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‘लोग गिर रहे थे और…’, चश्मदीद से सुनिए हाथरस भगदड़ की भयानक कहानी

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Hathras Stampede Eyewitness: 2 जुलाई को हुए हाथरस में हुई भगदड़ में करीब 122 जानें चली गई। जहां लोग अपनों के गम में बिलख रहे हैं वहीं प्रशासन हादसे की वजह ढूंढने में लगी हुई है। इस बीच हादसे की एक चश्मदीद का बयान सामने आया है, जिसने इस घटना का आंखों देखा हाल सुनाया।

ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल शीला मौर्या का बयान
भोले बाबा के सत्संग में सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात यूपी पुलिस की कांस्टेबल शीला मौर्या अभी हॉस्पिटल में एडमिट हैं जहां मीडिया उनसे सवाल करने पहुंचीं तो उन्होंने सारी घटना बताई-

“मैं मंच के सामने तैनात थी। आयोजन समाप्त होने के बाद वहां बहुत भीड़ थी। जो एक साथ ही बाहर निकलने लगी। ऐसे में लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। मैंने कई महिलाओं की मदद की, लेकिन बाद में मैं भी गिर गई। जिससे मुझे काफी चोटें आईं।

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मैं लोगों को बचाने की कोशिश कर रही थी
शीला ने आगे बताया कि वहां कीचड़ था और खेत था, जिस वजह से भीड़ वहां फंस गई। मेरी ड्यूटी घटनास्थल से थोड़ी आगे थी। लेकिन मैं लोगों को बचाने में लगी थी। जिस वजह से खुद भी घायल हो गई। उस वक्त वहां सर्वाइव करना बहुत मुश्किल था।

 सीएम को भी बताई घटना की कहानी
बीते रोज सीएम भी घायलों का हाल चाल पूछने पहुंचे थे। जहां उन्होंने शीला से भी मुलाकात की। ऐसे में शीला ने उनको भी इस दुखद घटना का पूरा ब्यौरा दिया।

गलती किसकी
जब शीला से ये पूछा गया कि गलती किसकी थी तो उन्होंने कहा- मैं ये कैसे कह सकती हूं कि गलती किसकी थी, वहां पब्लिक बहुत ज्यादा थी और परमिशन शायद कम लोगों की ली थी। जिस वजह से ये सब हुआ।

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इस बीच, हाथरस हादसे (Hathras Stampede) में प्रशासन की पहली रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया है कि सत्संग में हादसा भोले बाबा के चरणों की धूल लेने की वजह से हुआ। बाबा के सेवादारों ने लोगों से धक्का-मुक्की की जिससे भगदड़ मच गई।

जानकारी के मुताबिक, प्रशासन ने सत्संग के लिए 80 हजार लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन ढाई लाख लोग पहुंच गए थे। भगदड़ हुई तो सेवादार गेट पर खड़े हो गए।

उन्होंने लोगों को रोक दिया। इसके बाद भीड़ खेतों की तरफ भीड़ मुड़ गई और नीचे बैठे और झुके श्रद्धालुओं को कुचलती हुई निकल गई।

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