Bulldozer on ashram: हाथरस सत्संग हादसे में 124 लोगों की मौत हो गई और बड़ी तादाद में लोग हॉस्पिटल में भर्ती करवाए गए।
बाबा की तलाश में जगह-जगह पुलिस का छापा, सत्संग में मौत के हाहाकार की गूंज पूरे देश में सुनाई दे रही है।
48 घंटे से ज्यादा का वक्त हो चुका है, लेकिन हाथरस हादसे का गुनहगार बाबा का कहीं अता-पता नहीं है।
इस हादसे ने मौत का तांडव दिखाने के साथ कई सवालों को जन्म दिया है। सवाल सरकार पर भी उठ रहे हैं कि जिस योगी सरकार में ये हादसा हुआ वो योगी सरकार अपनी तेज तर्रार कार्यशैली के लिए जानी जाती है।
कोई भी गुंडा हो बदमाश हो अपराधी हो, योगी सरकार में बख्शा नहीं जाता। यहां तक कि अपराधियों के ठिकाने नेस्तनाबूद कर दिए जाते हैं। सवाल यही है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार नारायण साकार के आश्रम पर बुलडोजर (Bulldozer on ashram) क्यों नहीं चला रही?
ये सवाल इसलिए लाजमी है कि योगी आदित्यनाथ ने हादसे के तुरंत बाद कहा था कि ये हादसा है या साजिश पूरी जांच की जाएगी यानी वो जानते हैं कि कुछ तो है जिसकी पर्दादारी है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर दबिश, छापे और बाबा के चंद अनुयायियों की धरपकड़ ही हो पाई है।
इस मामले में कहां गई उत्तर प्रदेश की पुलिस और प्रशासन, जो हरकत में नहीं आया। क्यों नहीं चला दिया गया यहां बुलडोजर। हाथरस में जो हुआ, क्या वो अपराध की श्रेणी में नहीं आता? नारायण साकार को कटघरे में खड़ा करने के लिए इतना काफी नहीं कि उनके सत्संग में 124 लोगों की जान चली गई।
बहरहाल आइए आपको बताते है कहां-कहां है नारायण साकार के आश्रम जहां हाथ डालने से हिचक रही है योगी सरकार –
- 100 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का मालिक है नारायण साकार
- हाथरस भोले बाबा ट्रस्ट के नाम पर लेते हैं दान
- पश्चिम यूपी में हैं बाबा के 25 आश्रम
- मैनपुरी में है बाबा का बड़ा ठिकाना, 80 सेवादारों की फौज रहती है तैनात
- हर जिले में बनाया है ट्रस्ट, हर जिले में लोगों को जोड़ने बनाई है कमेटी
- बाबा के साथ चलता है लग्जरी गाड़ियों का काफिला
- बाबा का दावा है वो किसी से दान नहीं लेते
- हैरान करने वाली है बाबा की लग्जरी लाइफ
- 1999 में यूपी पुलिस में सिपाही था नारायण साकार
- नौकरी से इस्तीफा देकर पटियाली में खोला था आश्रम
- खुद को बताता था भगवान विष्णु अवतार
- बाबागीरी का धंधा चमकाने भोले बाबा रख लिया नाम
इस जानकारी से आपको अंदाजा लग गया होगा कि ऐसी है बाबा की झांकी जिसके अनुयायियों में हर वो खासो आम शामिल था जिन्हें यकीन दिलाया गया था कि बाबा के पास हर मर्ज की दवा है।
लेकिन, जिस भोले बाबा के सत्संग में मौत ने तांडव मचाया हो उससे साफ समझ में आता है कि बाबा के आभामंडल की कहानी फकत आडंबर के कुछ नहीं।
हैरत इसी बात की है कि उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के संकल्प के साथ काम कर रही योगी सरकार को बाबा का अपराध क्यों दिखाई नहीं देता?
क्यों नहीं बाबा के आशियाने पर बुलडोजर (Bulldozer on ashram) चलाने की हिम्मत जुटा पा रहे योगी आदित्यनाथ। अब चाहे जो भी हो मजबूरी, लेकिन मामला संगीन है। डंडा चलाना है जरूरी।