Bhopal Metro-CMRS inspection: भोपाल की जनता के लिए एक बड़ी खुशखबरी है।
शहर में मेट्रो रेल सेवा शुरू होने का सपना अब जल्द ही हकीकत में बदलने वाला है।
इसकी सबसे महत्वपूर्ण तैयारी के तहत कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) की विशेषज्ञ टीम भोपाल पहुंच चुकी है।
इस टीम का काम मेट्रो की हर छोटी-बड़ी चीज की जांच करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मेट्रो पूरी तरह से सुरक्षित है और आम लोगों के लिए चलने के लिए तैयार है।
सुरक्षा की कसौटी पर कसा जाएगा हर पहलू
सीएमआरएस की टीम का भोपाल आगमन मेट्रो परियोजना के लिए सबसे अहम चरण माना जा रहा है।
यह टीम मुंबई से भोपाल आई है और यहां दो दिनों तक रहेगी।
गुरुवार सुबह से ही कमिश्नर जनक कुमार गर्ग के नेतृत्व में यह टीम मेट्रो डिपो (जहां मेट्रो की ट्रेनें खड़ी की जाती हैं और उनकी देखभाल होती है) पहुंची और अपना निरीक्षण कार्य शुरू कर दिया।
टीम ने न केवल डिपो का जायजा लिया बल्कि मेट्रो ट्रेन में बैठकर एक सफर भी किया ताकि व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया जा सके।
भोपाल मेट्रो प्राथमिकता कॉरिडोर!
प्रबंध संचालक श्री एस कृष्ण चैतन्य ने आज AIIMS, अलकापुरी और DRM ऑफिस मेट्रो स्टेशनों पर निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया।#MPM #MPMetro #BhopalMetro pic.twitter.com/yijg7rgojk
— Bhopal Metro Rail (@OfficialMPMetro) September 24, 2025
इस निरीक्षण में कोई भी चीज छूटने वाली नहीं है।
मेट्रो अधिकारियों के मुताबिक, यह टीम पटरी (ट्रैक) के हर नट-बोल्ट, सिग्नल सिस्टम, स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार (एंट्री-एग्जिट गेट), और डिपो की हर सुविधा को बारीकी से देखेगी।
अगर निरीक्षण के दौरान सब कुछ सुरक्षा के मानकों पर खरा उतरता है, तो सीएमआरएस की टीम ‘ओके’ या स्वीकृति की रिपोर्ट जारी करेगी।
यह रिपोर्ट मिलते ही ही मेट्रो के ‘कमर्शियल रन’ यानी आम यात्रियों के लिए चलने की आधिकारिक तारीख तय कर दी जाएगी।
क्यों है सीएमआरएस का निरीक्षण इतना जरूरी?
मेट्रो रेल एक बड़ी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली है, जिसमें हजारों लोग रोजाना सफर करते हैं।
ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।
सीएमआरएस एक स्वतंत्र और विशेषज्ञ निकाय है जिसका एकमात्र काम मेट्रो रेलों की सुरक्षा के सभी पहलुओं की जांच करना है। वे तकनीकी रूप से यह सुनिश्चित करते हैं कि ट्रेन, पटरी, सिग्नल और अन्य सभी सिस्टम पूरी तरह से दुर्घटनारहित संचालन के लिए तैयार हैं।
अगर निरीक्षण में कोई छोटी-मोटी कमी भी मिलती है, तो टीम तुरंत उसे सुधारने के निर्देश देती है।
इसलिए, उनकी ‘ओके’ रिपोर्ट मिलना मेट्रो के संचालन के लिए एक अनिवार्य शर्त है।

अक्टूबर में हो सकता है आम लोगों के लिए मेट्रो का संचालन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भोपाल मेट्रो के अक्टूबर महीने में आम यात्रियों के लिए खुलने की उम्मीद है।
ऐसी संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सेवा का शुभारंभ करेंगे और भोपाल मेट्रो के पहले आधिकारिक यात्री भी बन सकते हैं।
इससे पहले 31 मई को उन्होंने इंदौर मेट्रो को भोपाल से हरी झंडी दिखाई थी।
उसके बाद से भोपाल मेट्रो परियोजना के बाकी बचे कामों को तेजी से पूरा किया जा रहा है।
फिलहाल, एम्स, अलकापुरी और डीआरएम स्टेशनों पर कुछ अंतिम काम चल रहा है।

पहले भी पास कर चुकी है एक महत्वपूर्ण जांच
सीएमआरएस के निरीक्षण से पहले, भोपाल मेट्रो ने एक और महत्वपूर्ण जांच पास की थी।
रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) की टीम ने भी मेट्रो प्रणाली का निरीक्षण किया था और उसे अपनी स्वीकृति दी थी।
आरडीएसओ की सकारात्मक रिपोर्ट मिलने के बाद ही सारे दस्तावेज सीएमआरएस को भेजे गए थे, जिसके बाद 25 और 26 सितंबर की तारीखें इस अंतिम सुरक्षा निरीक्षण के लिए तय की गईं।

भोपाल मेट्रो परियोजना: एक नजर में
भोपाल में मेट्रो का काम साल 2018 में शुरू हुआ था।
पहला मार्ग एम्स से करोंद तक 16.05 किलोमीटर लंबा है।
इस मार्ग के एक हिस्से, एम्स से सुभाष नगर के बीच 6.22 किलोमीटर के प्राथमिक कॉरिडोर पर काम शुरू किया गया था।
सुभाष नगर से आरकेएमपी (रानी कमलापति) स्टेशन तक का काम पहले ही पूरा हो चुका है और पिछले साल 3 अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसी खंड पर पहला ट्रायल रन भी किया था।
इस परियोजना में पटरी के ऊपर दो स्टील के पुल भी बनाए गए हैं।
अब पूरे शहर की नजरें सीएमआरएस की टीम के फैसले पर टिकी हैं।
एक बार सुरक्षा का हरी झंडी मिल जाने के बाद, भोपाल की जनता आधुनिक और तेज रफ्तार मेट्रो सेवा का लाभ उठा सकेगी, जो शहर के यातायात को एक नया आयाम देगी।


