MP Liver Transplant: इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में पिता की जान बचाने के लिए लिवर दान करने की नाबालिग बेटी की कोशिश आखिरकार रंग लाई और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इदौर खंडपीठ ने नाबालिग द्वारा पिता को लिवर देने की अनुमति दे दी।
नाबालिग बेटी की याचिका पर हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने गुरुवार सुबह 10.30 बजे इसकी अनुमति देते हुए यह भी कहा कि पूरी सावधानी के साथ जल्द से जल्द यह सर्जरी की जाए।
इससे पहले महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज बोर्ड के बाद राज्य शासन ने भी नाबालिग को लिवर (MP Liver Transplant) देने की अनुमति दे दी थी।
हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई में राज्य शासन की रिपोर्ट पेश की गई जिसके बाद हाईकोर्ट ने नाबालिग के लिवर देने की याचिका के पक्ष में निर्णय दिया।
मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों का दावा है कि नाबालिग द्वारा लिवर देने का यह मध्य प्रदेश का पहला मामला और देश का संभवत: यह दूसरा मामला है।
राज्य शासन ने मंगलवार को अनुमति की रिपोर्ट एमजीएम मेडिकल कॉलेज भी भेज दी थी जिसके बाद बेटी को पूरी उम्मीद थी कि अगली सुनवाई में उसे लिवर ट्रांसप्लांट संबंधी अनुमति मिल जाएगी।
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बता दें कि मामले को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में दायर की गई याचिका पर सोमवार को स्वास्थ्य आयुक्त को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा करने में वे विफल रहे।
इस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए दो दिन में अनिवार्य रूप से रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।
कोर्ट ने 20 और 24 जून के ऑर्डर और रिपोर्ट के आधार पर लिवर ट्रांसप्लांट (MP Liver Transplant) करने की परमिशन दी है।
फैसले का आधार एमवाय हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड, एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन और भोपाल कमिश्नर की रिपोर्ट्स को आधार बनाया है।
यह है मामला
बेटमा निवासी शिवनारायण बाथम (42 वर्षीय) को डाक्टरों ने लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी थी जो बीते 6 साल से लिवर की बीमारी से पीड़ित हैं।
शिवनारायण की नाबालिग बेटी प्रीति अपने पिता को अपना लिवर (MP Liver Transplant) देने को तैयार थी, लेकिन उसकी आयु 17 वर्ष 10 माह होने से कोर्ट की अनुमति जरूरी थी।