MP school timing changed: मध्य प्रदेश इन दिनों इस सीजन की सबसे तेज ठंड का सामना कर रहा है।
रात का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाने से लोगों के साथ-साथ स्कूल जाने वाले बच्चों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बच्चों के ठिठुरकर स्कूल पहुंचने और अभिभावकों की शिकायतों के बाद अब प्रदेश के कई जिलों में प्रशासन ने स्कूलों का समय बदलने के आदेश जारी कर दिए हैं। आइए जानते हैं पूरी खबर।
भोपाल और इंदौर में क्या है नया नियम?
राजधानी भोपाल में जिला शिक्षा अधिकारी ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।
नर्सरी से लेकर कक्षा 8वीं तक के सभी स्कूल अब सुबह 8:30 बजे से पहले नहीं लगेंगे।
भोपाल में रविवार रात तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछले 84 साल में नवंबर महीने का सबसे निचला स्तर है।
इंदौर में भी हालात बेहतर नहीं हैं। यहां तापमान 7.2 डिग्री पहुंच गया, जो पिछले 25 साल में इस मौसम की सबसे ज्यादा ठंड है।
इंदौर के कलेक्टर शिवम वर्मा ने 18 नवंबर से सभी स्कूलों का समय बदलकर सुबह 9 बजे करने के आदेश दिए हैं।
इसी तरह सागर में भी नर्सरी से 8वीं कक्षा तक के स्कूल सुबह 8:30 बजे से पहले नहीं खुलेंगे।
किन जिलों में सबसे ज्यादा बदलाव हुआ है?
ठंड से निपटने के लिए कुछ जिलों ने और भी सख्त कदम उठाए हैं:
देवास: यहां कलेक्टर ऋतुराज सिंह ने सबसे बड़ा फैसला लिया है। नर्सरी से 12वीं तक के सभी स्कूल सुबह 10 बजे से पहले नहीं खुलेंगे।
झाबुआ: कलेक्टर नेहा मीना के आदेश के अनुसार, नर्सरी से तीसरी कक्षा तक के स्कूल सुबह 9 बजे और चौथी से 12वीं तक की कक्षाएं सुबह 8 बजे से पहले नहीं लगेंगी।
ग्वालियर और छिंदवाड़ा: यहां भी सुबह 8:30 बजे से पहले स्कूल नहीं लगने के निर्देश हैं।
कहां नहीं बदला स्कूलों का समय?
हालांकि कई जिलों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम है, फिर भीं वहां स्कूलों का समय नहीं बदला गया है।
उज्जैन और कुछ अन्य जिलों के अभिभावक इससे परेशान हैं। उज्जैन शिक्षा विभाग के एडीपीसी गिरीश तिवारी ने बताया कि अभी तक समय परिवर्तन का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
इसकी वजह से बच्चों को सुबह-सुबह ठंड में स्कूल जाना पड़ रहा है, जिससे उनके बीमार पड़ने का खतरा बढ़ गया है।
मौसम विभाग का क्या है अलर्ट?
मौसम विभाग के मुताबिक, मध्य प्रदेश में रात का तापमान अगले दो दिनों तक 12 डिग्री सेल्सियस से कम रहने का अनुमान है।
कई जिलों के लिए शीतलहर (कोल्ड वेव) की चेतावनी भी जारी की गई है।
ऐसे में, जिन जिलों में अभी तक स्कूल टाइमिंग नहीं बदली गई है, वहां के अभिभावक और शिक्षाविद प्रशासन से जल्द से जल्द इस पर फैसला लेने की मांग कर रहे हैं।


