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MP में सभी सरकारी नौकरी के लिए एक ही एग्जाम: CM बोले- UPSC की तर्ज पर परीक्षा कराएंगे

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

MP Govt jobs single exam: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने राज्य में सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में एक बड़े बदलाव की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि अब प्रदेश में यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की तर्ज पर सभी सरकारी भर्तियों के लिए एक ही समान परीक्षा आयोजित की जाएगी।

इसके साथ ही, एक ‘कर्मचारी आयोग’ के गठन का भी ऐलान किया गया है।

यह फैसला राज्य में रोजगार प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

क्यों लिया गया यह फैसला? सीएम ने दिए ये कारण

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य कर्मचारी संघ के दिवाली मिलन समारोह में इसकी जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में अलग-अलग विभागों के लिए अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जिसमें बहुत अधिक समय लग जाता है।

इस कारण युवाओं को नौकरी मिलने में देरी होती है।

इस समस्या को दूर करने के लिए एकीकृत परीक्षा प्रणाली को अपनाने का निर्णय लिया गया है।

इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आएगी।

क्या होगा नया सिस्टम? यूपीएससी जैसा होगा मॉडल

नई प्रणाली के तहत, यूपीएससी की तरह, एक ही प्रारंभिक (Preliminary) और मुख्य (Mains) परीक्षा के जरिए विभिन्न पदों के लिए योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।

आवेदन करते समय ही उम्मीदवारों को अपनी पदों की प्राथमिकता (Choice Filling) देनी होगी।

मेरिट लिस्ट के आधार पर उन्हें उनकी प्राथमिकता और रैंक के अनुसार नौकरी आवंटित की जाएगी।

सामान्य प्रशासन विभाग ने इसका मसौदा (Draft) भी तैयार कर लिया है।

कर्मचारी आयोग का गठन और अन्य अहम घोषणाएं

सीएम यादव ने कर्मचारियों से जुड़े कई अन्य अहम मुद्दों पर भी बात की:

कर्मचारी आयोग का गठन:

विभिन्न संवर्गों के कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच存在的 वेतन विसंगतियों (Salary Anomalies) और ग्रेड पे के मुद्दों को हल करने के लिए एक ‘कर्मचारी आयोग’ बनाया जाएगा। इस आयोग की अध्यक्षता एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी करेंगे।

प्रमोशन पर जोर:

सीएम ने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रमोशन होना चाहिए और इस दिशा में जल्द ही एक रास्ता निकाला जाएगा।

महंगाई भत्ता (DA):

केंद्र सरकार के बराबर महंगाई भत्ता देने का काम चल रहा है। पांच किस्तों में बकाया DA का भुगतान अक्टूबर तक कर दिया गया है।

हाउस रेंट अलाउंस:

नौ साल से लंबित हाउस रेंट अलाउंस (HRA) कर्मचारियों को दिया जा रहा है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को लाभ:

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है और 19,504 नए पद भरे जा रहे हैं।

पेंशन का मुद्दा:

1 जनवरी 2005 या उसके बाद नियुक्त कर्मचारियों को पेंशन (OPS) देने के लिए एक कमेटी गठित की गई है।

हाईकोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण पर जताया असंतोष

इस बीच, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण की नीति पर सरकार से पेश की गई रिपोर्ट से असंतोष जताया।

कोर्ट ने कहा कि कुछ विभागों में आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व पहले से ही अधिक है।

कोर्ट ने सरकार को सभी विभागों का एकीकृत चार्ट तैयार करके पेश करने का निर्देश दिया है, जिसमें स्पष्ट हो कि हर विभाग में आरक्षित वर्ग का वर्तमान प्रतिनिधित्व कितना है।

अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी।

रोजगार प्रक्रिया में सुधार की एक बड़ी पहल

मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम राज्य के लाखों युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है।

एकीकृत परीक्षा प्रणाली से भर्ती प्रक्रिया तेज, कुशल और कम खर्चीली होगी।

साथ ही, कर्मचारी आयोग के गठन से कर्मचारियों की सेवा शर्तों और वित्तीय मुद्दों का समाधान हो सकेगा।

अब यह देखना होगा कि सरकार इस योजना को कितनी जल्दी और प्रभावी ढंग से लागू कर पाती है।

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