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इंदौर: डॉक्टर ने ढाई माह की बच्ची को लगाई एक्सपायर वैक्सीन-विरोध करने पर की मारपीट, FIR दर्ज

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Indore expired vaccine इंदौर के एक निजी अस्पताल में ढाई माह की एक मासूम बच्ची को एक्सपायरी वैक्सीन लगाए जाने का मामला सामने आया है।

आरोप है कि जब परिवार वालों ने इस लापरवाही पर आपत्ति जताई तो डॉक्टर ने उनके साथ मारपीट भी की।

घटना के बाद पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

क्या था पूरा मामला?

राहुल ठाकुर नामक व्यक्ति ने अपनी ढाई माह की बच्ची को मातरम् अस्पताल में डॉ. हिमांशु अग्रवाल के पास वैक्सीन लगवाने के लिए ले गए।

वैक्सीन लगाने के बाद जब राहुल ने वैक्सीन के रैपर को देखा तो पाया कि उसकी एक्सपायरी डेट मई 2025 में ही खत्म हो चुकी थी।

यानी, बच्ची को खराब वैक्सीन लगाई गई थी।

जब उन्होंने डॉक्टर से इस बारे में सवाल किया, तो आरोप है कि डॉक्टर ने वैक्सीन फाइल से एक्सपायर्ड रैपर निकालकर फेंक दिया और एक नया रैपर लगा दिया।

जब परिवार ने इस पर भी आपत्ति जताई तो डॉक्टर के गुस्से का शिकार होना पड़ा।

एफआईआर के मुताबिक, डॉक्टर ने राहुल की कॉलर पकड़ी और उनके साथ धक्का-मुक्की व मारपीट की।

डॉक्टर के खिलाफ दर्ज हुआ केस

परिजनों की शिकायत पर जूनी इंदौर थाने की पुलिस ने डॉ. हिमांशु अग्रवाल के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

इन धाराओं में धोखाधड़ी, लापरवाही से कार्य करना और मारपीट जैसे आरोप शामिल हैं।

यह घटना मरीजों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार और स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही की एक गंभीर मिसाल बन गई है।

इंदौर के एक अन्य अस्पताल में भी हंगामा

इस मामले के सामने आने से कुछ समय पहले, इंदौर के कोरल अस्पताल में भी एक बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था।

हालांकि वह मामला बाद में शांत हो गया।

लेकिन यह लगातार दूसरी घटना है जिसने शहर के स्वास्थ्य तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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