Mp youtube fake news: मध्य प्रदेश सरकार ने यूट्यूब पर फेक न्यूज और भ्रामक कंटेंट फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का फैसला किया है। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने सोशल मीडिया, खासकर यूट्यूब प्लेटफॉर्म पर अफवाहें और भ्रामक सामग्री (फेक कंटेंट) फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक समीक्षा बैठक में यूट्यूबर्स पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस महानिदेशक (DGP) कैलाश मकवाना को पूरा अधिकार (फ्री हैंड) दे दिया है।

फेक न्यूज फैलाने वालों के खिलाफ फैसला
सीएम यादव ने निर्देश दिए कि ऐसे यूट्यूबर्स, जो तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं, सरकार और विभिन्न विभागों के खिलाफ झूठी सामग्री बनाकर जनता में भ्रम फैलाते हैं या सामाजिक तनाव पैदा करने का काम करते हैं, उनके विरुद्ध कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाए।
सरकार ने स्पष्ट किया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कानून तोड़ने या अफवाह फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

पूर्व आईपीएस जनार्दन का किया जिक्र
बैठक में मुख्यमंत्री ने एक महत्वपूर्ण उदाहरण देते हुए पूर्व आईपीएस अधिकारी जी. जनार्दन का जिक्र किया।
वर्ष 2004 में उज्जैन के एसपी रहे जनार्दन ने तत्कालीन एक बड़ी कार्रवाई करके चर्चा बटोरी थी।
सीएम यादव ने कहा कि ठीक उसी प्रकार की दृढ़ता और त्वरित कार्रवाई की आज जरूरत है।
उन्होंने अधिकारियों को आगाह किया कि समय रहते कार्रवाई न होने से हालात बिगड़ सकते हैं और सरकार ऐसा होने नहीं देगी।

हर तरह के कंटेंट पर रखे नजर
सोशल मीडिया निगरानी को मजबूत करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने सभी आईजी, डीआईजी और एसपी स्तर के अधिकारियों को कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सोशल मीडिया, विशेष रूप से यूट्यूब पर नजर रखें।
उन कंटेंट्स पर खास निगरानी रखी जाए जो धार्मिक, जातीय या सामाजिक विद्वेष फैलाने का कारण बन सकते हैं।
हालांकि, यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया कि कार्रवाई पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया और पारदर्शिता के साथ हो, ताकि किसी निर्दोष व्यक्ति को परेशानी न हो।

सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता और पुलिस भर्ती के निर्देश
इस बैठक में सड़क सुरक्षा एक अहम मुद्दा रहा।
मुख्यमंत्री ने हर साल सड़क हादसों में होने वाली बड़ी संख्या में मौतों पर गहरी चिंता जताई।
उन्होंने निर्देश दिया कि इन दुर्घटनाओं और मौतों को कम करने के लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए और हर संभव प्रयास किए जाएं।
इसके तहत वरिष्ठ अधिकारियों को अचानक निरीक्षण (सरप्राइज चेक) शुरू करने के भी आदेश दिए गए।
साथ ही, पुलिस बल को मजबूत बनाने के लिए सीएम यादव ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने पर जोर दिया।
उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि पुलिस भर्ती बोर्ड की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के लिए तेजी से कार्यवाही की जाए।

सरकार का स्पष्ट संदेश
मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम एक स्पष्ट संदेश देता है कि कानून सबके लिए समान है, चाहे वह आम आदमी हो या सोशल मीडिया का बड़ा यूट्यूबर।
नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, जिम्मेदारीपूर्ण और तथ्यात्मक कंटेंट बनाने वाले मीडिया रचनाकारों को सरकार का सहयोग मिलता रहेगा।
सरकार का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि डिजिटल स्पेस में अफवाहों और भ्रम पर अंकुश लगाकर समाज में शांति और विश्वास कायम रखा जा सके।


