Disappointed BJP Veterans : मोहन यादव मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया। एक अदद रामनिवास रावत को मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए राजभवन मे शपथ ग्रहण समारोह हुआ जिसमें राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने रावत को कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई।
चलिए ये तो हो गई कहानी रामनिवास रावत को बीजेपी में शामिल होने के बदले दिए गए तोहफे की।
अब बात बीजेपी के उन दिग्गजों की जो आस लगाए बैठे थे कि मोहन यादव कब मंत्रिमंडल का विस्तार करें और उन्हे एक बार फिर मंत्री बनने का मौका मिले, लेकिन उनके हाथ आई तो बस मायूसी।
जो सबसे चर्चित नाम हैं जिनके बारे में कयास लगाए जा रहे थे कि इन्हें तो मंत्री बनाया ही जाएगा उनमें सबसे पहला नाम आता है बीजेपी के कद्दावर और वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव।
फिर आते हैं भूपेन्द्र सिंह, रमेश मेंदोला, कमलेश शाह, संजय पाठक और सीताशरन शर्मा।
आइए जानते हैं बीजेपी के इन दिग्गजों (Disappointed BJP Veterans) का कद और प्रभाव और ये भी कि आखिर क्यों इन्हें मोहन यादव मंत्रिमंडल में मौका नहीं मिला।
गोपाल भार्गव –
- बीजेपी के सबसे वरिष्ठ विधायक
- 9 बार के विधायक है गोपाल भार्गव
- उमा भारती मंत्री मंडल में शामिल रहे
- शिवराज मंत्री मंडल में हमेशा शामिल रहे
- 2018 में कांग्रेस की सरकार में नेता प्रतिपक्ष बने
- 4 दशक के करियर में अपराजेय रहे हैं गोपाल भार्गव
- 2023 में 9 वीं बार रिकॉर्ड 72800 मतों से जीते
- मोहन सरकार में भार्गव को मंत्री नहीं बनाया गया
भूपेन्द्र सिंह –
- बीजेपी के कद्दावर नेता
- खुरई से विधायक है भूपेन्द्र सिंह
- शिवराज कैबिनेट के सदस्य रहे भूपेन्द्र सिंह
- 2009 में सागर से लोकसभा का चुनाव जीता
- मोहन सरकार में इन्हे मंत्री बनने का मौका नहीं मिला
रमेश मेंदोला –
- बीजेपी के लोकप्रिय नेता
- इंदौर-2 से 2008 से जीत रहे हैं
- मेंदोला के नाम भारी मतों से जीतने का रिकॉर्ड
- 2023 में एक लाख से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की
- इतने अच्छे ट्रेक रिकॉर्ड के बाद भी मंत्री नहीं बनाए गए
- इस बार भी मेंदोला नाउम्मीद ही रहे मेंदोला
कमलेश शाह –
- कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए है
- अमरवाड़ा उप चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी है
- लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए
- कयास थे कमलेश शाह को मंत्री पद से नवाजा जाएगा
संजय पाठक –
- पांच बार के विधायक हैं संजय पाठक
- 2008 और 2013 में विजयराघवगढ़ से विधायक रहे
- 2014 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए संजय पाठक
- 2016 से 2018 तक राज्य मंत्री के रूप में काम किया
- मंत्री पद के प्रमुख दावेदार माने जा रहे थे पाठक
सीतासरन शर्मा –
- भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं सीताशरन शर्मा
- 2014 से 2019 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे
- 2023 में छठवीं बार विधायक चुने गए
- सीतासरन शर्मा के मंत्री बनाए जाने की अटकले थीं
- मोहन सरकार में नहीं मिला मंत्री पद
ये तो रहे वो चर्चित नाम जिनका कद और ट्रेक रिकॉर्ड बताता है कि ये सारे मंत्री बनने की तमाम योग्यताएं रखते हैं।
इसके अलावा रामेश्वर शर्मा और विष्णु खत्री जैसे विधायक भी हैं जो लगातार अपने क्षेत्रों में जीत का परचम लहराते आ रहे हैं।
मंत्री पद की दौड़ में इन्हें भी देखा जा रहा है, लेकिन सवाल यही है कि गोपाल भार्गव सरीखे जहां साइड लाइन से कर दिए गए हैं वहां इन्हें मौका कब मिलेगा, कहा नहीं जा सकता।
कुल जमा रामनिवास रावत को मिलाकर अब मोहन मंत्रिमंडल में 31 मंत्री हो गए हैं। अभी भी तीन मंत्री और बनाए जा सकते हैं।
लेकिन, कब और किन्हें मौका मिलेगा, फिलहाल कहना मुश्किल है। कुल जमा बीजेपी में वो ज्यादा तवज्जो पा रहे हैं जो कांग्रेस छोड़कर आए कहना गलत नहीं होगा।
बाकि बीजेपी को फर्श से अर्श तक पहुंचाने वाले समर्पित नेताओं और कार्यकर्ताओं की कमी नहीं है, लेकिन रिवाज है सियासत में फायदा देखना सो देखा जा रहा है।
बाकी सियासत है यहां कुछ भी हो सकता है, लेकिन जिन चेहरों का जिक्र हमने किया उनके लिए यही कहा जा सकता है वेट एंड वॉच।