Karnataka Reservation: बेंगलुरू। कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने बड़ा फैसला किया है।
कर्नाटक में अब प्राइवेट फर्म में ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों पर कन्नड़ लोगों के लिए 100 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य करने वाले बिल को मंजूरी दे दी गई है।
बीते सोमवार को हुई कर्नाटक मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला (Karnataka Reservation) किया गया जिसकी जानकारी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर दी।
सिद्धारमैया ने लिखा है कि मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के सभी निजी उद्योगों में ‘सी और डी’ ग्रेड के पदों पर 100 प्रतिशत कन्नड़ लोगों की भर्ती अनिवार्य करने वाले विधेयक को मंजूरी दी गई।
इसके साथ ही सीएम ने लिखा है कि हम कन्नड़ समर्थक सरकार हैं। हमारी प्राथमिकता कन्नड़ लोगों के कल्याण करना है।
ನಮ್ಮ ಸರ್ಕಾರವು 7ನೇ ವೇತನ ಆಯೋಗದ ವರದಿಯ ಶಿಫಾರಸ್ಸುಗಳನ್ನು ಆಗಸ್ಟ್ 01 ರಿಂದ ಜಾರಿಗೆ ಕೊಡಲಿದೆ. ಇದರಿಂದ ಸರ್ಕಾರಿ ನೌಕರರ ಮೂಲವೇತನ ಮತ್ತು ಪಿಂಚಣಿಯಲ್ಲಿ ಶೇ.58.50 ಹಾಗೂ ಮನೆಬಾಡಿಗೆ ಭತ್ಯೆಯಲ್ಲಿ ಶೇ.32 ಹೆಚ್ಚಳವಾಗಲಿದೆ. ಈ ಪರಿಷ್ಕರಣೆಯು ಅನುದಾನಿತ ಶಿಕ್ಷಣ ಸಂಸ್ಥೆ ಹಾಗೂ ಸ್ಥಳೀಯ ಸಂಸ್ಥೆಗಳ ನೌಕರರು ಮತ್ತು ವಿಶ್ವವಿದ್ಯಾಲಯಗಳ ಬೋಧಕೇತರ… pic.twitter.com/WKgeVrFsah
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) July 16, 2024
दूसरी तरफ, विधि विभाग के सूत्रों ने बताया कि ‘कर्नाटक राज्य उद्योग, कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों में स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार विधेयक, 2024’ गुरुवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा।
बिल (Karnataka Reservation) के मुताबिक, यदि उम्मीदवारों के पास कन्नड़ भाषा के साथ माध्यमिक विद्यालय का प्रमाण पत्र नहीं है, तो उन्हें ‘नोडल एजेंसी’ द्वारा कन्नड़ भाषा में परीक्षा पास करनी होगी।
इसके साथ ही अगर कोई भी नियोक्ता, अधिभोगी या प्रतिष्ठान के प्रबंधक इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं, उन्हें 10,000 रुपये से 25,000 रुपये तक के जुर्माने भरना पड़ेगा।
प्रस्तावित बिल (Karnataka Reservation) में कहा गया है कि यदि जुर्माना लगाए जाने के बाद भी उल्लंघन जारी रहता है, तो उल्लंघन जारी रहने तक प्रत्येक दिन के लिए 100 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।