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हेलमेट नियम: चालान से बचने भागी युवती, लेडी ASI ने दौड़कर पकड़ा, लोगों ने दी तरह-तरह की दलील

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Madhya Pradesh Helmet Rules: मध्य प्रदेश में दोपहिया वाहन चालकों और उनके पीछे बैठने वालों के लिए आज यानी 6 नवंबर से एक बड़ा बदलाव लागू हो गया है।

अब बाइक या स्कूटर पर सवार ड्राइवर के पीछे बैठने वाले हर व्यक्ति (पिलियन राइडर) को हेलमेट पहनना अनिवार्य हो गया है।

यह नियम चार साल से अधिक उम्र के हर व्यक्ति पर लागू है।

इस नियम को तोड़ने वालों पर 300 रुपए का चालान ऑन-द-स्पॉट किया जा रहा है।

यह कदम राज्य में बढ़ते सड़क हादसों और जानलेवा घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए उठाया गया है।

कहां लागू हो रहा है नया नियम?

फिलहाल, इस नियम को प्रदेश के पांच बड़े शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में सख्ती से लागू किया गया है।

पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि आने वाले दिनों में इसे पूरे मध्य प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।

अभियान के पहले दिन कैसा रहा माहौल?

नए नियम के पहले दिन ही ट्रैफिक पुलिस ने भोपाल सहित विभिन्न शहरों में सघन चेकिंग अभियान चलाया।

भोपाल में अकेले 16 अलग-अलग चेकिंग पॉइंट्स बनाए गए।

इस दौरान कई मुखर और विचित्र दृश्य सामने आए।

  • एक युवती ने चालान कटने के डर से अपनी गाड़ी भगा ली, लेकिन एक सतर्क लेडी ASI ने उसका पीछा करके उसे पकड़ लिया।
  • एक ड्राइवर ने पुलिस के सामने हाथ जोड़कर गुहार लगाई और माफी मांगी।
  • वहीं, एक अन्य व्यक्ति ने दलील दी कि उसकी बेटी अस्पताल में भर्ती है और जल्दबाजी में वह हेलमेट लाना भूल गया।
  • लालघाटी चौराहे जैसे कुछ इलाकों में लोगों और पुलिसकर्मियों के बीच इस नियम को लेकर बहस भी देखने को मिली।

आखिर क्यों लागू किया गया यह सख्त नियम?

इस सख्ती के पीछे सड़क दुर्घटनाओं के चौंकाने वाले आंकड़े हैं।

वर्ष 2024 में अब तक मध्य प्रदेश में 56,669 से अधिक सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें 13,661 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।

सबसे डरावना आंकड़ा यह है कि इनमें से 53.8% मौतें उन लोगों की हुई हैं जिन्होंने हेलमेट नहीं पहना था।

इसके विपरीत, जो लोग हेलमेट पहनते थे, उनमें मृत्यु दर केवल 17% रही।

यह आंकड़े साबित करते हैं कि हेलमेट सिर्फ एक कानूनी जरूरत नहीं, बल्कि जीवन रक्षक का काम करता है।

चेकिंग में क्या हैं नए तरीके?

इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए पुलिस ने कई नए मापदंड तय किए हैं:

  1. हर चेकिंग पॉइंट पर पर्याप्त संख्या में स्टाफ तैनात है।
  2. पुलिसकर्मी बॉडी वॉर्न कैमरा या वेब कैमरे से कार्रवाई की रिकॉर्डिंग कर रहे हैं ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
  3. सभी चालान POS मशीन के जरिए किए जा रहे हैं, भले ही भुगतान ऑनलाइन हो या ऑफलाइन।
  4. बार-बार नियम तोड़ने वाले चालकों की जानकारी परिवहन विभाग को भेजी जाएगी, जिसके बाद उनका ड्राइविंग लाइसेंस मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 194-D के तहत रद्द किया जा सकता है।
  5. किसी भी तरह की गलत कार्रवाई की जिम्मेदारी संबंधित पुलिसकर्मी की होगी।

साफ है कि मध्य प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए यह ठोस कदम उठाया है।

यह नियम नागरिकों को उनकी सुरक्षा के प्रति जागरूक करने और सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम करने की एक बड़ी पहल है।

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