CM Mohan on Gopal: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एक बार फिर एक धार्मिक बयान को लेकर चर्चा में हैं।
गोवर्धन पूजा के मौके पर उन्होंने भगवान कृष्ण के लोकप्रिय नाम ‘गोपाल’ पर सवाल उठाया है।
सीएम यादव का कहना है कि भगवान कृष्ण को ‘गोपाल’ कहना पूरी तरह से सही नहीं है।
क्यों है ‘गोपाल’ नाम पर आपत्ति?
‘गोपाल’ शब्द पर अपनी राय रखते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “हम अक्सर भगवान को गोपाल कह देते हैं, जबकि गोपाल का सीधा अर्थ तो वह व्यक्ति होता है जो गायों का पालन-पोषण करता है।”
उन्होंने आगे समझाया कि भगवान कृष्ण ने तो हम सभी को यह पहचान दिलाई कि हम सब गोपाल (गायों के पालनहार) हैं।
सीएम यादव ने यह भी कहा कि भले ही कृष्ण ने ग्रामीण जीवन को अपनाया और उसका सम्मान किया, लेकिन ‘गोपाल’ शब्द एक सीमित अर्थ रखता है।
उनके अनुसार, यह शब्द भगवान कृष्ण के विशाल और गहन व्यक्तित्व को पूरी तरह से व्यक्त नहीं कर पाता।
पहले भी ‘माखनचोर’ कहने पर जताई थी नाराजगी
यह पहला मौका नहीं है जब सीएम यादव ने भगवान कृष्ण के नामों को लेकर ऐसी बात कही है।
इससे पहले सितंबर 2024 में भी उन्होंने कहा था कि भगवान कृष्ण को ‘माखनचोर’ कहना उचित नहीं है।
उनका तर्क था कि कृष्ण का उद्देश्य महज मक्खन चुराना नहीं, बल्कि शासक कंस के अत्याचार के खिलाफ एक विद्रोह था।
उन्होंने कहा था कि कृष्ण को इस बात का गुस्सा था कि कंस गरीब लोगों का मक्खन छीन रहा था।
इसी गुस्से ने उन्हें एक बाल टीम बनाकर यह संदेश देने के लिए प्रेरित किया कि अपना मक्खन खुद खाओ या तोड़ दो, लेकिन उसे शत्रु तक न पहुंचने दो।
“विरोध को मजाक बनाना गलत”
मुख्यमंत्री यादव का मानना है कि भगवान कृष्ण के इस गंभीर विद्रोह को ‘माखनचोर’ जैसे शब्द से हल्के में पेश करना उनके उद्देश्य का अपमान है।
उन्होंने कहा कि यह शब्द सुनने में अच्छा नहीं लगता और यह भगवान कृष्ण की मंशा को गलत तरीके से दर्शाता है।