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UJJAIN में निकली महाकाल की सवारी, बाबा ने जाना प्रजा का हाल

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Ujjain Mahakal Sawari: उज्जैन में सावन माह के पहले सोमवार पर बाबा महाकाल की पहली सवारी निकाली गई। राजसी ठाठ बाट के साथ बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकले।

भगवान के मनमहेश स्वरूप में दर्शन करने के लिए सड़कों पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। महाकालेश्वर मंदिर से शाम 4 बजे शुरू हुई बाबा की सवारी नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई शिप्रा नदी पहुंची। यहां रामघाट पर जल अभिषेक के बाद सवारी पुनः महाकाल मंदिर के लिए रवाना हुई।

शाम को पूजन के बाद राजा महाकाल को चांदी की पालकी में बैठाकर मंदिर से बाहर लाया गया। मंदिर से निकलते ही पुलिस बैंड औऱ जवानों के द्वारा सवारी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया ।

मध्य प्रदेश सरकार के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री हितानंद शर्मा भी मौजूद रहे।

पहली बार जनजातीय कलाकारों ने दी प्रस्तुति

भगवान महाकाल की सवारी में पहली बार दो एलईडी रथों को शामिल किया गया है। वहीं महाकाल की सवारी में पहली बार जनजातीय कलाकारों के दल ने पारंपरिक वेशभूषा में प्रस्तुति दी।

गाजे-बाजे के साथ निकली सवारी में जहां सबसे आगे मंदिर का प्रतिनिधित्व करता चांदी का ध्वज रहा। वहीं पीछे पुलिस का अश्वरोही दल, पुलिस बैंड, सशस्त्र बल की टुकड़ी शामिल हुई।

करीब 5 किलो मीटर लंबे सवारी मार्ग पर पांच ड्रोन के माध्यम से निगरानी रखी गई। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब दोहरे सुरक्षा उपकरणों से चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है। महाकाल मंदिर के अलावा गोपाल मंदिर परिसर में भी कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।

सावन मास में प्रजा का हाल जानने निकलते हैं बाबा

मान्यता है कि वर्षा काल में सृष्टि का संचालन करने वाले सभी देवता शयन काल में चले जाते हैं। जबकि बाबा महाकाल सृष्टि का संचालन करते हैं। ऐसे में सावन मास में महाकाल प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलते हैं।

22 जुलाई से सवान माह शुरु हो चुका है और खास बात यह है कि इस पवित्र माह की शुरुआत भी सोमवार से हुई है। वहीं सावन के पहले सोमवार पर उज्जैन महाकाल मंदिर में 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचे।

भगवान महाकाल की भस्म आरती के लिए रविवार रात 2.30 बजे ही महाकाल मंदिर के पट खोल दिए गए। भस्म आरती में 17 हजार भक्तों ने भस्म आरती में दर्शन किए हैं।

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