What Is E-Sign Feature: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वोटों में धांधली और वोट चोरी जैसे आरोपों का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने एक बड़ा कदम उठाया है।
चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने या ‘ई-साइन’ (e-Sign) फीचर लॉन्च किया है।
आयोग ने अपने ecinet पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन पर इस फीचर को लॉन्च किया है।
इस नई तकनीकी सुविधा का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची (Voter List) में होने वाली गड़बड़ियों, विशेष रूप से बिना जानकारी के मतदाताओं के नाम गायब होने की शिकायतों, पर प्रभावी रोक लगाना है।
यह कदम बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव 2025 और भविष्य के सभी चुनावों के लिए मतदाता पहचान की सुरक्षा को एक नया आयाम देगा।
ई-साइन सुविधा क्या है?
- ई-साइन एक डिजिटल सत्यापन प्रक्रिया है।
- अब तक, कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन फॉर्म भरकर किसी दूसरे मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से हटाने (फॉर्म 7), नया नाम जोड़ने (फॉर्म 6) या सुधार करने (फॉर्म 8) के लिए आवेदन कर सकता था।
- इस प्रक्रिया में आवेदक की तत्काल कोई सख्त पहचान जांच (Verification) नहीं होती थी।
- इस कमी का फायदा उठाकर कुछ लोग बिना मतदाता की जानकारी के फर्जी आवेदन दाखिल कर देते थे।

क्यों लॉन्च किया गया?
इसकी जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट में हेरफेर के आरोप लगाए।
उन्होंने दावा किया कि लगभग 6,000 मतदाताओं के नाम बिना उनकी सहमति के हटाने के लिए आवेदन दाखिल किए गए थे, जिनमें ज्यादातर मामलों में असली मतदाताओं की पहचान का दुरुपयोग किया गया था।
इसी तरह, बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR – Special Intensive Revision) के दौरान भी विपक्षी दलों ने वोटर लिस्ट से नाम गायब होने के गंभीर आरोप लगाए थे, जो सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था।
इन्हीं घटनाओं और आलोचनाओं के मद्देनजर, चुनाव आयोग ने मतदाता पहचान के दुरुपयोग को रोकने के लिए ई-साइन जैसी सुरक्षित प्रणाली शुरू करने का फैसला किया।

ई-साइन फीचर कैसे काम करेगा?
यह नई प्रक्रिया बेहद आसान और सुरक्षित है।
अब से, कोई भी व्यक्ति जब ईसीआईनेट पोर्टल या ऐप पर जाकर फॉर्म 6, 7, या 8 भरना चाहेगा, तो उसे एक अतिरिक्त चरण से गुजरना होगा:
- फॉर्म भरना: सबसे पहले आवेदक सामान्य तरीके से ऑनलाइन फॉर्म भरेगा।
- ई-साइन का विकल्प: फॉर्म भरने के बाद, उसे ‘ई-साइन’ का विकल्प दिखेगा। इसके लिए, पोर्टल आवेदक को यह सुनिश्चित करने के लिए सचेत करेगा कि मतदाता कार्ड और आधार कार्ड पर नाम एक समान हो और आवेदक का मोबाइल नंबर उसके आधार नंबर से लिंक (Registered) हो।
- आधार नंबर दर्ज करना: ई-साइन पर क्लिक करने के बाद, आवेदक को एक सुरक्षित ई-साइन पोर्टल पर रीडायरेक्ट किया जाएगा, जहां उसे अपना आधार नंबर (Aadhaar Number) दर्ज करना होगा।
- OTP द्वारा सत्यापन: आधार नंबर दर्ज करते ही, एक वन-टाइम पासवर्ड (OTP) उस मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा, जो आधार से जुड़ा हुआ है। यह OTP आवेदक के व्यक्तिगत फोन पर ही जाएगा।
- सहमति और पूर्ण सत्यापन: आवेदक को उस OTP को दर्ज करना होगा और सहमति (Consent) देनी होगी। इसके बाद ही उसकी पहचान का सत्यापन पूरा माना जाएगा।
-
फॉर्म जमा करना: सफल सत्यापन के बाद, आवेदक स्वचालित रूप से वापस ईसीआईनेट पोर्टल पर आ जाएगा और वहाँ फॉर्म को अंतिम रूप से जमा (Submit) कर सकेगा।
Key Terms Alert for #UPSCPrelims2026
– e sign feature
– Electors Photo Identity Card Number
– ECINet Portal
– Election CommissionPrepare these terms and understand why they are in news. pic.twitter.com/wTUQAe9Ody
— SuperKalam (@SuperKalam_) September 24, 2025
मतदाताओं को क्या होगा फायदा?
इस नई व्यवस्था के कई बड़े फायदे हैं:
- फर्जी आवेदनों पर रोक: अब कोई व्यक्ति बिना आपकी जानकारी के आपका नाम वोटर लिस्ट से नहीं हटा सकेगा, क्योंकि ऐसा करने के लिए आपके अपने आधार-लिंक्ड मोबाइल पर आए OTP की जरूरत होगी। यह सबसे बड़ा लाभ है।
- पारदर्शिता और जवाबदेही: हर आवेदन एक सत्यापित डिजिटल हस्ताक्षर के साथ जमा होगा, जिससे यह पता लगाना आसान होगा कि आवेदन किसने किया है। इससे जवाबदेही बढ़ेगी।
- प्रक्रिया में विश्वास: मतदाताओं का चुनावी प्रक्रिया और वोटर लिस्ट की शुद्धता पर विश्वास बढ़ेगा। उन्हें यह भरोसा होगा कि उनके मतदान के अधिकार की सुरक्षा की जा रही है।
- चुनावी निष्पक्षता: यह कदम चुनावों को और अधिक निष्पक्ष और साफ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण तकनीकी कदम है।

ई-साइन फीचर बिहार चुनाव और भविष्य के अन्य चुनावों में इससे मतदाता पहचान की सुरक्षा मजबूत होगी और चुनावी विवादों को कम करने में मदद मिलेगी।
हालांकि, इसकी सफलता इस बात पर भी निर्भर करेगी कि आम मतदाता अपने आधार को मोबाइल नंबर से लिंक करवाते हैं और इस नई प्रक्रिया के बारे में जागरूक होते हैं।
चुनाव आयोग को इसकी व्यापक जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाने की आवश्यकता होगी।


