Raina Dhawan property attached: ED ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े एक बड़े मामले में बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना और शिखर धवन की कुल 11.14 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।
यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत ऑनलाइन बेटिंग ऐप 1xBet के प्रमोशन के मामले में की गई है।
किसकी कितनी संपत्ति अटैच हुई?
ईडी ने इस कार्रवाई में दोनों क्रिकेटरों की अलग-अलग संपत्तियों पर कब्जा किया है:
- सुरेश रैना: उनके नाम पर रखे गए 6.64 करोड़ रुपये के म्यूचुअल फंड निवेश को अटैच किया गया है।
- शिखर धवन: उनकी 4.5 करोड़ रुपये मूल्य की एक अचल संपत्ति (प्रॉपर्टी) को अटैच किया गया है।

ईडी का मानना है कि ये संपत्तियां अवैध सट्टेबाजी ऐप 1xBet से मिले विज्ञापन के पैसों से खरीदी गई थीं, जिन्हें ‘प्रोसीड्स ऑफ क्राइम’ यानी अपराध से अर्जित धन माना जा रहा है।
1xBet ऐप से क्या है कनेक्शन?
यह पूरा मामला अवैध ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म 1xBet और उसके सहयोगी ब्रांड्स (जैसे 1xBat) के भारत में अवैध तरीके से संचालन और प्रचार-प्रसार से जुड़ा हुआ है।
ईडी की जांच में ये बातें सामने आई हैं:
- सेलिब्रिटीज का प्रचार: जांच के दौरान पता चला कि 1xBet ने अपने ऐप को भारत में बढ़ावा देने के लिए कई बड़े सेलिब्रिटीज का इस्तेमाल किया। इन सेलिब्रिटीज को विज्ञापन की फीस के तौर पर भारी रकम अदा की गई।
- विदेशी रास्ते से लेनदेन: इस फीस का भुगतान सीधे नहीं, बल्कि विदेशी संस्थाओं और बिचौलियों के जरिए किया गया ताकि पैसे के असली स्रोत और इसके अवैध होने का पता न चल सके।
- छुपाने की कोशिश: ईडी का आरोप है कि सुरेश रैना और शिखर धवन ने भी जानबूझकर इस ऐप का प्रचार करने के लिए विदेशी कंपनियों के साथ समझौते किए और पैसों का लेन-देन भी इसी तरह के रास्तों से किया।

अन्य किन सेलिब्रिटीज से हुई है पूछताछ?
यह मामला सिर्फ रैना और धवन तक सीमित नहीं है।
पिछले सितंबर महीने में ईडी ने इसी मामले में कई और बड़े नामों से पूछताछ की थी, जिनमें शामिल हैं:
- पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह और रॉबिन उथप्पा
- अभिनेता सोनू सूद
- अभिनेत्री और पूर्व TMC सांसद मिमी चक्रवर्ती
- बंगाली अभिनेता अंकुश हाजरा
- ऐप की ब्रांड एंबेसडर रहीं अभिनेत्री उर्वशी रौतेला (जो अब तक पूछताछ के लिए पेश नहीं हुई हैं)
ईडी ने इन सभी लोगों के बैंक खातों और लेन-देन का ब्यौरा भी मांगा था, जिससे विज्ञापन फीस के ट्रांजैक्शन का पता चल सका।

सरकार ने ऑनलाइन बेटिंग ऐप पर क्यों लगाया प्रतिबंध?
इस पूरे मामले ने ऑनलाइन बेटिंग और गेमिंग से जुड़े खतरों को एक बार फिर उजागर किया है। भारत सरकार ने हाल ही में पारित ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के तहत ऐसे अवैध बेटिंग ऐप्स पर पाबंदी लगा दी है। सरकार के मुताबिक:
- आर्थिक और मानसिक नुकसान: इन ऐप्स की वजह से लोगों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। कई लोग गेमिंग की लत में अपनी जीवनभर की बचत तक गंवा बैठे हैं और आत्महत्या जैसे कदम भी उठा रहे हैं।
- मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा: इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए एक बड़े चैनल के रूप में किया जा रहा है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी: सरकार ने यह भी बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी ‘गेमिंग डिसऑर्डर’ को एक मानसिक बीमारी के रूप में मान्यता दी है।

आगे क्या होगी कार्रवाई?
अभी यह संपत्ति अटैच करना एक अस्थायी कार्रवाई है।
ईडी का यह आदेश अब PMLA के तहत बनी एक विशेष ‘एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी’ के पास भेजा जाएगा।
इस अथॉरिटी और कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद ईडी मामले में आधिकारिक चार्जशीट दाखिल करेगी।
इस बीच, दोनों क्रिकेटरों समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच जारी रहेगी।


