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52 दिन पहले किया जिसका अंतिम संस्कार, वह लाड़ली बहना योजना के पैसे से हो गई जिंदा

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Prashant Sharma
Prashant Sharma
प्रशांत शर्मा, 15 सालों से पत्रकारिता में हैं। शुरुआत साधना न्यूज एमपी-सीजी से हुई। इसके बाद प्रदेश टुडे के फाउंडर मेंबर रहे। प्रदेश टुडे के बाद न्यूज एक्सप्रेस एमपी-सीजी चैनल की लॉन्चिंग टीम के साथ बतौर क्राइम रिपोटर जुड़े रहे। इसके बाद लंबी पारी नेशनल और रीजनल चैनल इंडिया न्यूज में रही। कुछ दिन न्यूज वर्ल्ड चैनल में दमदार रिपोर्टिंग करने के बाद मृदुभाषी अखबार में संपादक की भमिका में रहे। फिलहाल चौथा खंभा टीम के साथ मिलकर दमदारी से पत्रकारिता कर रहे हैं।

alive with ladli bahna yojana: भिंड। मध्य प्रदेश के भिंड जिले में एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया जहां गुमशुदा हुई एक महिला के शव मिलने के बाद परिजन ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया और पुलिस उसकी हत्या की जांच में जुटी थी।

करीब दो महीने बाद ही यह महिला भिंड पुलिस को उत्तर प्रदेश के नोएडा में नौकरी करती मिली, दिमाग को उलझा देने वाला यह केस भी अब पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है।

दो मई को गायब हुई, परिजनों ने अधजले शव की की शिनाख्त –

जानकारी के अनुसार मेहगांव के पोरसा रोड पर अपने ससुराल में रह रही ज्योति अचानक दो मई को आधी गायब हो गई थी। इसको लेकर ससुराल वालों ने मेहगांव पुलिस थाने में पहुंचकर ज्योति के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज करायी थी।

कुछ दिनों बाद ही मौ थाना क्षेत्र के कतरौल दंदरौआ रोड पर ग्राम मढ़रौली के पास एक महिला का अधजला हुआ शव मिला, जब शव की शिनाख्त कराई गई तो ज्योति के मायके पक्ष के लोगों ने उसकी पहचान करते हुए ससुराल वालों पर हत्या का आरोप लगा दिया।

शव की शिनाख्त के बाद किया अंतिम संस्कार –

ज्योति के मरने की बात सामने आने के बाद परिजन ने उसका अंतिम संस्कार कर कन्या भोज कराया। वहीं पुलिस ने संदेह के चलते यह मामला जांच में लिया और अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना आगे बढ़ायी।

लेकिन, इस विवेचना में पुलिस को झटका तब लगा जब लगभग 52 दिन बाद अचानक ज्योति का पति सुनील पुलिस के पास पहुंचा और उसने पुलिस से अपनी पत्नी के केस को लेकर बातचीत की।

खाते से रुपये निकालने पर हुआ संदेह –

महिला के पति सुनील के मुताबिक 17 जून 2024 को उसके मोबाइल पर एक मैसेज आया जिससे पता चला कि उसकी पत्नी ज्योति के जन धन खाते से लाड़ली बहना योजना के 2 हजार रुपये निकाले गए हैं।

जब इस बात की जानकारी बैंक पहुंच कर ली तो पता चला कि उत्तर प्रदेश के मथुरा के एक कियोस्क सेंटर से फिंगर प्रिंट स्कैन के ज़रिये यह ट्रांजैक्शन किया गया है।

सीसीटीवी में जिंदा दिखी ज्योति –

असल में ज्योति के बैंक खाते में उसके पति सुनील का मोबाइल नंबर जुड़ा हुआ था। ऐसे में लाड़ली बहना योजना के पैसे ज्योति के खाते में आते थे और बैंक से होने वाले ट्रांजैक्शन के मैसेज सुनील के मोबाइल पर ही आते थे।

जब यह बात उसने पुलिस को बतायी तो पुलिस ने मथुरा पहुंच कर कियोस्क सेंटर के CCTV खंगाले तो पता चला कि खाते से रुपये निकालने वाली महिला कोई और नहीं बल्कि खुद मृत बतायी जा रही ज्योति (alive with ladli bahna yojana) थी। ये बात सामने आते ही पुलिस का भी सिर चकरा गया।

फ़ोन पैकिंग कंपनी में कर रही थी नौकरी –

सीसीटीवी के आधार पर इस बात की पुष्टि तो हो गई कि ज्योति जिंदा (alive with ladli bahna yojana) है। फिर मौ और मेहगांव पुलिस ने संयुक्त रूप से उसकी ट्रेसिंग शुरू की और लोकेशन का पता लगाया।

इसके बाद उसके पीछे पुलिस टीम उत्तर प्रदेश के नोएडा पहुंची जहां एक मोबाइल पैकिंग कंपनी में उसे पकड़ लिया गया। पता चला कि पिछले कई दिनों से वह इसी कंपनी में नौकरी कर रही थी।

शादी से खुश नहीं थी ज्योति इसलिए भागी –

पुलिस उसे अपने साथ भिंड वापस ले आयी और जब उससे पूछताछ की तो पता चला कि वह शादी नहीं करना चाहती थी। उसे अकेले रहना था, लेकिन घरवालों ने जबरन उसकी शादी करा दी थी।

उसके दो बच्चे भी हुए, लेकिन हमेशा अपने पति के साथ झगड़ा होता रहता था। इस सब से तंग आकर वह घर छोड़ कर चली गई थी।

ज्योति जिंदा तो अंतिम संस्कार वाला शव किसका?

अब इस मामले में सवाल पुलिस के लिए खड़ा हो गया है क्योंकि जिस ज्योति के जले शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया वह युवती तो जिंदा है।

ऐसे में जिस महिला का शव मढ़रौली गांव के पास मिला था और उसे ज्योति (alive with ladli bahna yojana) समझकर जला दिया गया वह कौन थी। अब यह केस पुलिस के लिए एक नई मुसीबत बन गया है।

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