोगों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां भी खरीद सकते हैं।

इनके अलावा वायनाड की कॉफी, चाय, बांस की वस्तुएं और जड़ी-बूटी भी काफी अच्छी होती हैं जिन्हें आप खरीद सकते हैं।

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कैसे पहुंचें

करीबी रेलवे स्टेशन – कोझिकोड (कालीकट) रेलवे स्टेशन 80 कि.मी. दूरी पर है
करीबी एयरपोर्ट – कोझिकोड (कालीकट) अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट लगभग 90 कि.मी. दूरी पर है

वायु मार्ग

कोझिकोड में करीपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा वायनाड का निकटतम हवाई अड्डा है। आप वायनाड के निकटतम हवाई अड्डे कोझिकोड के लिए उड़ान भर सकते हैं, जो देश के अधिकांश शहरों के साथ-साथ मध्य पूर्व से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। कोझिकोड से आप टैक्सी ले सकते हैं।

रेल मार्ग

चेन्नई से वायनाड के लिए कोई सीधी ट्रेन नहीं है। सबसे पहले चेन्नई से बैंगलोर जाना होगा और फिर कोझिकोड जाना होगा। वायनाड के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कोझिकोड (कालीकट) है जो करीब 80 किमी दूर है। कोझिकोड से वायनाड जाने के लिए भी यही करना होगा।

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सड़क मार्ग

केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक तीनों राज्यों से वायनाड तक जाने वाली अच्छी सड़कों का एक नेटवर्क है। आप वायनाड के लिए एक निजी कार किराए पर ले सकते हैं और आराम से यात्रा कर सकते हैं।

दूसरा विकल्प राज्य परिवहन की बसों को लेना है जो बेंगलुरु, मैसूर, कोच्चि, मैंगलोर, त्रिवेंद्रम, चेन्नई आदि से कोझिकोड या वायनाड तक चलती हैं।

कालीकट (कोझिकोड) केएसआरटीसी बस स्टैंड से वायनाड के विभिन्न हिस्सों जैसे कि कलपेट्टा, सुल्तान बाथरी और मनंतवडी के लिए भी बसें उपलब्ध हैं।

इसके अलावा बेंगलुरु से 5 घंटे की ड्राइव करके भी आप सीधे वायनाड पहुंच सकते हैं।

वायनाड में विभिन्न पर्यटन स्थलों पर आने-जाने के लिए शेयर ऑटो रिक्शा या प्राइवेट रिक्शा आसानी से मिल जाता हैं। शहर में घूमने के लिए निजी टैक्सियों की भी व्यवस्था है।

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