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“मैंने ही आगे बढ़ाया था मोहन यादव का नाम”, सीएम पद न मिलने पर पहली बार बोले शिवराज

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Shivraj Mohan Yadav CM: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आखिरकार 2023 के विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत के बाद भी मुख्यमंत्री पद न मिलने के मुद्दे पर अपने मन की बात कही है।

एक इंटरव्यू में उन्होंने दावा किया है कि मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव उन्होंने खुद ही आगे बढ़ाया था और उस समय को उन्होंने अपनी ‘परीक्षा की घड़ी’ बताया।

शिवराज ने बताई 2 साल पुरानी बात?

यह बात अब दो साल बाद सामने आई है। शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित किरार समाज के एक दीपावली मिलन समारोह में इस पूरे प्रकरण पर बात की।

उन्होंने बताया कि चुनाव जीतने के बाद का समय उनके लिए एक कठिन दौर था।

सबको लग रहा था कि अब उनका मुख्यमंत्री बनना तय है।

लेकिन जब मोहन यादव के नाम पर मुहर लगी, तो उन्होंने इसे अपने लिए एक परीक्षा के रूप में लिया।

परीक्षा की घड़ी थी

शिवराज ने आगे कहा, “तब मेरे दिल ने कहा, यह तेरी परीक्षा की घड़ी है, शिकन मत आने देना।”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें इस फैसले से कोई नाराजगी नहीं हुई और यह फैसला पार्टी के हित में था।

उन्होंने यहां तक दावा किया कि “मैंने खुद ही मोहन यादव जी का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया था।”

नाराजगी नहीं, बल्कि नई शुरुआत 

शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि वह इस पूरे मामले से नाराज नहीं हैं।

उनका मानना है कि यह फैसला उनके और राज्य दोनों के लिए बेहतर साबित हुआ।

इसके बाद, उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार में मंत्री पद मिला।

वर्तमान में, वह केंद्र सरकार में कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री के रूप में कार्यरत हैं।

उन्होंने इस नई भूमिका को अपने करियर की एक नई और चुनौतीपूर्ण शुरुआत बताया।

क्या हुआ था 2023 में?

मध्य प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शानदार जीत दर्ज की थी।

पार्टी ने 230 सीटों में से 163 सीटें जीतकर लगातार पांचवीं बार सत्ता हासिल की थी।

इस जीत के बाद, अधिकांश लोगों और विश्लेषकों को उम्मीद थी कि शिवराज सिंह चौहान, जो लंबे समय तक राज्य के सीएम रहे थे, एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद की कमान संभालेंगे।

लेकिन पार्टी की ओर से अचानक मोहन यादव के नाम की घोषणा ने सभी को हैरान कर दिया था।

चुनावी जीत का श्रेय लाड़ली बहना योजना को

शिवराज सिंह चौहान ने 2023 की भाजपा की शानदार जीत का श्रेय अपने कार्यकाल में शुरू की गई ‘लाड़ली बहना योजना’ को दिया।

यह योजना महिला सशक्तिकरण और आर्थिक सहायता से जुड़ी थी और माना जाता है कि इसने चुनावों में महिला मतदाताओं के बीच पार्टी के लिए व्यापक समर्थन जुटाया था।

शिवराज सिंह चौहान के इस बयान से दो साल पुराने एक राजनीतिक रहस्य पर से पर्दा उठ गया है।

उनकी इस बात ने न केवल पार्टी के भीतर की एकजुटता को दर्शाया है, बल्कि एक वरिष्ठ नेता की परिपक्व सोच और पार्टी हित को सर्वोपरि रखने की मानसिकता को भी उजागर किया है।

अब वह केंद्र सरकार में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे हैं और राज्य के विकास में एक नई भूमिका में योगदान दे रहे हैं।

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